गिट्स के छात्रों ने मुम्बई में हुई इनोवेशन प्रतियोगिता ‘‘विजाथाॅन-2021’’ में लहरया परचम
प्रोफेसर लतिफ खान के निर्देशन में विद्यार्थी मोहम्मद अतिक समा, शुभम वागरेचा तथा लोकेश भट्ट ने ‘‘फोरेस्ट फायर कन्ट्रोल ड्रोन’’ का निर्माण किया हैं। छात्रों द्वारा निर्मित यह ड्रोन खासकर ऊँची पहाडियों तथा ऊँचे भवनों में आग बुझाने के लिए बहुत ही कारगर तकनीक हैं।
गीतांजली इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्निकल स्टडीज डबोक उदयपुर के छात्रों ने मुम्बई स्थित अर्थव काॅलेज ऑफ़ इन्जिनियरिंग में आयोजित इनोवेशन प्रतियोगिता ‘‘विजाथाॅन-2021’’ में ऊँची पहाडियों तथा ऊँची भवनों में आग बुझाने के नवीनतम तकनीक बनाकर पूरे भारत वर्ष से सम्मिलित 120 टीमों में तृतीय स्थान प्राप्त कर पूरे उदयपुर का नाम रोशन किया हैं।
संस्थान निदेशक डाॅ. विकास मिश्र ने बताया कि गर्मी के महिनों में पहाडियों पर आग लगने की समस्याओं को हम लगातार कई वर्षों से देखते आ रहें हैं। स्थिति और भयावह हो जाती है जब यह आग मई और जून महिने में लगती हैं जिससे जन और प्राकृतिक धन दोनों का अपार नुकसान होता हैं।
इन्ही सब समस्याओं से निजात पाने के लिए इलेक्ट्रिोनिक्स एण्ड कम्युनिकेशन इन्जिनियरिंग के सहायक प्रोफेसर लतिफ खान के निर्देशन में विद्यार्थी मोहम्मद अतिक समा, शुभम वागरेचा तथा लोकेश भट्ट ने ‘‘फोरेस्ट फायर कन्ट्रोल ड्रोन’’ का निर्माण किया हैं। छात्रों द्वारा निर्मित यह ड्रोन खासकर ऊँची पहाडियों तथा ऊँचे भवनों में आग बुझाने के लिए बहुत ही कारगर तकनीक हैं।
सहायक प्रो. लतिफ खान के अनुसार पहाडों पर भीषण गर्मी से लगने वाले आग को बुझाने के लिए एक केमिकल बाॅल का उपयोग किया जायेगा । इस केमिकल बाॅल को ड्रोन की सहायता से आग लगने वाली जगह पर गिराया जायेगा। जिससे बाॅल में होने वाली रासयनिक अभिक्रियाओं से आग बुझाने में मदद मिलेगी।
इलेक्ट्रिोनिक्स एण्ड कम्युनिकेशन इन्जिनियरिंग के विभागाध्यक्ष डाॅ. राजीव माथुर ने विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि विभाग द्वारा पिछले कई वर्षो से विद्यार्थियों को ड्रोन की नवीनतम तकनीक पर प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा हैं। उसी के फलस्वरूप विद्यार्थियो ने इस ड्रोन का निर्माण करके देश के पटल पर गिट्स का नाम रोशन किया हैं।
संस्थान के वित्त नियंत्रक बी.एल. जांगिड ने कहा कि जहां एक तरफ असामाजिक तत्वो द्वारा ड्रोन की तकनीक का दुर्पयोग करके आतंकवाद का बढावा दे रहे हैं वही दूसरी तरफ गिट्स के विद्यार्थी तकनीकी का सदोपयोग करके समाजोपयोगी काम कर रहें हैं।