GITS एवं MSME के संयुक्त तत्वाधान में ग्रेफिक्स डिजाइन पर एक माह की ट्रेनिंग का शुभारम्भ
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम भारत के आर्थिक विकास के लिए बहुत अहम हैं। इसी को देखते हुए गीतांजली इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्निकल स्टडीज डबोक उदयपुर एवं भारत सरकार के अन्तर्गत आने वाले एम.एस.एम.ई. (माइक्रो, स्माल, एवं मिडियम इन्टरप्राईजेज) के संयुक्त तत्वाधान में ग्रेफिक्स डिजाइन पर विद्यार्थियों के लिए 01 माह की ट्रेनिंग क शुभारम्भ हुआ।
संस्थान निदेशक डाॅ. एन. एस. राठौड ने बताया कि देश में बढ़ रहे स्टार्टअप इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार काॅलेज स्तर पर विद्यार्थियों को MSME से जोडने का प्रयास कर रही हैं। इसी के तहत गिट्स एवं एम.एस.एम.ई. एक्सटेंशन सेंटर उदयपुर के संयुक्त तत्वाधान में विद्यार्थियों के लिए ग्रेफिक डिजाइन पर एक माह की ट्रेनिंग की शुरूआत की गई हैं।
डाॅ. राठौड ने बताया कि ग्रेफिक डिजाइन पर ट्रेनिंग प्राप्त करने के पश्चात् विद्यार्थी वेब डिजाइनिंग, समाचार पत्रों एवं पत्रिकाओं आदि में प्रयोग किये जाने वाले विज्ञापनों, उत्पाद पैकेजिंग एवं डिजाइन आदि के साथ-साथ स्टार्टअप में अपना केरियर बना सकते हैं। एम.एस.एम.ई. भारत के सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 8 प्रतिशत का योगदान प्रदान करता हैं जो आने वाले समय में और आगे जाने की संभावना हैं।
कार्यक्रम के संयोजक डाॅ. हिना ओझा के अनुसार इस कार्यक्रम के शुभारम्भ के अवसर पर एम.एस.एम.ई. एक्सटेंशन सेंटर उदयपुर के सहायक निदेशक एम. गणेश, ट्रेनिंग काॅर्डिनेटर पुलकित एवं ट्रेनर रंजीत भाटी उपस्थित रहे। इस ट्रेनिंग में बी.टेक एवं बीसीए के 40 विद्यार्थियों को 30 दिन की ट्रेनिंग संस्थान के कैम्पस में ही प्रदान की जायेगी जो कि इनके स्किल को बढ़ाने में सहायक होगी।
धन्यवाद ज्ञापन कम्प्यूटर साईंस विभागाध्यक्ष डाॅ. मयंक पटेल के द्वारा दिया गया एवं संचालन अस्सिटेंट प्रो. उर्वशी राठौड द्वारा किया गया। इस अवसर पर वित्त नियंत्रक बी.एल. जांगिड ने कहा कि भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए युवाओं को स्टार्टअप एवं अन्र्तप्रन्योरशिप के लिए प्रोत्साहित करना पडेगा।