GITS-अंडरस्टैंडिंग द कॉन्ट्रैक्ट मनुफक्चरिंग फॉर इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्ट्स पर वेबिनार
इस क्षेत्र में आउटसोर्सिंग का रोल महत्वपूर्ण है और यह छात्रों के ज्ञान और कौशल को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण माध्यम हो सकता है
गीतांजलि इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्निकल स्टडीज डबोक उदयपुर में आई ई ई ई एवं गिट्स के संयुक्त तत्वाधान में अंडरस्टैंडिंग द कॉन्ट्रैक्ट मनुफक्चरिंग फॉर इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्ट्स पर एक दिवसीय वेबिनार का आयोजन हुआ।
संस्थान के निदेशक डॉ. एन एस राठौड़ ने बताया कि विश्वभर में इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों की मांग में पैमाने पर वृद्धि हो रही है और इस परिप्रेक्ष्य में कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इस क्षेत्र में आउटसोर्सिंग का रोल महत्वपूर्ण है और यह छात्रों के ज्ञान और कौशल को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण माध्यम हो सकता है।
गिट्स ने आई ई ई ई चैप्टर के माध्यम से विधार्थियों के अंदर स्किल और कौशल को बढ़ाने के लिए नई पहल की शुरुआत की है जिसमे अधिक से अधिक विद्यार्थी इस चैप्टर से जुड़ कर इसका फायदा उठा रहे है।
इस वेबिनार में जेनेका कंसल्टिंग के फाउंडर श्री अमर प्रीत सिंह को मुख्य वक्ता के रूप में आमंत्रित किया गया था। मुख्य वक्ता ने आउटसोर्सिंग का मतलब समझाते हुए कहा कि कि एक कंपनी अपने उत्पादों की विनिर्माण प्रक्रिया को दूसरी कंपनियों या सापेक्ष निर्माणालयों को आउटसोर्स करती है। इसके फायदे में समय और लागत कमी होती है और विनिर्माण क्षमता में वृद्धि होती है। इसके अलावा, छात्रों के लिए एक बड़ा अवसर है क्योंकि वे उच्च शिक्षा के बाद अधिक उच्च कौशल और ज्ञान के साथ इस क्षेत्र में नौकरियाँ पा सकते हैं। इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों की कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग के माध्यम से कंपनियों अपने उत्पादों की विनिर्माण क्षमता को बढ़ा सकती हैं। यह न केवल उत्पादक कंपनियों के लिए लाभकारी हो सकता है, बल्कि छात्रों को भी नौकरियों के लिए एक नया रास्ता खोल सकता है।
इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग विभगाध्यक्ष डॉ अम्रुत अनिल राव पुरोहित के अनुसार इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों की कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग ने नौकरियों के लिए एक नया माध्यम प्रदान किया है और छात्रों को अधिक उच्च शिक्षा के बाद भी अपने करियर के प्रति उत्साहित किया है। धन्यवाद ज्ञापन असिस्टेंट प्रोफेसर संदीप दास दवारा दिया गया। कार्यक्रम का सञ्चालन छात्रा यशश्वी गोयल दवारा किया गया। इस अवसर पर वित् नियंत्रक बी एल जागीड ने कहा कि इसके द्वारा छात्र अपने शैक्षिक कैरियर के दौरान अपने कौशल और ज्ञान को प्रैक्टिकल अनुभव में परिणत कर सकते हैं।