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सैकड़ो शिक्षकों का स्कूल में कार्य ग्रहण अटका

शिक्षको को आचार संहिता का हवाला देकर वापिस लौटा दिया गया

 

उदयपुर जिले में नई शिक्षक भर्ती में चयनित शिक्षको की निजी संस्थानो से अर्जित डिग्री का सत्यापन समय पर नही कराने, लेवल टू में चयनित दिव्यांग शिक्षको की मेडिकल बोर्ड द्वारा जांच रिपोर्ट नही मिलने सहित सैकड़ो शिक्षकों के काउसलिंग के होने के बाद भी स्कूल में कार्य ग्रहण, चुनाव की आचार संहिता लग जाने के बाद अटक गया है। आज कार्य ग्रहण करने गए विभिन्न सीबीइओं कार्यलयो में शिक्षको को आचार संहिता का हवाला देकर वापिस लौटा दिया गया।

इस सम्बंध में राजस्थान शिक्षक एवं पंचायती राज कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष शेर सिंह चौहान के नेतृत्व में पीडित शिक्षक मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद कीर्ति राठौड़ से मिलकर निजी संस्थानो की डिग्री का सत्यापन तथा दिव्यांग शिक्षको की मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट की कार्यवाही शीघ्र कराने के साथ साथ इन शिक्षको के आचार संहिता के कारण स्कूलों में कार्यग्रहण की प्रक्रिया पर लगी रोक हटाने की अनुमति चुनाव आयोग के शीघ्र प्राप्त करने की मांग की है, जिससे स्कूलों में नए शिक्षक मिलने से बालको की पढ़ाई का कार्य निरंतर व सुचारू रूप से हो सके।

साथ ही चौहान ने संयुक्त निदेशक स्कूली शिक्षा बल्लूराम खिचड़ से मिलकर टीएसपी से नॉन टीएसपी में समायोजित 287 उन शिक्षको की जिनके विद्यालय में इनके पद विरुद्ध रिलीवर नही विद्यालय है, उनकी भी काउसलिंग शीघ्र कराने की मांग की है।

प्रतिनिधि मंडल में जिलाध्यक्ष सतीश जैन, नवीन व्यास, कमलेश शर्मा, भैरूलाल कलाल, रईस खान, प्रेम सिंह भाटी, महावीर गुर्जर, मंगला राम देवासी, दिग्विजय दर्जी, योगेश मेनारिया, कन्हैयालाल मीणा आदि साथ थे।