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GITS में 24 घण्टे से चल रहे आन्तरिक स्मार्ट इण्डिया हैकथाॅन-2024 का समापन

सभी विजेता टीमें द्वितीय चरण में होने वाले राष्ट्रीय स्तर के हैकथाॅन में प्रतिभाग करेगी

 

उदयपुर 7 सितंबर 2024। गीतांजली इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नीकल स्टडीज (GITS) डबोक उदयपुर में केन्द्रीय मानव विकास मंत्रालय एवं आई.सी.टी.ई. के संयुक्त तत्वाधान में चल रहे आन्तरिक स्मार्ट इण्डिया हैकथाॅन-2024 का समापन हो गया।

संस्थान के निदेशक डाॅ. एन. एस. राठौड ने बताया कि स्मार्ट इण्डिया हैकथाॅन में देशभर के तकनीकी संस्थानों के विद्यार्थी अपनी अपनी रिसर्च के जरिये विभिन्न औद्योगिक संस्थानों के विकास में योगदान करते है तथा सामाजिक समस्याओं के निराकरण के लिए तकनीकी समाधान प्रदान करते हैं। यह एक देशव्यापी प्रतियोगिता है जिसका उद्देश्य नये इनोवेशन करना तथा तकनीकी समस्याओं के निदान के लिए टेक्नोलाॅजी विकसित करना हैं। 

24 घण्टे चलने वाले इस आन्तरिक हैकथाॅन में गिट्स के विद्यार्थियों ने साॅफ्टवेयर आधारित प्रोबलम स्टेटमेंट पर 22 टीमों ने भाग लिया जिसमें 09 हार्डवेयर की टीम तथा 13 साॅफ्टवेयर की टीम थी। इस हैकथाॅन में प्रतिभागी मिनिस्ट्री ऑफ़ पाॅवर, मिनिस्ट्री ऑफ़ हाउसिंग एण्ड अरबन अफेयर, मिनिस्ट्री ऑफ़ लाॅ एण्ड जस्टिस, मिनिस्ट्री ऑफ़ एन्वायरमेंट के साथ-साथ विभिन्न राज्य सरकारों जैसे गर्वेमेंट ऑफ़ केरला, झारखंड, हिमाचल प्रदेश, गुजरात तथा जम्मु एण्ड कश्मीर जैसे राज्यों के बुनियादी समस्याओं का भी तकनीकी समाधान प्रस्तुत किया।

एस.आई.एच. 2024 स्पोक डाॅ. मयंक पटेल के अनुसार भारत सरकार द्वारा प्रतियोगिता यह हैकथाॅन दो चरणों में प्रतिपादित होता हैं। जिसमें पहला चरण गिट्स के केम्पस में 06 सम्मानित जज निमोलेब के फाउण्डर डायरेक्टर मोहित माहेश्वरी एवं हेड ऑपरेशन नितिन पुरोहित, इंफोसिस के सौरभ श्रीवास्तव, सिक्योर मीटर के करण सिंह आसोलिया, वेबनिक्स के सूरज जोशी, एन्गीरस इण्डिया प्रा. लिमिटेड के लोकेश पुरी गोस्वामी के गहन मूल्यांकन के उपरान्त सम्पन्न हुआ।

जिसमें 3 टीम हार्डवेयर एवं 3 टीम साॅफ्टवेयर की मिलाकर कुल 06 टीमें विजयी रही। साॅफ्टवेयर टीम से से डिबगिंग अर्थ प्रथम स्थान पर एवं हार्डवेयर टीम इको हस्तलेर्स प्रथम स्थान पर रही। सभी विजेता टीमें द्वितीय चरण में होने वाले राष्ट्रीय स्तर के हैकथाॅन में प्रतिभाग करेगी। 

इस अवसर पर वित्त नियंत्रक बी.एल. जांगिड ने कहा कि अब वह वक्त आ गया है कि समाज के अन्तिम पंक्ति बैठे व्यक्ति के लिए कुछ किया जाए तथा रोजमर्रा की समस्याओं का इन्जिनियरिंग के माध्यम से तकनीकी समाधान निकाला जाये।