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इंजीनियरिंग में एडमिशन के लिए 12वीं में मैथ्स और फिजिक्स पढ़ना जरुरी नहीं

देशभर में यह नियम सत्र 2021-22 से किया जाएगा लागू 

 
AICTE संशोधित नियमों के अनुसार इंजीनियरिंग के स्नातक कोर्सेज में एडमिशन के लिए आवेदन करने के लिए छात्रों को 12वीं में कम से कम 45 प्रतिशत अंको की जरुरत होगी और 14 विषयों की सूची में से तीन विषयों में पास होना आवश्यक

ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन(AICTE) ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई को लेकर बेहद अहम फैसला लिया है। ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन की ओर से फैसला लिया गया है कि अब बीई या बीटेक कोर्स करने के लिए 12वीं क्लास तक मैथ्स और फिजिक्स लेना जरुरी नहीं होगा। देशभर में यह नियम सत्र 2021-22 से लागू करवा दिया जाएगा।

आपको बता दे कि इससे पहले इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी के अंडरग्रेजुएट कोर्सेेज में एडमिशन लेने के लिए स्टूडेन्ट को मैथ्स और फिजिक्स विषय से पढ़ाई करना जरुरी होता था। ऐसे में जिन स्टूडेट्स के पास 12वीं में फिजिक्स और मैथ्स नहीं होता था तो वे यह कोर्स में एडमिशन नहीं ले सकते थे। 

AICTE की ओर से इस फैसले की खास बात यह होगी कि AICTE संशोधित नियमों के अनुसार इंजीनियरिंग के स्नातक कोर्सेज में एडमिशन के लिए आवेदन करने के लिए छात्रों को 12वीं में कम से कम 45 प्रतिशत अंको की जरुरत होगी और 14 विषयों की सूची में से तीन विषयों में पास होना आवश्यक होगा। कोई संस्थान नए पाठ्यक्रम तब ही शुरु कर सकेगा। जब 2019-20 में उसके यहां 50% या उससे अधिक स्टूडेट्स एडमिशन ले चुके हो।

वहीं छात्रों को पहले, दूसरे साल से किसी शाखा या पाठयक्रम को छोड़ दूसरे में प्रवेश लेने की सुविधा होगी। एक दो सालों में जो पढ़ा, उसका स्किल सर्टिफिकेट दिया जाएगा। इस बदलाव से बीई (बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग), बीटेक (बेचलर ऑफ टेक्नोलॉजी) जैसे पाठयक्रमों के दरवाजे मेडिसन, कॉमर्स और व्यवसायिक शिक्षा वाले स्टूडेंट्स के लिए भी खुलेेगें। जिन विद्दार्थियों ने 3 साल का डिप्लोमा कोर्स के लिए आवेदन कर सकेंगे। जिन स्टूडेंट्स का मैथ्स, फिजिक्स, इंजीनिरिंग का बैकग्राउंड नहीं रहा है, उनके लिए 'उपयुक्त ब्रिज कोर्स' की भी पेशकश की जाएगी।