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MLSU  में बनेगा जैनविद्या और प्राकृत  भाषा का अंतरराष्ट्रीय स्तर का सेंटर ऑफ एक्सीलेंस

सुविवि ने जैनविद्या और प्राकृत भाषा को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय ने व्यापक स्तर पर प्रयास शुरू कर दिए गए हैं
 

जल्दी ही मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के जैनोलॉजी और प्राकृत विभाग को अंतरराष्ट्रीय स्तर के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित किया जा रहा है । सुविवि ने जैनविद्या और प्राकृत भाषा को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय ने व्यापक स्तर पर प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। इसके तहत उदयपुर के सकल दिगम्बर जैन समाज के अध्यक्ष शांतिलाल वेलावत के साथ कुलपति और प्रोफेसर्स की बैठक आयोजित की गई ।  

एक दिन पहले ही श्री आदिनाथ भवन में सकल दिगंबर जैन समाज और जैन विद्या तथा प्राकृत विभाग मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के तत्वावधान में आयोजित प्राकृत प्रोत्साहन संगोष्ठी में कुलपति प्रोफेसर अमेरिका सिंह ने जैनोलॉजी और प्राकृत भाषा को प्रोत्साहित करने और नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के आलोक में भविष्य की योजना को ध्यान में रखकर विश्वविद्यालय में 30,000 वर्ग फिट भूमि भवन निर्माण के लिए देने की घोषणा की थी । 

सकल दिगम्बर जैन समाज के अध्यक्ष शांतिलाल वेलावत और अन्य पदाधिकारियों के द्वारा उस मौके पर कुलपति को एक ज्ञापन प्रस्तुत किया गया था जिसमें कहा गया था कि यदि विश्वविद्यालय में उन्हें भूमि आवंटित की जाएगी तो वे समग्र विकास की रूपरेखा और योजना के अनुसार एक भव्यपरिसर का निर्माण करके देंगे । 

उस संबंध में आज कुलपति प्रोफ़ेसर अमेरिका सिंह  प्रो. नीरज शर्मा और प्रो.एस.के. कटारिया  और  सकल दिगम्बर जैन समाज के अध्यक्ष शांतिलाल वेलावत ने एक मीटिंग की और सेंटर ऑफ एक्सीलेंस  की  रूपरेखा पर विचार विमर्श किया । मुलाकात के दौरान  कुलपति ने  जैनविद्या और प्राकृत विभाग के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के तहत सुविवि में पांडुलिपि संरक्षण और संसाधन केंद्र  के साथ पांडुलिपि संग्रहालय, सेमिनार हॉल, कक्षा कक्ष, शिक्षक कक्ष और अन्य अपेक्षित सुविधाओं सहित अकादमिक परिसर बनाने का प्रस्ताव रखा ।  

यह केन्द्र मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के भारतीय विद्या संकाय के अन्तर्गत  जैन विद्या परम्परा और प्राकृत भाषा के लिए देश का सिरमौर संस्थान बने इसके लिए पूरे प्रयास किए जायेंगे। कुलपति ने कहा कि जल्दी ही सकल दिगम्बर जैन समाज के समन्वय में एक विशेषज्ञ परामर्श समिति गठित की जाएगी जो इसकी विस्तृत कार्ययोजना बनाएगी ।