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MLSU-अगले सत्र से ढेरों सहूलियतें:1st year के बाद पढ़ाई छूटी तो सर्टिफिकेट मिलेगा

सुखाड़िया विश्वविद्यालय के संघटक और संबद्ध कॉलेजों में पढ़ने वाले 1.90 लाख विद्यार्थियों के लिए बड़ी खबर है

 

उदयपुर, 16 अक्टूबर। सुखाड़िया विश्वविद्यालय के संघटक और संबद्ध कॉलेजों में पढ़ने वाले 1.90 लाख विद्यार्थियों के लिए बड़ी खबर है। क्वालिटी एजुकेशन के लिए विश्वविद्यालय अगले सत्र (2024-25) से अहम बदलाव करने जा रहा है। इसके तहत अंग्रेजी बोलने और लिखने पाठ्यक्रमों के कौशल को आवश्यक कर दिया गया है।

हर विद्यार्थी को तीसरे सेमेस्टर और वार्षिक शिक्षा पद्धति के द्वितीय वर्ष में यह इंग्लिश स्किल कोर्स आवश्यक रूप से पास करना होगा । कोई विद्यार्थी फर्स्ट ईयर के बाद पढ़ाई छोड़ेगा तो उसे एक साल का सर्टिफिकेट मिलेगा। छात्र-छात्राएं दो साल के भीतर फिर से आवेदन कर पढ़ाई सेकंड ईयर में जारी रख सकेंगे। सेकंड ईयर के बाद पढ़ाई छोड़ने पर 2 साल का डिप्लोमा सर्टिफिकेट दिया जाएगा।

विद्यार्थी ऐसे अपनी पसंद के विषयों में भी अध्ययन कर सकेंगे

अगले सत्र से सुविवि के विद्यार्थी कोर स्ट्रीम के साथ अपनी पसंद के विषयों में भी पढ़ाई कर सकेंगे। मसलन- जूलॉजी का विद्यार्थी अपनी आगामी पढ़ाई कैमिस्ट्री, बॉटनी या अन्य विषय में जारी रख सकता है। मैथ्स और फिजिक्स में भी यह सुविधा उपलब्ध रहेगी। कम्प्यूटर साइंस, फंडामेंटल कम्प्यूटर साइंस, फिजिक्स, मैथ्स के विद्यार्थी भी अपनी पसंद के दूसरे विषयों में अध्ययन कर सकेंगे। राजस्थानी, गुजराती, संस्कृत, हिंदी, फ्रेंच, इटालियन जैसी भाषाओं में दक्ष होने के लिए अपनी पंसद का चयन कर सकेंगे। डॉ. जोशी ने बताया कि विद्यार्थियों को किताबी ज्ञान के साथ फील्ड में भेजकर व्यावहारिक ज्ञान भी दिया जाएगा। इससे उनके मन-मस्तिष्क में शोध के प्रति स्थायी भाव आएंगे और रिसर्च स्किल्स डवलप होगी। 

विवि प्रशासन ने रिसर्च में 4 साल के डिग्री पाठ्यक्रमों का करिकुलम तैयार कर लिया है। इसे 6 महीने में लागू करने की कार्य योजना है। बता दें, संबद्ध कॉलेज विश्वविद्यालय प्रशासन ने नई शिक्षा नीति के तहत बदलावों की उम्मीद लंबे समय से कर रहे थे।

सभी कॉलेजों के विभाग अध्यक्षों को निर्देश

कोर्स का खाका तैयार करने वाले भौतिक शास्त्र के प्रो. के.बी. जोशी ने बताया कि यह निर्णय सुविवि की एकेडमिक काउंसिल में नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के तहत लिया गया है। कुलपति प्रो. सुनीता मिश्रा की अध्यक्षता में इसका अनुमोदन भी किया जा चुका है। सभी कॉलेजों के सभी विभाग अध्यक्षों को इसके निर्देश जारी कर दिए हैं कि वे नई नीति के इन प्रावधानों को धरातल पर उतारने में जुट जाएं। बता दें, साइंस, कॉमर्स, आर्ट्स, लॉ, इंजीनियरिंग व कन्या महाविद्यालय- बिलोता (राजसमंद) सुखाड़िया विश्वविद्यालय के संघटक हैं। इसके अलावा संभाग भर में दर्जनों कॉलेज संबद्ध हैं।