BN University में राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया गया
बालिका का समग्र उत्थान ही राष्ट्र का उत्थान है
उदयपुर, 24 जनवरी। भारत में राष्ट्रीय बालिका दिवस का इतिहास इंदिरा गांधी से जुड़ा हुआ है। दरअसल इंदिरा गांधी ने प्रधानमंत्री के तौर पर 24 जनवरी 1966 को शपथ ली थी और महिला सशक्तिकरण का एक बड़ा उदाहरण लोगों के सामने पेश किया था। तब देश में ऐसा पहली बार हुआ था जब कोई महिला प्रधानमंत्री बनीं थीं। इसलिए राष्ट्रीय बालिका दिवस के तौर पर 24 जनवरी के दिन को चुना गया और साल 2008 में महिला कल्याण एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर से 24 जनवरी को भारत में राष्ट्रीय बालिका दिवस के तौर पर मनाने की शुरुआत हुई। तब से ये दिन हर साल 24 जनवरी को सेलिब्रेट किया जाता है।
बी. एन. विश्वविद्यालय के सामाजिक विज्ञान एवं मानविकी संकाय, उदयपुर में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई और हिन्दी विभाग की ओर से राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया गया। इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि संकाय अधिष्ठाता डाॅ. प्रेम सिंह रावलोत ने उद्बोधन देते हुए कहा कि बालिका का समग्र उत्थान ही राष्ट्र का उत्थान है। यदि बालिका सशक्त और शिक्षित होगी तो राष्ट्र का समग्र विकास स्वतः ही हो जाएगा। आज भी बालिकाएं समाज में उपेक्षित हैं। उनके साथ मानवीय व्यवहार किए जाने की आवश्यकता है।
डाॅ. नरेश कुमार पटेल ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हमारा नैतिक दायित्व है कि हम बालिकाओं के अधिकारों के प्रति बालिकाओं को जागरूक करें, उन्हे शिक्षित करें तभी एक स्वस्थ्य समाज का निमार्ण संभव है।
इस अवसर पर विद्यार्थी सिद्विका ने बालिका दिवस के सन्दर्भ में अपने विचार व्यक्त करते हुए बालिका दिवस के महत्व को बताया। एन.एस.एस कार्यक्रम अधिकारी डाॅ. लोकेश्वरी राठौड़, व डाॅ. हुसैनी बोहरा ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए बालिकाओं की सामाजिक हैसियत एवं अस्तित्व को बचाये जाने की आवश्यकता प्रतिपादित की।
विश्वविद्यालय चेयरपर्सन प्रो. शिवसिंह सारंगदेवोत, प्रेसिडेन्ट डाॅ. महेंद्र सिंह राठौड़ व कुलसचिव मोहब्बत सिंह राठौड़ नेे अपनी शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए कहा कि बालिकाओं के हित के लिए विश्वविद्यालय कृतसंकल्प है। इस अवसर पर अधिष्ठाता, पी.जी.स्टडीस डाॅ. देवेन्द्र सिंह सिसोदिया, डाॅ. मोहन सिंह राठौड़, संकाय सदस्य एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।