राजस्थान के स्कूलों में नई पहल, अब दिखेगें नए "हैड"
16 हजार सरकारी स्कूलों में अब नए हैड देखने को मिलेगें, सरकारी स्कूलों में नए हैड रखने का मकसद शिक्षा में नए प्रयास करना है
हैड बॉय और हैड गर्ल का चयन बोर्ड परीक्षा में उनकी बेस्ट परफॉर्मेस के आधार पर, 12वींं तक के स्कूल में 11वीं के स्टूडेंट्स हेड बॉय और हेड गर्ल होगें, वहीं 10वीं तक के स्कूलों में यह जिम्मेदारी कक्षा के मेधावी स्टूडेट्स को मिलेगी
राजस्थान में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए शिक्षा विभाग की ओर से नई पहल की जा रही है। जहां आपको सरकारी स्कूल में प्रधानाचार्य/ प्रधानध्यापक नज़र आते थे। वहीं अब राजस्थान के 16 हजार सरकारी स्कूलों में अब नए हैड देखने को मिलेगें।
सरकारी स्कूलों में नए हैड रखने का मकसद शिक्षा में नए प्रयास करना है। जिसके तहत प्रदेश की माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों में हैड बॉय या हैड गर्ल का चयन किया जाएगा। इसका चयन हैड बॉय या हैड गर्ल स्कूल विकास के नेतृत्व के साथ बाकी स्टूडेट्स की भी भागीदारी बढ़ाएगें। शिक्षा विभाग की ओर से इस योजना को राजस्थान के 16 हजार माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों में होगा।
नए हैड का काम सभी स्टूडेट्स की समस्याओं को उनके ही प्रतिनिधि के जरिए प्रिसिंपल तक पहुंचाने की व्यवस्था रहेगी। इससे स्कूल संचालन, एकडेमिक गतिविधियां और डवलपमेंट में स्टूडेंट्स की सहभागिता व कार्यों में सरलता और सहजता को बढ़ावा मिलेगा।
हैड बॉय और हैड गर्ल का चयन बोर्ड परीक्षा में उनकी बेस्ट परफॉर्मेस के आधार पर होगा। 12वींं तक के स्कूल में 11वीं के स्टूडेंट्स हेड बॉय और हेड गर्ल होगें। वहीं 10वीं तक के स्कूलों में यह जिम्मेदारी कक्षा के मेधावी स्टूडेट्स को मिलेगी। वहीं इस संबंध में सभी मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी और परियोजना समन्वयक समग्र शिक्षा को निर्देश जारी कर दिए है।