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संगम विश्वविद्यालय में त्रिदिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन

इसका उद्देश्य पर्यावरण की बेहतरी के लिए ज्ञान के आदान-प्रदान, सहयोग को बढ़ावा देना और व्यावहारिक विज्ञान में प्रगति को बढ़ावा देना था
 

स्थानीय संगम विश्वविद्यालय में विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड" (डीएसटी-एसईआरबी) भारत सरकार, नई दिल्ली द्वारा समर्थित " बेसिक एंड अप्लाइड साइंस संकाय के तत्वावधान में आयोजित रीसेंट ट्रेंड एंड इनोवेशन इन अप्लाइड साइंस फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट ऑफ़ एनवायरमेंट नामक विषय पर आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का हर्षोल्लास के साथ समापन किया गया ।

संयोजिका प्रोफ़ेसर प्रीति मेहता ने बताया कि इसका उद्देश्य पर्यावरण की बेहतरी के लिए ज्ञान के आदान-प्रदान, सहयोग को बढ़ावा देना और व्यावहारिक विज्ञान में प्रगति को बढ़ावा देना था। समापन समारोह के मुख्य अतिथि प्रो उमा शंकर शर्मा पूर्व कुलपति, मोहन लाल सुखाडिया यूनिवर्सिटी उदयपुर, अध्यक्षता अवध निवृत्ति सोमनाथ आई ए एस, उपखंड अधिकारी भीलवाड़ा तथा गेस्ट ऑफ ऑनर के रूप में गौरव गर्ग जिला वन अधिकारी थे।

संगोष्ठी में तीन दिन में 7 सत्र आयोजित किए गए l अंतिम दिवस  के सातवें सत्र में में दो सेशन रखे गए  जिसमें अंतर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय स्तर पर आमंत्रित प्रोफेसर शोधकर्ताओं द्वारा व्याख्यान दिए गए जिसमें  प्रो.  एम.पी पुनिया प्रो. डॉक्टर आशा अरोड़ा, डॉ . राजेश कुमार प्रो. संगीता राठौड़ नीलेश मेहता,  चिराग राका राष्ट्रीय स्तर पर तथा प्रो.  धर्मेन्द्र कुमार दुबे (वेरनाब यूनिवर्सिटी इथोपिया) प्रो शियांग जऐग ( चीन), प्रो नाथ ( कतर, दोहा) से सम्मिलित हुए।

इस संगोष्ठी में 3 दिनों में 7 सत्रों मे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जापान, फ्रांस, मलेशिया, चीन, सऊदी अरब, इथोपिया तथा कतर से एवं एवं राष्ट्रीय स्तर पर जोधपुर, जयपुर, न्यू दिल्ली, उदयपुर, छत्तीसगढ़, पंजाब,हैदराबाद अहमदाबाद, गाजियाबाद एवम अन्य राज्यो से शोध विशेषज्ञ शामिल हुए थे तथा देश विदेश के 300 से अधिक शोधार्थीयों ने ऑनलाइन और ऑफलाइन रूप से शोध पत्र की प्रस्तुत किए।

समापन समारोह में विशिष्ट अतिथि गौरव गर्ग ने कार्बन फुटप्रिंट, पानी की कमी, कचरे का पुनर्चक्रण पर बात की एवम एसडीएम निवृत्ति सोमनाथ ने बताया कि शिक्षा सतत विकास का साधन है, प्लास्टिक के बहिष्कार, जल संरक्षण, पारंपरिक ज्ञान का उपयोग, जागरूक लोगों की आवश्यकता आदि बताया।

मुख्य अतिथि प्रो उमा शंकर ने बताया कि विज्ञान चलने की सही दिशा और पर्यावरण स्थिरता देता है। यूएनईपी, ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन, मिशन जीवन, स्वच्छ प्रौद्योगिकी का विकास, जैविक खेती की बारे प्रेरित किया। कुलपति ने सम्मेलन के सफल संचालन के लिए आयोजक टीम को बधाई दी।

प्रो वीसी मानस रंजन पनिग्रही ने विश्वविद्यालय की उपलब्धियां एवम कुलसचिव प्रो राजीव मेहता ने आयोजन टीम को उनके अथक प्रयासों और सफलता के लिए बधाई प्रोफेसर प्रीति मेहता प्रायोजकों और विशेष रूप से प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को उनके समर्थन और पर्यावरणीय स्थिरता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के लिए हार्दिक धन्यवाद देती हैं। कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर सीमा काबरा और डॉक्टर श्वेता बोहरा ने किया।  समापन समारोह का डॉक्टर मनोज जोशी नेआभार व्यक्त किया।