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राजस्थान की पुस्तक "संस्कृत वाङ्मयालोक” का विमोचन

यह संपादकीय पुस्तक है, इसमें संस्कृत वाङ्मय से सम्बंधित लब्ध प्रतिष्ठित विद्वानों, अध्येताओं एवं शोधार्थियों के 44 शोधात्मक एवं गवेषणात्मक आलेख उपलब्ध

 

भारतीय उच्च अध्ययन केंद्र के डायरेक्टर प्रोफ़ेसर चमन लाल गुप्त ने डॉ. जी. एल. पाटीदार, एसोसिएट फेलो, भारतीय उच्च अध्ययन केंद्र, शिमला एवं  सहायक आचार्य, संस्कृत विभाग मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर, राजस्थान की पुस्तक “संस्कृत वाङ्मयालोक” का विमोचन किया । यह संपादकीय पुस्तक है, इसमें संस्कृत वाङ्मय से सम्बंधित लब्ध प्रतिष्ठित विद्वानों, अध्येताओं एवं शोधार्थियों के 44 शोधात्मक एवं गवेषणात्मक आलेख उपलब्ध है।

इस प्रकार पुस्तक का विषय कलेवर संस्कृत वाङ्मय, संस्कृत साहित्य एवं भारतीय संस्कृति के विविध विषयों को लेकर लिखे गये गवेषणात्मक आलेखों का संकलन-संचयन ही है। पुस्तक विमोचन के समय प्रो. रविन्द्रर सिंह, फेलो, भारतीय उच्च अध्ययन केंद्र, शिमला ने पुस्तक एवं लेखन का सारगर्भित परिचय दिया। तथा प्रोफ़ेसर चमन लाल गुप्त, डायरेक्टर, भारतीय उच्च अध्ययन केंद्र, शिमला के कर कमलों से पुस्तक का विमोचन किया गया। यह डॉ. जी. एल. पाटीदार की छठी पुस्तक है। इस अकादमिक कार्यक्रम में संस्थान के सभी अध्येताओं की उपस्थिति सहरानीय रही, जिसमें प्रोफ़ेसर शंकर शरण, प्रोफ़ेसर रविन्द्रर सिंह, डॉ. कमलजीत सिंह, डॉ. सुख नंदन सिंह, प्रोफेसर मंजीत भाटिया, प्रोफेसर अनंता गिरी, डॉ. राम भरोसे, डॉ. रवि रंजन, डॉ. अखिलेश कुमार शंखधर, डॉ. नितिन इत्यादि भारतीय उच्च अध्ययन केंद्र के राष्ट्रीय फेलो, अध्येता, सह-अध्येताओं की उपस्थित अनुकरणीय रही