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GITS में 3 दिवसीय सैटेलाइट डिजाइन कार्यशाला का आयोजन

कार्यक्रम में छात्रों को क्यूबसेट सिस्टम, सैटेलाइट डिजाइन, पेलोड फंडामेंटल्स और लाइव लॉन्च डेमो का व्यावहारिक अनुभव प्रदान किया जायेगा
 

उदयपुर 28 अप्रैल 2025 । गीताांजलि इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्निकल स्टडीज डबोक, उदयपुर के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग विभाग के तत्वावधान में सैटेलाइट डिजाइन पर 3 दिवसीय हैंड्स-ऑन कार्यशाला का भव्य आयोजन किया जा रहा है । तीन दिन तक चलने वाले इस कार्यक्रम में छात्रों को क्यूबसेट सिस्टम, सैटेलाइट डिजाइन, पेलोड फंडामेंटल्स और लाइव लॉन्च डेमो का व्यावहारिक अनुभव प्रदान किया जायेगा ।

संस्थान के निदेशक डॉ एस. एम. प्रसन्ना कुमार ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, कि "स्पेस साइंस आज दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ता क्षेत्र है। यदि छात्र आज से इस दिशा में कदम बढ़ाते हैं तो वे आने वाले कल के टेक्नोलॉजी लीडर बन सकते हैं। यह कार्यशाला आपके सपनों को साकार करने की दिशा में एक मजबूत आधारशिला है।" 

कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में इसरो के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. के. एस. मुरली एवं एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया के डिप्टी जनरल मैनेजर डॉ विनय दाहिमा ने विद्यार्थिओं को स्पेस साइंस की उपयोगिता और पूर्व के भारतीय वैज्ञानिको के स्पेस साइंस के योगदान के के बारे में अवगत कराया। 

एम बी ए के निदेशक डॉ पी के जैन ने इसरो की तारीफ करते हुए कहा कि स्पेस साइंस के क्षेत्र में इसरो एक जाना पहचाना नाम है। इसरो अंतरिक्ष मिशन एवं रॉकेट मिशन ने भारत को विकसित देशों की श्रेणी में लाकर खड़ा कर दिया है।

इलेक्ट्रॉनिक्स एवं कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. प्रदीप सी. गर्ग ने कहा, "हमारा प्रयास है कि छात्रों को न केवल थ्योरी बल्कि प्रैक्टिकल अनुभव भी मिले ताकि वे अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में अपने करियर को ऊंचाइयों तक ले जा सकें। "इस कार्यक्रम में उदयपुर के विभिन्न स्कूलों से 200 से अधिक छात्रों ने भाग लिया है। जो क्यूबसेट सिस्टम और पेलोड फंडामेंटल्स , सैटेलाइट डिजाइनिंग और प्रायोगिक सत्र सैटेलाइट टेस्टिंग और लाइव डेमो से अवगत होंगे। साथ ही इसरो के पूर्व वैज्ञानिक डॉ अलवर रमन, डॉ लक्ष्मी रमन और डॉ देवाशीष गोस्वामी के स्पेस साइंस के तकनीकी ज्ञान से ओत प्रोत होंगे। 

कार्यक्रम का संयोजन डॉ. अनुराग पालीवाल एवं डॉ आरती शर्मा द्वारा किया गया। संचालन डॉ शिवानी शर्मा द्वारा किया गया। इस अवसर पर वित्त नियंत्रक बी. एल. जागीड ने छात्रों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा, "यह समय अपने सपनों को पहचानने और उन पर काम करने का है। संस्थान हमेशा आपके तकनीकी विकास के लिए तत्पर है।"