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GITS में "मास्टरिंग द आर्ट ऑफ बिल्डिंग इंजीनियरिंग" पर विशेष सत्र

सिविल इंजीनियरिंग के छात्रों के लिए आयोजित

 

उदयपुर 1 अप्रैल 2025। गीतांजलि इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्निकल स्टडीज के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के तत्वाधान में "मास्टरिंग द आर्ट ऑफ बिल्डिंग इंजीनियरिंग" विषय पर एक विशेष सत्र का आयोजन किया गया।

संस्थान के निदेशक डॉ एस.एम.प्रसन्ना कुमार ने बताया कि ऐसे विशेष सत्र सिविल इंजीनियरिंग के छात्रों के करियर विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। भवन निर्माण केवल ईंट, सीमेंट और स्टील का संयोजन नहीं है, बल्कि यह तकनीक, पर्यावरण और संस्कृति का एकीकृत रूप होता है। इस तरह के सत्र छात्रों को आधुनिक निर्माण तकनीकों, सतत वास्तुकला और स्मार्ट सिटी विकास के बारे में जागरूक करते हैं। 

इसी के तहत मुख्य वक्ता के रूप में प्रियंका अर्जुन एंड एसोसिएट्स की संस्थापक एवं प्रसिद्ध वास्तुकार प्रियंका अर्जुन को आमंत्रित किया गया था। जिन्होंने छात्रों के साथ अपने अनुभव साझा किए और भवन निर्माण की आधुनिक तकनीकों पर महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की। उन्होंने बताया कि कैसे इंजीनियरिंग और डिज़ाइन को प्रकृति, संस्कृति और सतत विकास के साथ जोड़ा जा सकता है। साथ ही भारतीय पारंपरिक तकनीकों पर आधारित आधुनिक निर्माण प्रक्रियाओं पर चर्चा की।  

सिविल इंजीनियरिंग विभागाध्यक्ष डॉ मनीष वर्मा के अनुसार उनका प्रेरणादायक व्याख्यान छात्रों के लिए विचारशील और ज्ञानवर्धक रहा, जिससे उन्होंने भवन निर्माण की पारंपरिक एवं आधुनिक पद्धतियों के बीच संतुलन को समझने का अवसर प्राप्त किया। सत्र के दौरान छात्रों के लिए "ओपन हाउस डिस्कशन" का भी आयोजन किया गया, छात्रों ने विभिन्न तकनीकी, वास्तुशिल्प और करियर से जुड़े सवाल पूछे, जिनका समाधान विशेषज्ञ ने विस्तार से दिया।

इस अवसर पर वित्त नियंत्रक बी एल जांगिड़ ने कहा कि इस सत्र से छात्रों को यह समझने का अवसर मिला कि भविष्य में किस प्रकार इको-फ्रेंडली एवं एनर्जी-इफिशिएंट बिल्डिंग्स का निर्माण किया जा सकता है और छात्र भाविष्य में अपना करियर इसमें बना सकते हैं। धन्यवाद ज्ञापन एसोसिएट प्रोफेसर डॉ संगीता चौधरी द्वारा किया गया। कार्यक्रम का ससंचालन असिस्टेंट प्रोफेसर गौरव शर्मा द्वारा किया गया।