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डिग्रियों की मान्यता के संबंध में कोई समस्या नहीं है - बीएन विवि के चेयरपर्सन प्रदीप कुमार सिंह सिंगोली

गलत अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

 
आई.सी.ए.आर. से मान्यता प्राप्त करने हेतु स्नातक स्तर का पहला बेच निकलने के बाद ही एप्लाइ करना होता है, इसी वर्ष पहला बेच निकला है और हमनें एप्लाइ कर दिया है । राजस्थान सरकार द्वारा पारित एक्ट के अनुसार कृषि महविद्यालय संचालित करने हेतु अधिकृत हैं । अधिकृत विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को ही पीजी में प्रवेश योग्य माना जाता है। 
 

उदयपुर 20 अक्टूबर 2020। बीएन विश्वविद्यालय में कल कृषि महविद्यालय की डिग्री की मान्यता को लेकर कुछ छात्रों ने हंगामा कर दिया था। बीएन यूनिवर्सिटी प्रशासन ने स्पष्टीकरण देते हुए बताया की विश्वविद्यालय की डिग्रियों की मान्यता के संबंध में कोई समस्या नहीं है। वहीँ गलत अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

बीएन विश्वविद्यालय के चेयरपर्सन प्रदीप कुमार सिंह सिंगोली ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर विश्वविद्यालय के बारे में फैलाई जा रही भ्रामक खबरों का खंडन करते हुए बताया की कुछ टीवी चैनल द्वारा विश्वविद्यालय के बारे में जो कुछ भ्रामक समाचार दिए जा रहे हैं। 

उन्होंने बताया कि आई.सी.ए.आर. से मान्यता प्राप्त करने हेतु स्नातक स्तर का पहला बेच निकलने के बाद ही एप्लाइ करना होता है, इसी वर्ष हमारा पहला बेच निकला है और हमनें एप्लाइ कर दिया है । राजस्थान सरकार द्वारा पारित एक्ट के अनुसार हम कृषि महविद्यालय संचालित करने हेतु अधिकृत हैं । अधिकृत विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को ही पीजी में प्रवेश योग्य माना जाता है। 

बीएन विश्वविद्यालय के चेयरपर्सन प्रदीप कुमार सिंह सिंगोली ने यह भी बतायाकी "कल के समाचार पत्रों में मेरे हवाले से समाचार पढ़ा ही होगा कि बीएन  विश्वविधालय के 8 में से 5 छात्रों ने प्रवेश के लिए क्वालीफाई किया है,  उन्ही में से बालिका वर्ग में हमारी छात्रा दीक्षिता जोशी ने अखिल भारतीय स्तर पर छठा स्थान प्राप्त किया है।"

उल्लेखनीय है की कृषि संकाय के ही यूजी कोर्स के लिए जेट द्वारा प्रवेश हेतु राज्य सरकार के एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट की चार सदस्यीय समिति ने  14 अक्टूबर 2020 को विश्व विद्यालय का निरीक्षण किया एवं समिति ने अपनी अनुशंसा राज्य सरकार को सौंप दी है। जल्द ही इस संबंध में राज्य सरकार से आदेश आ जाएंगे।  

उन्होंने बताया की कुछ स्वार्थी तत्व विश्वविद्यालय की छवि खराब कर अपने हित साधना चाहते हैं। विश्वविद्यालय की डिग्रियों की मान्यता के संबंध में कोई समस्या नहीं है। वहीँ गलत अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।