राज्य सरकार की पहल पर जनजाति विद्यार्थी सीखेंगें जीवन कौशल
लाइफ स्किल्स ट्रेनिंग को लेकर टीएडी व मैजिक बस इंडिया फाउंडेशन के बीच हुआ एमओयू
उदयपुर 6 सितंबर 2024। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार जनजाति युवाओं को हर क्षेत्र में अग्रणी बनाने को लेकर दृढ संकल्पित है। इसी क्रम में जनजाति हॉस्टल और आवासीय विद्यालयों में अध्ययनरत बच्चों को जीवन की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम बनाने के लिए लाइफ स्किल्स प्रशिक्षण की शुरूआत की जानी हैं। इसके लिए जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग और मैजिक बस इंडिया फाउंडेशन के मध्य एमओयू हुआ।
जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग के मंत्री बाबूलाल खराड़ी की पहल पर हुए इस अनुबंध के तहत विद्यार्थियों को शिक्षक एवं वार्डन के नेतृत्व में गतिविधि आधारित लाईफ स्किल्स का शिक्षा कार्यक्रम पेश किया जाएगा, जो राज्य के जनजाति समुदायों की विशेष जरूरतों के अनुरूप होगा। यह कार्यक्रम 25 जिलों के 53 आवासीय स्कूलों और 440 होस्टलों में चलाया जाएगा, ताकि लाईफ स्किल्स का प्रशिक्षण राज्य के सबसे वंचित समुदायों तक पहुंच सके। इसके तहत लगभग 42 हजार जनजाति विद्यार्थियों को लाइफ स्कील्स का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
तीन साल चलेगा कार्यक्रम
जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग की आयुक्त प्रज्ञा केवलरमानी ने बताया कि यह कार्यक्रम तीन सालों तक चलेगा। पहले साल जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग द्वारा मास्टर ट्रेनर्स का चयन कर उन्हें प्रशिक्षण दिया जाएगा, पाठ्यक्रम तैयार किया जाएगा, और होस्टलों एवं आवासीय स्कूलों में लाईफ स्किल्स के सत्र शुरू ि कए जाएंगे। दूसरे साल होलिस्टिक प्रोग्रेस कार्ड (एचपीसी) की मदद से लाईफ स्किल्स के परिणाम देखे जाएंगे। मॉनिटरिंग बढ़ाई जाएगी और हाथों-हाथ ट्रैकिंग के लिए व्हाट्सऐप पर आधारित एआई चौटबॉट, मैजिक मित्र शुरू किया जाएगा। तीसरे साल, लाईफ स्किल्स प्रोग्राम के निरंतर क्रियान्वयन और इनकी सस्टेनेबिलिटी सुनिश्चित करने तथा मॉनिटरिंग के लिए सिस्टम को मजबूत बनाया जाएगा। कार्यक्रम के अंतर्गत जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग के 493 आश्रम हॉस्टलों एवं आवासीय विद्यालयों के टीचर्स, वार्डंन और असिस्टेंट वार्डंस को लाईफ स्किल का प्रशिक्षण दिया जाएगा। उसके बाद वो कक्षा 6 से कक्षा 12 के विद्यार्थियों को लाईफ स्किल की शिक्षा प्रदान करने के लिए तैयार होंगे।
तैयार हुआ समावेशी शिक्षा व्यवस्था का एक परिवर्तनकारी मंच
मैजिक बस इंडिया फाउंडेशन के ग्लोबल सीईओ जयंत रस्तोगी ने बताया कि जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग, राजस्थान सरकार के साथ साझेदारी द्वारा जनजाति समुदायों में विद्यार्थियों की समस्याओं का समाधान किया जाएगा। ये मुश्किल इलाकों में सीमित संसाधनों के साथ रहते हैं। उन्हें लाईफ स्किल्स की शिक्षा प्रदान करके उन्हें मुश्किलों को पार करने और सफलता प्राप्त करने में समर्थ बनाया जाएगा। यह साझेदारी उनका विकास कर उन्हें मजबूत बनाएगी तथा जनजाति समुदायों के भविष्य का एक मजबूत आधार तैयार करेगी। यह एमओयू राजस्थान में जनजाति छात्र-छात्राओं के समावेशी शिक्षा व्यवस्था का एक परिवर्तनकारी मंच तैयार करेगी, जो इन विद्यार्थियों के भविष्य को सकारात्मक प्रगति की ओर ले जाएगा।
राज्य सरकार पारंपरिक शिक्षा के साथ-साथ समग्र शिक्षा प्रदान करने को लेकर प्रतिबद्ध है। इस समझौते के माध्यम से विद्यार्थियों को कौशल प्रदान करके उनका आत्मविश्वास, महत्वाकांक्षा और क्षमता बढ़ाना उद्देश्य है ताकि वे स्कूलों में बेहतर परिणाम प्रदान कर सकें। इस एमओयू ने राजस्थान में समानतापूर्ण और समावेशी शिक्षा व्यवस्था का एक परिवर्तनकारी मंच तैयार कर दिया है, जो राज्य में विद्यार्थियों के भविष्य को सकारात्मक प्रगति की ओर ले जाएगा।
विद्यार्थी बनेंगे समर्थ
टीएडी आयुक्त प्रज्ञा केवलरमानी ने कहा कि राजस्थान राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। मैजिक बस फाउंडेशन इंडिया के साथ हुआ अनुबंध इस उद्देश्य को पूरा करने की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है। सरकार और विभाग का लक्ष्य विद्यार्थियों को लाईफ स्किल्स का प्रशिक्षण प्रदान करना और उन्हें आत्मनिर्भर बनने तथा अपने समुदायों को सक्रिय योगदान देने में समर्थ बनाना है। यह साझेदारी राजस्थान के समुदायों को सतत प्रगति और समृद्धि की ओर ले जाएगी। मैजिक बस इंडिया फाउंडेशन के ग्लोबल सीईओ जयंत रस्तोगी का कहना है कि वंचित वर्ग के विद्यार्थियों के लाईफ स्किल्स की शिक्षा प्रदान करके उन्हें मुश्किलों को पार करने और सफलता प्राप्त करने में समर्थ बनाया जा सकेगा। इससे जनजाति समुदायों के भविष्य का एक मजबूत आधार तैयार होगा।