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बींग पॉजिटिव इन नेगेटिव टाइम्स पर वेबिनार

प्रबंध अध्ययन संकाय मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के तत्वावधान में वेबिनार

 

कार्यक्रम में संकाय की प्रोफेसर मीरा माथुर जो कि हाल ही में कॉविड से ठीक होकर वापस घर लौटी ने भी इलाज के दौरान अपने संस्मरणों को लोगो के साथ साझा किया

प्रबंध अध्ययन संकाय मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के तत्वावधान में नकारात्मक समय में सकारात्मक होने पर एक वेबीनार का आयोजन किया गया। इस वेबीनार में मुख्य वक्ता के रूप में कॉर्पोरेट जगत में 30 वर्षों का अनुभव रखने वाले सुधीर दुआ थे। 

उन्होने अपने उद्बोधन में इस समय प्रसन्नचित, प्रोत्साहित, आत्मप्रेम एवम आत्मविश्वास से सकारात्मकता जनित करने पर बल दिया। उन्होंने कहा की जीवन एक चुनौती है और उसे सकारात्मक सोच के साथ सही दिशा दी जा सकती है जिसमे कठिन परिश्रम एवम सतत प्रयासों की आहुति देकर सफलता अर्जित की जा सकती हैं। इसके साथ उन्होने प्रार्थना का विश्वास अर्जित करने में अधिकतम योगदान बताया। 

साथ ही उन्होंने वर्तमान परिस्थितियों में खास तौर पर सोशल मीडिया पर नकारात्मक खबरों के द्वारा विषाक्त वातावरण जनित करने पर चिंता जताई तथा प्रतिभागियों से खुशी एवम सकारात्मक खबरों पर ध्यान देने एवम उन्हें ही आगे फॉरवर्ड करने की सलाह दी। 

कार्यक्रम के प्रारंभ में प्रबंध अध्ययन संकाय के निदेशक एवं चेयरमैन प्रोफेसर हनुमान प्रसाद ने अतिथियों का स्वागत करते हुए आज के समय में इस प्रकार के विषय में चर्चा की महती आवश्यकता पर प्रकाश डाला। आगे बोलते हुए उन्होंने कहा की समय कभी भी सकारात्मक या नकारात्मक नहीं होता वरण स्वयं जनित पर्यावरण इसे नकारात्मक एवं सकारात्मक बना देता है लेकिन यदि व्यक्ति साहस रखें एवं सकारात्मक सोच रखें तो यही नकारात्मकता को वह सकारात्मकता में परिवर्तित कर सकता है। उन्होंने बाघ के एक परिवार के एक सदस्य को उठा ले जाने के प्रयास का बड़े भाई द्वारा शेर की तरह हमला कर उस सदस्य को छुड़ाने की घटना का उद्धरण देते हुए कॉविड को बाघ के समान बताया जिससे बचने के लिए सुरक्षित घर में रहने पर जोर दिया परंतु अगर वह कोविड के रूप में किसी के ऊपर आक्रमण करता है तो बहादुरी से उसका सामना कर उसे हराने का आह्वान किया। 

इसी कार्यक्रम में संकाय की प्रोफेसर मीरा माथुर जो कि हाल ही में कॉविड से ठीक होकर वापस घर लौटी ने भी इलाज के दौरान अपने संस्मरणों को लोगो के साथ साझा किया। उन्होंने बोलते हुए कहा की उनके अस्पताल में एडमिशन के बाद एक पल काफी घबराहट हुई परंतु फिर उन्होंने अपने आप को संभाला और मन में धार लिया कि उन्हें अपने परिवार और देश के लिए ठीक होकर ही घर जाना है ताकि वे लोगो के सामने उदाहरण बन सके। 

इस लिए उन्होंने सारी घबराहट को दरकिनार करते हुए एक शेड्यूल जैसा वे घर पे करती थीं का अनुसरण करना प्रारंभ किया एवम नकारात्मक खबरों से कम पाला पड़े इसलिए मोबाइल का सीमित उपयोग ही किया। उन्होंने ये भी बताया कि उन्हें अन्य भी बीमारियां जैसे बी पी, शुगर इत्यादि होने पर भी उनके हौसले एवं सही समय पर इलाज चालू करने के कारण वे कोरोना को हरा पाई। 

कार्यक्रम में धन्यवाद संकाय के प्रो अनिल कोठारी ने दिया। कार्यकम का संचालन रानू नागोरी ने किया। कार्यक्रम में देश भर से नामचीन हस्तियों जैसे प्रो बी पी भटनागर, प्रो विजय कुमार गंगल इत्यादि के अतिरिक्त विद्यार्थियो के अभिभावको ने भी सहभागिता की। संकाय के कर्मियों, शोधार्थियों में ट्विंकल जैन, श्रेया सिंघवी, डिंपी सुहालका, अमित मिश्रा, रिया गर्ग, शुभ्रा जैन, अंशुमान सिंह, हेमन्त कटारिया समेत 100 से भी अधिक विद्यार्थी वेबिनार में उपस्थित रहे।