नई शिक्षा नीति के लिए कार्यशाला आयोजित
पाठ्यचर्या रूपरेखा (SCF) को विकसित करने हेतु RSCERT राज्य के समस्त विभागों के साथ वृहदस्तर पर आमुखीकरण कार्यशाला आयोजित करेगा
राष्ट्रीय शिक्षा नीति की राज्य में क्रियान्विती हेतु आरएससीईआरटी पाठ्यचर्या रूपरेखा ऑरीएन्टैशन कार्यशाला आयोजित करेगा राज्य के विभिन्न विभागों के अधिकारी एवं शिक्षाविद एकसाथ जुड़ेंगे
राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद उदयपुर के एसोसिएट प्रोफेसर कमलेन्द्र सिंह राणावत ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की राज्य में क्रियान्विती हेतु राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा को विकसित करने के लिए आरएससीईआरटी को नोडल एजेंसी नियुक्त किया गया है। इस हेतु प्रशिक्षण परिषद् के निदेशक प्रियंका जोधावत के निर्देशन में 23 अक्टूबर 2021, शनिवार को प्रशिक्षण परिषद् के गाँधी सभागार में राज्य के समस्त विभागों के अधिकारियों, विभिन्न संस्थाओं एवं शिक्षाविदों के साथ ऑरीएन्टैशन कार्यशाला आयोजित की जाएगी।
जिसमें निदेशालय प्रारंभिक शिक्षा, निदेशालय माध्यमिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर, संस्कृत शिक्षा विभाग, राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद, महिला एवं बाल विकास विभाग, जनजाति विभाग, उच्च शिक्षा विभाग, साक्षरता विभाग, गैर सरकारी संस्थाओं में यूनिसेफ, इग्निस पहल, क्षमतालय फाउंडेशन, अजीज प्रेम जी फाउंडेशन, पिरामल फाउंडेशन, बीसीजी, टाटा ट्रस्ट, सेंटर फॉर माइक्रोफाइनेंस, रूम टू रीड, स्टरलाइट एड इंडिया, लैंग्वेज एंड लर्निंग फाउंडेशन, अमेरिकन इंडियन फाउंडेशन, सेव द चिल्ड्रन आदि की सहभागिता रहेगी।
जिसमें आमुखीकरण कार्यशाला के मुख्य संदर्भ व्यक्ति राष्ट्रीय स्तर के शिक्षक शिक्षा तथा करिकुलम विशेषज्ञ सुबीर शुक्ला रहेंगे। प्रशिक्षण परिषद् की निदेशक प्रियंका जोधावत ने कहा कि नई शिक्षा नीति के अंतर्गत बच्चों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्राप्त हो जिससे राज्य एवं राष्ट्र को बेहतर दिशा में ले जाने के लिए आगे बढ़े अतः इस हेतु राज्य के पाठ्यचर्या की प्रमुख भूमिका होती है।
पाठ्यचर्या यह निर्धारित करती है कि हमारे बच्चों के पूर्ण विकास के लिए शिक्षा व्यवस्था कैसी हो कि हमें अपनी स्कूली शिक्षा के पाठ्यक्रम को बेहतर व मजबूत बनाने की दिशा में जरूरी कदम उठाए, जिससे बच्चों में उच्च स्तरीय कौशल का विकास हो सके। बच्चों को सीखने सिखाने की प्रक्रिया को बेहतर बनाने की दृष्टि से राज्य पाठ्यचर्या रूपरेखा को विकसित किया जा रहा है जिसमें यह तय किया जाएगा कि सीखने की प्रक्रिया के क्या मानक होने चाहिए जो राजस्थान के परिपेक्ष्य में बच्चों के सीखने की प्रक्रिया और शिक्षा व्यवस्था को और बेहतर बनाने का मार्गदर्शन प्रदान करेंगे ।
राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा का निम्न चार मुख्य क्षेत्रों के लिए निर्माण किया जाना है।
1. पूर्व बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा
2. विद्यालय शिक्षा
3. शिक्षक शिक्षा
4. प्रौढ़ शिक्षा
विभिन्न विभागों के समन्वय से आमुखीकरण कार्यशाला के लिए सफल आयोजन हेतु नोडल अधिकारी तथा विभिन्न कमेटियों का गठन किया गया है व क्षेत्र निर्धारित किए गए है जिसमें शिक्षक शिक्षा, पाठ्यचर्या एवं शिक्षण शास्त्र, भाषा शिक्षा, गुणवत्तापूर्ण पाठ्यक्रम, शिक्षा में समुदाय की बढ़ती भूमिका, समावेशी शिक्षा, मूल्य शिक्षा जैसे अनेक विषयों को जोड़ा गया है।
नोडल अधिकारी अतिरिक्त निदेशक शिवजी गौड़ के मार्गदर्शन में विभिन्न कमेटियां अपना कार्य करेगी। जिसमे परिषद के प्रोफेसर -1 ललित शंकर आमेटा, प्रोफेसर संजय सेंगर, राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद की उपायुक्त श्रीमती वाजिब सागर, श्रीमती श्यामा राठौड़ आदि रहेंगे।