श्यामकली के जादू से रोमांचक हुई शाम

नाट्यांश नाटकीय एवं प्रदर्शनीय कला संस्थान और थिएटरवुड कंपनी द्वारा आयोजित नाट्य

 
shymkali ka jaadu

उदयपुर। नाट्यांश नाटकीय एवं प्रदर्शनीय कला संस्थान और थिएटरवुड कंपनी द्वारा आयोजित नाट्य संध्या में नाटक ‘‘श्यामकली का जादु’’ का मंचन रविवार को किया गया। यह नाटक विद्यार्थी जीवन के सबसे अहम समय और बेहतरीन अनुभव पर आधारित है यानी होस्टल के दिनों की याद और मस्तियां। इस दौरान वे किस तरह विभिन्न परेशानियों से निपटते हैं यह देखना बड़ा दिलचस्प होता है।

यह नाटक मूल रूप से एक शहर में पढ़ने आए चार दोस्तों के जीवन पर आधारित है, जो अपने कमरे के किराए की जद्दोजहद में लगे हुए हैं और जुगाड़ से काम चलातें है। किराये के कमरे में रहने वाले श्याम, राम, अमर और प्रेम ने पिछले 2 महीनों का किराया नहीं दिया है और अब वह प्लान बना रहे हैं कि कुछ जुगाड़ करें जिससे किराया भी ना दिया जायें और ना ही कमरा खाली करना पडें। इस जुगाड़ में एक जुगाड़ मकान-मालिक की लड़की को पटाने का भी होता है।

नाटक में अमर, प्रेम और राम, रितु को पटाने की रिहर्सल श्याम के साथ करते हैं। इसी बीच मकान मालिक आ कर उनके रंग में भंग डाल देता है। तभी मकान मालिक की नज़र लड़की बने श्याम पर पडती हैं और अपने रंगीन मिजाज़ के कारण वह उस श्यामकली पर फिदा हो जाता है और पूरे नाटक में वह उसे अपनी पत्नी बनाने का ख्वाब देखता रहता है। इस सभी घटनाक्रम से हास्य उत्पन्न होता है।

कार्यक्रम संयोजक योगिता सिसोदिया ने बताया कि यह नाटक डॉ. प्रदीप कुमार द्वारा लिखित है और निर्देशन अशफ़ाक़ नूर ख़ान पठान का रहा। कलाकारों के रूप में श्याम और श्यामकली की भूमिका में महावीर शर्मा, राम की भूमिका भुवन जैन, प्रेम के किरदार में यश शाकद्वीपीय, अमर की भूमिका में हर्ष दुबे, मकान मालिक के किरदार में मुकुल खांडिया, पंडित की भूमिका में अरशद कुरैशी ने अपने बेहतरीन प्रस्तुति से दर्शकों का मन मोह लिया। 

कार्यक्रम में मंच और संगीत संचलान रेखा सिसोदिया ने, रूप सज्जा योगिता सिसोदिया, मंच सहयोग में हर्षिता शर्मा और मयूर चावला ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। प्रकाश व्यवस्था एवं निर्देशन अशफाक नुर खान पठान ने किया।