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नाटक खोया हुआ आदमी ने बटोरी खूब तालियां

21 वॉ पद्मश्री देवीलाल सामर स्मृति राष्ट्रीय नाट्य समारोह

 

उदयपुर 26 फरवरी 2025। भारतीय लोक कला मण्डल के 74 वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित 21 वें पद्मश्री देवीलाल सामर स्मृति राष्ट्रीय नाट्य समारोह’’ के दूसरे दिन स्वर्गीय ऋषि दुबे ‘‘राही’’ द्वारा लिखित एवं साहेब नीतीश द्वारा निर्देशित नाटक ‘‘खोया हुआ आदमी ’’ का मंचन हुआ।

भारतीय लोक कला मण्डल, उदयपुर के निदेशक डॉ. लईक हुसैन ने बताया कि भारतीय लोक कला मण्डल के 74 वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित 21 वें पद्मश्री देवीलाल सामर स्मृति राष्ट्रीय नाट्य समारोह’’ के दूसरे दिन काईट एक्टिंग स्टूडियो, मुम्बई के कलाकरों द्वारा नाटक खोया हुआ आदमी का मंचन हुआ। जिसमें कलाकारों ने अपने अभिनय कौशल से दर्शकों का दिल जीत लिया और दर्शकों ने नाटक के मध्य कई बाद ज़ोरदार तालियों से रंगकर्मियों का अभिवादन किया।

कार्यक्रम के आरम्भ में संस्था के मानद सचिव सत्य प्रकाश गौड़ ने कार्यक्रम के मुख्य अतिथी एवं गणमान्य अतिथियों का स्वागत किया उसके पश्चात सभी गणमान्य अतिथियों ने भारतीय लोक कला मण्डल के संस्थापक पद्मश्री देवीलाल जी सामर साहब की तस्वीर पर माल्यापर्ण एवं दीप प्रज्वलित किया। 

नाटक खोया हुआ आदमी की कहानी अमर और सीमा नामक एक मध्यम वर्गीय परिवार की है, जो मेट्रो शहर में रहता है। कुलजीत, जो अमर का भाई है, अपनी स्वार्थी पत्नी के साथ मिलकर उसे धोखा देता है। इस नाटक में जीवन की जटिलता को दर्शाने की प्रयास किया गया, इसमें कहा गया है कि चाहे हमारे पास कितना भी कुछ क्यों न हो, संतुष्टि की कमी जरूर होती है। आज की आधुनिक, महत्वाकांक्षी और तकनीक से प्रेरित दुनिया जिसमें मनुष्य को हमेशा सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। जब चीजों को बेहतर बनाने के लिए तकनीक, कानून और प्रक्रियाओं पर ध्यान केंद्रित किया जाता है, तो व्यक्तिगत संबंधों और भावनाओं पर ज़ोर काफी कम हो जाता है। सफल होने और अधिक आरामदायक जीवन जीने की चाह में, हम स्पष्ट रूप से नैतिकता, सम्मान, गरिमा और सम्मान के मूल्यों को भूल गए हैं। दुनिया सफलता और धन की दौड़ बन गई है, और इस दौड़ में हम अनजाने में गलत दिशा में भाग रहे हैं। जब कोई व्यक्ति अपने स्वार्थ में लाभ प्राप्त करता है, तो मानव जाति हर बार हार जाती है।

नाटक की मुख्य भूमिका में साहेब नीतीश-अमर रंधावा, अंकिता दूबे-सीमा रंधावा, अनिल शर्मा-कुलजीत रंधावा, करण ठाकुर-डॉ. सिहं एवं चोर नम्बर 1, करिश्मा शर्मा चोर नम्बर 2, प्रकाश व्यवस्था-सोहराब, ध्वनि-अनिल शर्मा एवं करिश्मा शर्मा ने की।

डॉ. लईक हुसैन ने बताया कि प्रख्यात लोक कलाविद् और भारतीय लोक कला मण्डल के पूर्व निदेशक डॉ. महेन्द्र भानावत के निधन पर कला मण्डल के कार्यकर्ताओं, अतिथियों एवं गणमान्य दर्शकों द्वारा  2 मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि अर्पित की गई ।

समारोह के अंतिम दिन शुक्रवार, दिनांक 28 फरवरी 2025 को शाम 07ः15 बजे मंच-रंगमंच संस्था, अमृतसर द्वारा केवल धालीवाल निर्देशित नाटक एक था मंटो का मंचन किया जाएगा। इस समारोह में दर्शकों का प्रवेश निःशुल्क है।