×

जिंदगी के उन पड़ावों पर अपने पैरों के निशान छोड़ता हूं - इरफान खान की पहली बरसी आज

इरफान खान का राजस्थान से गहरा लगाव

 

आखरी फिल्म राजस्थान के उदयपुर में शूट की गई थी

राजस्थान में जन्मे फिल्म अभिनेता इरफान खान की आज पहली बरसी हैं। आज के दिन यानी 29 अप्रैल के दिन वो इस दुनिया से अलविदा हो गए थे। सरल और सज्जन स्वभाव से पहचाने जाने वाले फिल्म अभिनेता इरफान खान कोलोन इंफेक्शन से लड़ रहे थे। महज 20 साल की उम्र से इरफान ने बॉलीवुड में एंट्री कर ली थी। इस दौरान उन्होने काफी दुख दर्द देखे लेकिन हार नहीं मानी। आपको बता दे कि इरफान की कई मूवी जिनको लोग अभी भी बेहद पसंद करते है।पीकू, द लंच बॉक्स, जज़बा, मदारी, बिल्लू, हैदर, द-डे, अंग्रेजी मिडियम तमाम ऐसी फिल्में है जो आज तक फेंस याद करते है।

आखरी फिल्म राजस्थान के उदयपुर में शूट की गई थी। जयपुर में जन्मे इरफान खान का राजस्थान से बड़ा गहरा लगाव था। उदयपुर के ज्यादातर लोगों के जेहन में आज भी उनकी यादें बसी है। उनकी फिल्म अंग्रेजी मिडियम जो कि उदयपुर में शूट की गई थी। अग्रेंजी मिडियम की पुरी कहानी उदयपुर के एक हलवाई पर आधारित है। चंपक की भूमिका में इरफान खान उदयपुर के मशहूर हलवाई घसीटेराम के पोते बने थे। यह अभिनेता इरफान की आखिरी फिल्म थी। इरफान की खासियत थी कि अंहकार उनमें बिल्कुल नहीं था। जब अपनी फिल्म की शूटिंग खत्म करने के बाद ही वह उदयपुर में अपने फैंस के बीच पहुंच गए थे। फिल्म अभिनेता इरफान खान की कुछ बातें जिन्हें हम कभी नहीं भूल सकेगें।

इरफान खान कहते थे कि मेहनत करो, सफलता अवश्य कदम चूमेगी। छोटी-मोटी असफलता से निराश होने की जरुरत नहीं। इरफान यह भी कहते थे कई बार जीतने की दौड़ में हम यह भूल जाते है कि प्यारा पाना कितना महत्वपूर्ण होता है। अब में जिंदगी के उन पड़ावों पर अपने पैरों के निशान छोड़ता हूं। और आप सबके प्यार और सहयोग के लिए धन्यवाद करना चाहता हूं

उनकी फिल्म के कुछ बेहतीन डायलॉग जो कि लोगों की जुबान पर आज मौजुद है।

सिर्फ इंसान गलत नहीं होते वक्त भी गलत हो सकता है- द डे

बीहड़ में बागी होते है, डकैत मिलते है पार्लियामेंट में – पान सिंह तोमर

हमारी तो गाली पर भी ताली पड़ती है – साहेब बीवी और गैंगस्टर

आदमी जितना बड़ा होता है.. उसके छुपने की जगह उतनी ही कम होती है – कसूर

बड़े शहरो की हवा और छोटे शहरों का पानी, बड़ा खतरनाक होता है। - द किलर

शैतान की सबसे बड़ी चाल ये है कि वो सामने नहीं आता – चॉकलेट

दरिया भी मैं, दरख़्त भी मैं, झेलम भी मैं, चनार भी मैं.........  हैदर

डेथ और शिट, किसी को, कहीं भी, कभी भी, आ सकती है – पीकू

एक फ्रांस बंदा, जर्मन बंदा स्पीक रॉन्ग इंग्लिश, वी नो प्रॉब्लम, एक इंडियन बंदा से रॉन्ग इंग्लिश, बंदा ही बेकार हो जाता है जी – हिंदी मीडियम