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नौतपा की गर्मी में नाटक हैशटेग लव ने बिखेरी प्यार की ठंडक

थिएटरवूड कम्पनी एवं नाट्यांश सोसाइटी ऑफ ड्रामैटिक एंड परफॉर्मिंग आर्ट

 

उदयपुर 27 मई 2024। थिएटरवूड कम्पनी एवं नाट्यांश सोसाइटी ऑफ ड्रामैटिक एंड परफॉर्मिंग आर्ट के संयुक्ततत्वाधान में रविवार 26 मई 2024 एक दिवसीय नाट्य संध्या का आयोजन किया गया। इस नाट्य संध्या मे अशफाक नूर खान पठान द्वारा लिखित व निर्देशित नाटक ‘‘हैशटेग लव’’ का मंचन किया गया।

नाटक के संयोजक मोहम्मद रिजवान ने बताया कि यह नाटक समाज एवं मानवीय जीवन में छिपे प्रेम और श्रृंगार के विभिन्न रूपों और उनके भावों को अभिव्यक्त करता एक प्रयोगात्मक नाटक है, जिसे संगीत और नृत्य के अनूठे प्रयोग ने इसमे चार चांद लगा दिए है, नाटक में मानव जीवन के विभिन्न स्तरों पर श्रृंगार की उपयोगिता को ये नाटक दर्शाता है। ये एक नृत्य-नाटिका है, जिसमें कलाकारो ने अपने नृत्य और अभिनय कौशल से नाटक का प्रभावी मंचन किया।

कथासार

नाटक की शुरुआत एक डायरी से होती है, जिसमें अलग-अलग कहानियाँ लिखी होती है। इन कहानियो के माध्यम से नाटक का कथानक आगे बढ़ता है। यह डायरी किसकी है? कौन लिखता है? इन सवालों के जवाबों को खोजने में शुरू होती है एक प्रेम कहानी। एक लडका और एक लडकी दोनो ही इस डायरी को पढते है और दोनो के बीच में डायरी की वजह से नोक-झोंक होने लगती है। डायरी को पढते-पढते और आपसी नोकझोंक से दोनो की नजदिकिया बढने लगती है और नाटक के अन्त तक आते आते दोनो में प्यार हो जाता है।

यह नाटक एक एसा संगीतमय धागा है, जो विभिन्न प्रेम कहानियों को एक साथ बुनता है और अंत में उन सभी को एक ही बिंदु पर ले जाता है। यह एक लड़के से शुरू होता है जिसे पार्क में चलते समय एक खोई हुई डायरी मिलती है। वह उसे पढ़ना शुरू करता है और पाता है कि डायरी विभिन्न जीवनों की कहानियों से भरी हुई है।

पहली कहानी एक महिला की थी जिसने अपने मातृत्व के अनुभव साझा किए थे, अगली कहानी एक आदमी की थी जो जिम्मेदारियों से दबा हुआ था और अपनी परिवार को खुश रखने के लिए नौकरियों की तलाश कर रहा था, एक और कहानी एक भाई की थी जिसे उसकी बड़ी बहन ने पाला और कैसे वह अपनी शादी के बाद चली गई, अगली कहानी एक अंतर्मुखी लड़के की थी जिसने अपने बहिर्मुखी दोस्तों के कारण खुद को खोजा, लेकिन जब लड़का आखिरी कहानी पर पहुंचा, तो उसकी हैरानी की बात यह थी कि कहानी अधूरी थी। यह एक प्रस्ताव के बारे में थी। लड़का डायरी के मालिक के बारे में जानने के लिए इतना बेताब था कि वह पार्क में इंतजार करने लगा और उसकी हैरानी की बात यह थी कि तीन लड़कियाँ डायरी को ढूंढ रही थीं। लड़का उनमें से एक लड़की से प्यार कर बैठा और जानने के लिए बेताब था कि प्रस्ताव की कहानी किसकी थी। अपने दोस्तों के साथ वह यह पता लगाने के लिए योजनाएं बनाने लगा कि डायरी किसकी है और इस दौरान लड़कियाँ और लड़के दोस्त बन गए। कई प्रयासों और इंतजार के बाद, लड़का आखिरकार अपनी प्रेमिका से अपने प्यार का इजहार करता है और पता चलता है कि वह भी उससे प्यार करती है।

लेकिन सवाल अब भी बना हुआ है कि डायरी किसकी है? अंत में, सबकी हैरानी की बात यह थी कि वह लड़की भी पार्क में चलते समय डायरी पाई थी। डायरी बहुत सारी नई प्रेम कहानियों का माध्यम बन गई थी। और इसलिए इसे हैशटैग लव कहा जाता है। प्रेम कहानियां हमेशा रोमांटिक नहीं होतीं। कभी-कभी इसमें भाईचारा होता है, कभी-कभी यह सिर्फ एक माँ-बेटे का बंधन होता है। और प्रेम इन सभी में मौजूद होता है।

नाटक में मंच पर कलाकारों में कृष्णा शर्मा, मुकुल खांडिया, प्रमोद रेगर, धर्मेश प्रताप सिंह, उमंग सोनी, दिव्यांश डाबी, यश जैन, हर्ष दुबे, अगस्त्य हार्दिक नागदा, हर्षिता शर्मा, अरशद कुरेशी, पार्थ सिंह, रिया नागदेव, उर्वशी कंवरानी ने अपने अभिनय से दर्शकों का मन मोह लिया। मंच पाश्र्व में संगीत सयोंजन मोहम्मद रिजवान मंसूरी, मंच निर्माण व प्रकाश व्यवस्था में अगस्त्य हार्दिक नागदा व मंच संचालन नेहा श्रीमाली द्वारा किया गया। इस नाटक का प्रकाश संयोजन, लेखक और निर्देशन अशफाक नूर खान पठान द्वारा किया गया।