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कथक की मोहक प्रस्तुति से शरद रंग का आगाज़

शरद तराना से झरा शारदीय रंग

 
कल शीतल का भरतनाट्यम

उदयपुर, 28 जनवरी 2021। पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की ओर आयोजित तीन दिवसीय ‘‘शरद रंग’’ की शुरूआत गुरूवार को तरूणा व्यास के कथक से हुई। जिसमें तरूणा और उनकी सह कलाकारों ने अपने नर्तन से लावण्य बिखेरा। समारोह के दूसरे दिन शुक्रवार को अहमदाबाद की शीतल मकवाना व उनके दल द्वारा भरतनाट्यम की प्रस्तुति दी जाएगी।

शिल्पग्राम के दर्पण सभागार में आयोजित तीन दिवसीय शास्त्रीय नृत्य व संगीत समारोह ‘‘शरद रंग’’ के पहले दिन जयपुर घराने की सुविख्यात नृत्यांगना तरूणा व्यास और उनकी सह कला नेत्रियों ने अपने कथक प्रदर्शन से समां सा बांध दिया। तरूणा और उनके समूह ने अपने नर्त की शुरूआत माँ सरस्वती की वंदना से की। इसके बाद ‘‘शरद तराना’’ की प्रस्तुति उत्कृष्ट बन सकी जिसमें कथक के तत्वों का प्रयोग तथा लयकारी के साथ नर्तन का मिश्रण दर्शनीय बन सका। प्रस्तुति में संगीत पक्ष जहां प्रबल बन सका वहीं नृत पक्ष ने उसे सौन्दर्य प्रदान किया।

कथक गुरू रेखा गुरूजी की शिष्या तरूणा और सखियों ने इसके बाद रचना ‘‘केसे निकसी चांदनी...’’ में अपने नृत्याभिनय से अनूठा दृश्य बिम्ब उपस्थित किया। प्रस्तुति में आंगिक विन्यास और भाव सम्प्रेषणता का प्रदर्शन दर्शकों को खूब पसंद आया। वहीं चन्द्र पुंज के प्रयोग ने प्रस्तुति को मोहक बनाया। इसके पश्चात जयपुर घराना का शुद्ध कथक एक और सुंदर प्रस्तुति बन सकी। कार्यक्रम के आखिर में सभी नृत्यांगनाओं ने एक साथ मिल कर ‘‘केसरिया बालम पधारों....’’ पर अपने अपने शैलीगत नर्तन से मोहक छवि अंकित कराई।

प्रस्तुति में तरूणा व्यास के साथ अनुभा शर्मा, मिष्ठी त्रिवेदी, दक्षिका नरूका, आयूषी सेहल, आंचल जोशी, भारती शर्मा तथ गिरीश कुमार ने अपनी प्रस्तुतियाँ दी। इससे पूर्व केन्द्र निदेशक किरण सोनी गुप्ता तथा अतिरिक्त निदेशक सुधांशु सिंह ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। श्रीमती किरण सोनी गुप्ता ने कलाकार दल का पुष्प गुच्छ व कलिका से स्वागत किया।