166 प्रतिभावान छात्र छात्राओं को सम्मानित किया गया
इमाम हुसैन और अब्बास अलमदार की यौमे विलादत पर महफ़िल का आयोजन
उदयपुर 2 फ़रवरी 2025। सुधारवादी बोहरा यूथ समुदाय से सम्बद्ध दी बोहरा वेल्फेयर सोसायटी (मण्डी एसोसिएशन) की ओर से इस्लाम के पैगंबर हज़रत मोहम्मद साहब के नवासे और हज़रत अली के बेटे इमाम हुसैन और अब्बास अलमदार की यौमे विलादत के अवसर पर महफ़िल बोहरवाडी स्थित मस्जिद वजीहपुरा में आयोजित की गई जिसमें 166 प्रतिभावान छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया गया।
प्रवक्ता मंसूर अली ओड़ावाला ने बताया कि प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी वर्ष 2023-2024 के 166 छात्र छात्राओं को कक्षा प्रथम से लेकर बारहवीं तक विभिन्न संकायों में तथा स्नातक एवं स्नातकोत्तर शिक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने पर प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त अभ्यर्थियों को पुरस्कार एवं प्रशंसा प्रमाण पत्र प्रदान किये गये। इसके अलावा इस अवधि में एमबीए में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त अभ्यर्थियों के साथ ही आईआईटी, बीई, एमई, एमबीबीएस, सीए, आईसीडब्ल्यूए, सीएस एवं पी.एचडी उपाधि प्राप्त प्रतिभावानों को भी पुरस्कृत किया गया। वहीँ स्कूल ऑफ़ दीनी तालीम के बच्चो को भी मेरिट के आधार पर सम्मानित किया गया।
महफ़िल में द बोहरा वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष कमरुद्दीन मंडी वाला ने बताया कि बोहरा समाज में शिक्षा के व्यापक प्रसार एवं प्रोत्साहन की दृष्टि से सोसायटी विगत 42 वर्षों से सुधारवादी बोहरा समाज के प्रतिभावानों को प्रतिवर्ष सम्मानित करती आ रही है। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि कुल प्रतिभावानों में से अधिकतर छात्राओं का सम्मान किया गया जो समाज में महिलाओं के उच्च शैक्षणिक स्तर को दर्शाता है।
द बोहरा वेलफेयर सोसायटी के सचिव हिबतुल्लाह अत्तारी ने बताया की दाऊदी बोहरा समाज (बोहरा यूथ) में सक्षरता की दर 100% है। वहीँ समाज के ज़्यादातर लोग उच्च शिक्षित होकर देश विदेश में अपनी सेवाए दे रहे है। कार्यक्रम का संचालन अली मज़हर रस्सावाला ने किया था वहीँ कार्यक्रम को सफल बनाने में दी बोहरा वेल्फेयर सोसायटी (मण्डी एसोसिएशन) के सदस्यों आशिक मगर, खुर्शीद सबील, रियाज़ टीन, आज़म सनवाड़ी, यूसुफ पृथ्वीराज, शब्बीर नासिर, अनीस खोलिया और अब्दुल्लाह डीएम ने अपना सहयोग प्रदान किया।
इससे पूर्व महफ़िल की सदारत करते हुए मुल्ला पीर अली और मौलाना अली असगर खिलौना वाला ने बच्चो और युवाओ को इमाम हुसैन के पदचिन्हो पर चलने की सलाह देते हुए इमाम हुसैन के जीवन के रोशन पहलु पर प्रकाश डाला। इसके अलावा महफ़िल में इमाम हुसैन की शान में कसीदे भी पढ़े गए। महफ़िल के बाद इस अवसर पर सामूहिक नियाज़ का भी आयोजन किया गया।