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फतहसागर पर सुंदरकांड पाठ और सागर महाआरती कल

9 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा महोत्सव के पुनीत अवसर पर फतेह सागर के तट पर सागर महा आरती होगी। इससे पूर्व शाम को 4 से 6.30 बजे तक सुंदरकांड पाठ का भव्य आयोजन होगा

 

उदयपुर 8 अक्टूबर 2022 । जय हनुमान राम चरित मानस प्रचार समिति ट्रस्ट उदयपुर मेवाड़ के तत्वावधान में 9 अक्टूबर को ढाई घंटे तक सुंदर काण्ड पाठ होगा और उसके पश्चात सायं 7.30 बजे सागर महा आरती का आयोजन होगा।

ट्रस्ट के संस्थापक सत्यनारायण चौबीसा ने बताया कि 9 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा महोत्सव के पुनीत अवसर पर फतेह सागर के तट पर सागर महा आरती होगी। इससे पूर्व शाम को 4 से 6.30 बजे तक सुंदरकांड पाठ का भव्य आयोजन होगा। 

उन्होंने बताया कि हालांकि सुंदरकांड का पाठ हर वर्ष फतेहसागर में जलविहार करते हुए नौका में किया जाता है लेकिन इस बार फतेह सागर में नौकायन की अनुमति नहीं मिलने के कारण भव्य सुंदरकांड का पाठ फतेहसागर के मोती मगरी वाले गेट के तट पर ही होगा। इस दौरान प्रसाद के रूप में 5 क्विंटल खीर वितरित की जाएगी। भव्य सुंदरकांड पाठ एवं सागर महा आरती का आयोजन 2006 से अनवरत ट्रस्ट द्वारा किया जाता रहा है। इसके पश्चात प्रयागगिरी महाराज खास ओदी, राहुल अग्रवाल एवं समाजसेवी श्याम एस. सिंघवी सहित अनेक श्रेष्ठीजनों का सानिध्य प्राप्त होगा।

उन्होंने बताया कि वर्ष 2006 में अकाल के कारण फतहसागर का पेटा बिल्कुल खाली हो गया था। शहर में पानी की कमी थी। ऐसे में सत्यनारायण चौबीसा के मन में जल देवता को प्रसन्न करने का विचार आया। फतेहसागर के खाली पेट में ही अपने सहयोगियों के साथ 5 दिवसीय इंद्र शांति महायज्ञ का आयोजन किया। 5 दिन बाद परमात्मा की ऐसी कृपा हुई कि 15 दिनों के भीतर ही उदयपुर की झीलें लबालब होकर ओवरफ्लो हो गई। उसके बाद यह आयोजन हर साल किया जाता है।

ट्रस्ट के संरक्षक ओपी महात्मा ने बताया कि पिछले 20 सालों से ट्रस्ट के माध्यम से विभिन्न सेवा प्रकल्पो का आयोजन किया जाता रहा है।  इनमें मुख्य रूप से आध्यात्मिक आयोजनों के साथ ही निशुल्क चिकित्सा शिविर भी शामिल हैं। इसी कड़ी में अब तक लगभग 25 शिविर आयोजित किए जा चुके हैं। पिछले दिनों एक विशाल ज्योतिष सम्मेलन का आयोजन भी ट्रस्ट के तत्वावधान में किया गया था।

ट्रस्ट के निर्मल जैन ने बताया कि उनके मन में भी सेवा भाव और जनहित के कार्यों को करने की लालसा जागी और वह ट्रस्ट के साथ जुड़े। उसके बाद निरंतर कोई भी जनहित के कार्य होते हैं वह आगे रहकर निरंतर सहयोग करते हैं। प्रभु ने हमें इतना कुछ दिया है हमारा भी दायित्व है कि हम भी समाज सेवा में अपना कुछ तो अर्पण कर ही सकते हैं। इस आयोजन के संबंध में एस एम एस संस्थान के विजय सिंह कच्छावा ने भी अपने विचार रखे।