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G-20: अमिताभ कांत ने कहा, "जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों को कम करने में परमाणु ऊर्जा मददगार"

अमिताभ कांत ने 'स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण के लिए छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर' शीर्षक से एक अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित किया
 
 
  • मुंबई में दूसरे दिन ऊर्जा परिवर्तन कार्यकारी समूह (ETWG) की तीसरी बैठक का आयोजन
  • मुंबई में 17 मई को होगी ETWG बैठक की अंतिम दिन
  • भारत की G20 की अध्यक्षता में चार ऊर्जा परिवर्तन कार्यकारी समूह बैठकों की योजना

भारत की G-20 अध्यक्षता के तहत ऊर्जा परिवर्तन कार्यकारी समूह (ETWG) की तीसरी बैठक मुंबई में दूसरे दिन आयोजित की गई। 15 मई से शुरू हुई तीन दिवसीय बैठक में G-20 सदस्य देशों, विशेष आमंत्रित देशों और अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी, विश्व बैंक और भारतीय विश्व ऊर्जा परिषद जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों का प्रतिनिधित्व करने वाले 100 से अधिक प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।

बैठक के दूसरे दिन मंत्रिस्तरीय विज्ञप्ति के मसौदे पर चर्चा और प्रगति को आगे बढ़ाया गया। इस दौरान नीति आयोग, परमाणु ऊर्जा विभाग और एनटीपीसी के सहयोग से ‘एनर्जी ट्रांजिशन में छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों की भूमिका’ विषय पर अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया। ETWG की यह बैठक 17 मई, 2023 को समाप्त होगी।

भारत के G-20 शेरपा अमिताभ कांत ने 'स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण के लिए छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर' शीर्षक से एक अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित किया। सत्र को वर्चुअली संबोधित करते हुए श्री कांत ने कहा कि परमाणु ऊर्जा जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों को कम करने में मदद कर सकती है। इसके अलावा मंगलवार को अपतटीय पवन पर एक अन्य संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के सचिव बी. एस. भल्ला ने कहा कि अपतटीय पवन एक महत्वपूर्ण क्षेत्र के रूप में उभर रहा है और दुनिया इसे स्वच्छ और सस्ती बिजली देने के लिए एक मजबूत समाधान के रूप में स्वीकार कर रही है।

इससे पहले 15 मई को आयोजित बैठक में जीवाश्म ईंधन के विभिन्न विकल्पों पर चर्चा की गई। इस बैठक से सदस्य देशों के बीच समझौते और समझ से स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण में वैश्विक सहयोग को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। भारत ने 2070 तक कार्बन उत्सर्जन को शून्य करने का फैसला किया है। भारत की अध्यक्षता के तहत उल्लिखित छह प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी अंतर का समाधान करके ऊर्जा-स्रोतों में बदलाव, ऊर्जा-स्रोतों में बदलाव के लिए कम लागत पर वित्तपोषण सुविधा, ऊर्जा सुरक्षा और विविध आपूर्ति श्रृंखलाएं, ऊर्जा दक्षता, उद्योगों से कम कार्बन उत्सर्जन के लिए बदलाव और जिम्मेदार खपत, भविष्य के लिए ईंधन तथा स्वच्छ ऊर्जा तक सार्वभौमिक पहुंच और ऊर्जा स्रोतों में बदलाव के न्यायसंगत, किफायती और समावेशी उपाय जैसे विषय शामिल हैं।

इससे एक दिन पहले मुंबई में तीसरे एनर्जी ट्रांजिशन वर्किंग ग्रुप की बैठक से इतर गेटवे ऑफ इंडिया पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जहां कलाकारों ने अपने प्रस्तुतियां दीं। भारत की G20 की अध्यक्षता में चार ऊर्जा परिवर्तन कार्यकारी समूह बैठकों की योजना बनाई गई है। पहली दो ऊर्जा परिवर्तन कार्यकारी समूह बैठकें क्रमशः बेंगलुरु और गांधीनगर में हुई थीं।