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भारतीय पत्रकार संघ बीईंग मानव के साथ मिल दो दिन जरूरतमंदो को वितरीत करेगा वस्त्र  
 

एकत्रिकरण का कार्य 25 अक्टूबर से प्रारम्भ होगा और 30 अक्टूबर व 1 नवंबर को वितरीत करेगा।
 
यह कार्य देश के 22 राज्यों के 330 जिलों में एक साथ प्रारम्भ होगा

उदयपुर। भारतीय पत्रकार संघ (AIJ) व बीईंग मानव (एम स्क्वायर) द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर जरूरतमंदो के लिये वस्त्र एकत्रित कर उन्हे वितरीत करेगा। एकत्रिकरण का कार्य 25 अक्टूबर से प्रारम्भ होगा और 30 अक्टूबर व 1 नवंबर को वितरीत करेगा।

एआईजे के राष्ट्रीय अध्यक्ष विक्रम सेन ने बताया कि यह कार्य देश के 22 राज्यों के 330 जिलों में एक साथ प्रारम्भ होगा। 22 राज्यों के क्षेत्रीय जिलाध्यक्ष अपने-अपने क्षेत्र में 25 अक्टूबर से स्थानीय लोगों, स्वयं सेवी संगठनों,मित्रों से वस्त्र एकत्रित करना प्रारम्भ करेंगे और 30 अक्टूबर व 1 नवम्बर को उन वस्त्रों को जरूरतमंदों में वितरण किया जायेगा। इन वस्त्रों में हर प्रकार के एवं हर आयु वर्ग के वस्त्र शामिल होंगे ताकि कोई भी जरूरतमंद इस सेवा के तहत दिये जाने वस्त्रों से वंचित न रह सकें।

अभियान के राष्ट्रीय संयोजक दिनेश गोठवाल ने बताया कि संगठन के देश के सभी जिलाध्यक्ष को अपने-अपने क्षेत्र में उपरोक्त दोनों मुख्य संगठनों के साथ ही स्थानीय स्तर पर स्वयं सेवी संगठन या दानदाता के सहयोग से इस कार्य को पूरा करेंगे।  

बीईंग मानव (एम स्क्वायर) के संस्थापक मुकेश माधवानी ने बताया कि हम ऐसे लोगों के पास पंहुचने का प्रयास करेंगे जिन्हें इन वस्त्रों की काफी जरूरत होगी, हालांकि देश में ऐसे अनेक लोग हैं जो इनकी पीड़ा को समझते हुए इस नेक कार्य के लिए आगे आते हैं और गर्म कपड़े, कंबल आदि का वितरण कर लोगों को मानव सेवा के लिए प्रेरित करते हैं।

उन्होंने बताया कि प्रत्येक घर में कई वस्तुएं ऐसी होती है जिनका कभी उपयोग नहीं हो पाता है। जैसे छोटे हो गए गर्म व अन्य वस्त्र, पुरानी शॉल, कोट, बिस्तर आदि। कपड़ों के अलावा इन वस्तुओं में किताबे, स्टेशनरी, छाते एवं खिलौनों के रूप में अन्य वस्तुएं भी शामिल है जो आमजन के दैनिक कार्यों में उपयोग से बाहर हो जाती है। इस अभियान के पीछे यहीं उद्देश्य है कि ऐसी सभी अनुपयोगी वस्तुओं को जन सहयोग से इकट्ठा कर उन्हें जरूरतमंद में वितरित किया जायेगा। यदि कोई वस्तु या कपड़ा फटा हुआ भी है तो उसे उपयोग लायक भी बना कर उसे जरूरतमंद को प्रदान किया जायेगा।