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GITS में इनोवेशन, डिजाइन और एंटरप्रन्योरशिप बूट कैम्प 2025 का समापन

आई.डी.ई. बूट कैम्प 2025 एडीशन-2 का समापन

 

उदयपुर 21 फ़रवरी 2025।  गीतांजली इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्निकल स्टडीज डबोक उदयपुर में अखिल भारतीय शिक्षा परिषद, नई दिल्ली एवं शिक्षा मंत्रालय के मिनीस्ट्री ऑफ इनोवेशन सेल के संयुक्त तत्वाधान में पांच दिवसीय कार्यक्रम इनोवेशन, डिजाईन और एंटरप्रन्योशिप पर बूट केम्प-2025 एडीशन 2 का समापन हुआ।

इस कार्यक्रम में देशभर के 14 राज्यों से 315 छात्रों ने 75 प्रोजेक्ट के साथ भाग लिया। पुरे भारत में कुल 12 नोडल सेंटरों का चयन किया गया था, जिसमें राजस्थान से केवल गिट्स को यह सम्मान प्राप्त हुआ। इस बुट केम्प के दौरान छात्रों ने अपने कौशल नवाचार और ज्ञान को साझा किया, जिससे न केवल उनके व्यक्तिगत विकास को बढावा मिला, बल्कि संस्थान को भी नई ऊंचाईयों तक पहुंचाने का अवसर प्राप्त हुआ।

इस अवसर पर सम्मानित अतिथियों के रूप में दीपन साहु असिस्टेंट इनोवेशन डायरेक्टर, ए.आई.सी.टी.ई., शीनू जैन प्रोफेसर एल.एन.एम.आई.आई.टी. जयपुर (वाधवानी मास्टर ट्रेनर), सुब्रत साहु, स्टार्टअप फेलो, ए.आई.सी.टी.ई., डॉ. पी.के. जैन निदेशक, एम.बी.ए., गिट्स, डॉ. अलवर रमन, फोरमर साईटिंस्ट इसरो, लक्ष्मी रमन, एम. गणेश, नितिन पुरोहित, मोहम्मद अली भाटी, आशीष श्रीमाली, प्रफुल्ल शर्मा, रित्विक जोशी, वन्दना शाह महेश्वरी, वैभव जैन, आशुतोष सिंह, सौरभ सुमन, सौरभ वैष्णव, दिशान्त जागेटिया, वेद शुक्ला, मोहित माहेश्वरी, राहुल जिंगर एवं मेघना राठौड उपस्थित हुए।  

संस्थान निदेशक डॉ. एस.एम. प्रसन्ना ने बताया कि यह बुट कैम्प के माध्यम से छात्रों को डिजाइन थिंकिंग, एग्रोनोमिक, टिचींग स्किल, प्रोडक्ट डिजाइन, स्टार्टअप स्टेªटेजी, वित्तिय साक्षरता और इनवोशन व्यवसायीकरण जैसे महत्वपूर्ण विषयों को समझने और अपनाने का अवसर मिला। इस  कार्यक्रम से न केवल छात्रों के नवाचार कौशल को बढाने में सहायता मिली, बल्कि वास्तविक दुनिया की समस्याओं के लिए भी नये समाधान खोजने में मदद मिलेगी।

कार्यक्रम के संयोजक डॉ. चिंतल पटेल ने बताया कि इस दौरान छात्रों ने ‘‘कस्टमर डिस्कवरी लैब’’ के माध्यम से उपभोक्ता व्यवहार और आवश्यकताओं का विश्लेषण किया तथा ‘‘लीन कैनवास’’ मॉडल का उपयोग कर अपने स्टार्टअप्स की प्रभावी रणनीती तैयार की।

गिट्स के वित्त नियंत्रक बी.एल. जांगिड ने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य प्रतिभागियों को सफल उद्यमी बनाने और भारत के विकास में योगदान करने के लिए कौशल प्रदान करना था।