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उदयपुर में चेटीचंड (झूलेलाल जयंती) मनाई गई 

चेटीचंड को अवतारी युगपुरुष भगवान झूलेलाल के जन्म दिवस के रूप में जाना जाता है

 

झूलेलाल सेवा समिति के महासचिव सुनील खत्री ने बताया कि हर साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीय पर चेटीचंड (झूलेलाल जयंती) मनाया जाता है, चैत्र मास को सिंधी में चेट कहा जाता है और चांद को चण्ड, इसलिए चेटीचंड का अर्थ हुआ चैत्र का चांद चेटीचंड को अवतारी युगपुरुष भगवान झूलेलाल के जन्म दिवस के रूप में जाना जाता है। 

भगवान झूलेलालजी को जल और ज्योति का अवतार माना गया है, कहते हैं प्राचीन काल में जब सिंधी समाज के लोग जलमार्ग से यात्रा करते थे। ऐसे में वे अपनी यात्रा को सकुशल बनाने के लिए जल देवता झूलेलाल से प्रार्थना करते थे और यात्रा सफल होने पर भगवान झूलेलाल का आभार व्यक्त किया जाता था। इसी परंपरा का निर्वहन करते हुए चेटीचंड का त्योहार माना जाता है। मान्यता भगवान झूलेलाल की पूजा से व्यक्ति की हर बाधा दूर होती है और व्यापार, नौकरी में तरक्की के राह आसान होती है। 

चेटीचंड के अवसर पर भक्त लकड़ी का मंदिर बनाकर उसमें एक लोटे से जल और ज्योति प्रज्वलित की जाती है. जिसे बहिराणा साहब भी कहा जाता है. भक्तजन झूलेलाल भगवान की प्रतिमा को अपने शीश पर उठाकर परम्परागत छेज नृत्य करते हैं। इस दौरान झांकी निकाली जाती है। आज भी समुद्र के किनारे रहने वाले जल के देवता भगवान झूलेलाल जी को मानते हैं। उपासक भगवान झूलेलाल को उदेरोलाल, घोड़ेवारो, जिन्दपीर, लालसाँई, पल्लेवारो, ज्योतिनवारो, अमरलाल आदि नामों से भी पूजते हैं। यह दिन सिंधी समाज के लिए विशेष महत्व रखता है कि इसी दिन से सिन्धी हिंदुओं का नया साल शुरू हुआ था चैती संघ के दिन सिन्धी समुदाय के लोग भगवान झूलेलाल की श्रद्धा भाव से पूजा करते हैं और मान्यता के अनुसार संत झूलेलाल वरुण देव के अवतार माने जाते हैं।

झूलेलाल सेवा समिति के तत्वधान में के महासचिव सुनील खत्री ने बताया कि प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी भगवान झूलेलाल जन्मोत्सव 23 मार्च चेटीचंड के रूप में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। प्रातः शक्तिनगर स्थित झूलेलाल भवन में पंडित कमल देव किशन पुरोहित के सानिध्य में समाज के पदाधिकारियों की उपस्थिति में पूजा पाठ कर प्रातः 11:00 शक्तिनगर से सनातन मंदिर से बहाराणा साहेब पहले गुरु जी सन्त कुमार के दरबार से फिर नगर भ्रमण के लिए शक्तिनगर से प्रारंभ हुआ जो कि शास्त्री सर्कल, बापू बाजार, दिल्ली गेट, धानमंडी, सूरजपोल होते हुए दोपहर करीब 2:30 श्री सिंधी धर्मशाला, कमलावाडी पर प्रसादी के साथ समाप्त हुआ। 


     
समाज के विजय आहुजा ने बताया कि शोभायात्रा में निकलने वाला बहिराणा साहब को विशेष रूप से सनातन धर्म सेवा समिति द्वारा सजाया जाता है। श्री  झूलेलाल सेवा समिति के अध्यक्ष प्रताप रॉय चुघ ने बताया कि समाज की पंचायतों से युवा संगठन द्वारा विभिन्न प्रकार की झांकियां की प्रस्तुति दी गई व शोभा यात्रा का जगह जगह पर पुष्प, मिल्क रोज, शीतल पेय, फलों द्वारा आदि द्वारा भव्य स्वागत किया गया। समाज के सभी कार्यकर्ता सफेद शर्ट/टीशर्ट के साथ जय झुलेलाल की लिखी भगवा कलर टोपी पहन रखी थी। 

समाज के किशोर झाम्बनी ने बताया कि भगवान झूलेलाल के लोकगीत पर झूम उठे नाच करते-करते शोभायात्रा में चलते रहे जिसमें मुख्य संगीत मुख्य लोकगीत ज्योतिन साहिब जो स्वागत कंदासी झूलेलाल सांई जा पंजड़ा चवंदासीं, अज्युत मुंहिंजो लाल आयो, पंजे सर्वे जो मुकुट मुहिंजे झूलेलाल जो, जैसे भजनों पर नाचते, गाते श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बनता था। जिसमें बड़ी संख्या में सिंधी समाज के लोगों ने भाग लिया। 

शोभायात्रा में शमिल बैंड बाजे, डीजे की धुन पर सिन्धी सखिज की सखियों समाज का छेज नृत्य  भी आकर्षण का केन्द्र किया, चेटीचंड महोत्सव के उपलक्ष्य पर समाज के पूरे शक्तिनगर को आर्कषण विधुत लाईटों से सजाया गया एव समाज के घरों में शाम को दिपक व लाईटों से रोशनी की गई। राजस्थान सिंधी अकादमी के पूर्व अध्यक्ष हरीश राजानी ने बताया कि चेटीचंड की शाम को श्री बिलोचिस्तान भवन के बाहर शक्ति युवा संगठन के नेतृत्व में विशाल मेले का आयोजन किया गया जिसमें सभी आने वालों को एक लकी कूपन दिया गया जो कि रात 12:00 बजे खोलाते है जो उपस्थित विजेता को हाथों हाथ तरह-तरह के प्राइस दिये गये,मेले में कई खाने-पीने की स्टाल, गेम रखे गए ,जिसका समाज में लुफ्त उठाया , साथ ही चेटीचंड पर शक्ति नगर स्थित सनातन मंदिर में अपना संगठन द्वारा भगवान झूलेलाल साईं की विशेष झांकी की प्रस्तुति दी गई । 

इस शोभायात्रा में हिरण मगरी नारी संघ, हिरणमगरी युवा संगठन, हिरणमगरी सेक्टर 11 से 13, सिंधी युवाज सोसाइटी, पूरे मार्ग पर जलसेवा वाहन सुखधाम सेक्टर 9, जवाहर नगर युवाज व युवतीज, कैलाशनगर पंचायत व युवा संगठन,अपना संगठन आदि द्वारा झांकियों की प्रस्तुति दी गई। 

शोभायात्रा में समाज के नानकराम कस्तूरी, सुनील कालरा शिकारपुरी, राजेश खत्री, मनोज कटारिया, हेमंत गखरेजा, मुरली राजानी, किशन वाधवानी, भगवान दास छाबडिया, किशोर पाहुजा, जितेंद्र कालरा, भारत खत्री, अभिषेक कालरा, सुरेश असनानी, उमेश मनवानी, राज सहानी, राजेश चुग, हरीश सिधवानी, गुरुमुख कस्तूरी, पवन कालरा, अमन असनानी ,सचिन मूलचन्दानी, धर्मेंद्र सोनी आदि पंचायत व युवा संगठनों के पदाधिकारी शोभायात्रा में शामिल हुए।