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शिल्पग्राम में तीन दिवसीय कोलाज सृजन कार्यशाला आज से 

यह कार्यशाला निःशुल्क है

 

उदयपुर । चित्रकारी, मूर्ति कला, फोटोग्राफी, म्यूरल कलाओं के अलावा कोलाज कला, चाक्षुष कला का एक महत्वपूर्ण माध्यम है जिसमें सृजनकार पुरानी पत्रिकाओं के पन्नों को फाड़कर सपाट कागज़ या केनवास पर अपनी रूचि के आधार पर चिपकाकर कलाकृति का सृजन करता है ।

इस कला में पारंगत कला गुरु प्रोफ़ेसर श्रीनिवासन अय्यर शिल्पग्राम में तीन दिवसीय कोलाज सृजन कार्यशाला में अपने ज्ञान और अनुभव को जिज्ञासुओं के साथ साझा करेंगे। 23 से 25 अगस्त तक दोपहर 2 बजे से 5 बजे तक चलने वाली कार्यशाला में कला जिज्ञासु प्रोफ़ेसर अय्यर के मार्गदर्शन में विभिन्न विषयों पर कलाकृतियों का सृजन करेंगे। इन कलाकृतियों को 25 से 27 अगस्त तक चलने वाले “मल्हार” शास्त्रीय संगीत और नृत्य उत्सव के दौरान दर्पण प्रेक्षागृह के फोयर में प्रदर्शित किया जाएगा।

पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र की निदेशक किरण सोनी गुप्ता ने बताया कि यह कार्यशाला निःशुल्क है और इसमें भाग लेने वाले विद्द्यार्थियों को पुरानी रंगीन पत्रिकाओं को और कैंची को अपने साथ लाना है। अन्य सामग्री केंद्र की ओर से उपलब्ध कराई जायेंगी ।