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स्व. रियाज़ तहसीन जयंती पर नृत्य- संगीत संध्या का भव्य आयोजन

रंगपृष्ठ स्टूडियों के कलाकारों ने कत्थक नृत्य का प्रसिद्ध तराना, आधुनिक कत्थक एवं मधुराष्ठकम कत्थक नृत्य प्रस्तुत किया

 

उदयपुर। भारतीय लोक कला मण्डल में कल  20 सितम्बर 2021 को स्वर्गीय रियाज़ अहमद तहसीन की 83वीं जयंती के अवसर पर नृत्य संगीत संध्या का भव्य आयोजन हुआ। 

भारतीय लोक कला मण्डल के निदेशक डॉ. लईक हुसैन ने बताया कि स्व. रियाज़ अहमद तहसीन साहब एक सामाजिक कार्यकर्ता, शिक्षाविद्, कला मर्मज्ञ, उद्योगपति, गाँधीवादी विचारक कि 83वीं जयंती के अवसर पर भारतीय लोक कला मण्डल एवं रंगपृष्ठ नृत्य स्टुडियो के संयुक्त तत्वावधान में दिनांक 20 सितम्बर को ‘‘ नृत्य संगीत संध्या’’ का आयोजन किया गया। 

जिसमें भारतीय लोक कला मण्डल के एवं रंगपृष्ट नृत्य स्टुडियो के कलाकारों द्वारा नृत्य एवं संगीत के कार्यक्रम प्रस्तुत किये गए इस अवसर पर देश के प्रसिद्ध नाटक्कार एवं नाट्य निर्देशक भानु भारती मुख्य अतिथी थे तो विद्याभवन के अध्यक्ष अजय मेहता ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की, प्रसिद्ध पक्षीविद्ध श्री रजा़ तहसीन विशिष्ठ अतिथि थे। 

गणमान्य अतिथियों ने रियाज़ तहसीन साहब कि तस्वीर पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया रंगपृष्ठ स्टूडियों के कलाकारों द्वारा सरस्वती वंदना से कार्यक्रम प्रारम्भ किया गया उसके पश्चात् भारतीय लोक कला मण्डल के कलाकारों ने गॉंधीजी के प्रिय भजन ‘‘काहे को बिसारो बापु नाम बावरे बडे ही जतन से मनुष्य तन पायो’’ गीत से कार्यक्रम में समा बाँधा तत्पश्चात कलाकारों ने रियाज़ तहसीन साहब को समर्पित ‘‘एक ज्योति थी मशाल थी जलाई थी जो तुमने ही तुम चल पड़े जिधर जिधर तो चल पड़े उधर सभी’’ एवं ‘‘ चिट्ठी न कोई सन्देश जाने वो कोनसा देश जहॉं तुम चले गए’’ गीतों की प्रस्तुति से सबको भाव विभारे कर दिया।

उसके पश्चात् रंगपृष्ठ स्टूडियों के कलाकारों ने कत्थक नृत्य का प्रसिद्ध तराना, आधुनिक कत्थक एवं मधुराष्ठकम कत्थक नृत्य प्रस्तुत किया। मधुराष्ठकम कि प्रस्तुति बहुत ही सुंदर एवं प्रभावी हुई। इस कार्यक्रम में रामलाल, हेमंत, शालू वर्मा, भावना धांदडा, यशोदा माली, शोभा मीणा, मीता पाहुजा, गीतीशा पांडे, सोम्या मिश्रा, योगिता सोनी, निधि शुक्ला, शिवांगी तिवरी, कुमुद दिवेद्धी, रोहित राठौड़ ऋषि कटारिया, दीपेन्द्र सिंह बाघेला ने अद्भुत गायन एवं नृत्य प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन कविराज लईक ने किया।

यह कार्यक्रम भारतीय लोक कला मण्डल के गोविन्द कठपुतली प्रेक्षालय में आयोजित किया गया जिसमें पहले आओ पहले पाओं के आधार पर प्रशासन कि गाईड़ लाईन के अनुसार  ‘‘नो मास्क नो एन्ट्री’’ के साथ दर्शकों को निःशुल्क प्रवेश दिया गया।