ईद की मिठास होली का उल्लास, शेरों -शायरी का अनूठा अन्दाज़
मुुल्क की गंगा -जमनी तहजीब का सेलिब्रेशन : प्रज्ञा केवलरमानी
उदयपुर 7 अप्रैल 2025। ईद आई तो खुशियों संवरने लगी,,,‘‘ ना उर्दू ना हिंदी बोलती है, गजल मोहब्बत की बोली बोलती है,,‘‘ आओ खुशियों की होली मनाएं सभी, प्रेम के रंग लगाएं सभी,,,‘‘ ना हिन्दू ना मुसलमान बनकर रहना है, हमे मुल्क मे इंसान बन कर रहना है,, गीत , गजलों, कविताओं और शायरी मे मुल्क के अमन चैन की बात और साथ ही साथ ईद की मिठास संग होली की अबीर गुलाल का अहसास।
मौका था रामा मेहता चेरिटेबल ट्रस्ट और उदयपुर तालीम तरबियत फाउंडेशन की ओर से ईद और होली मिलन समारोह का जिसमें मुख्य अतिथि संभागीय आयुक्त श्रीमती प्रज्ञा केवलरमानी, ट्रस्ट के संरक्षक अजय एस. मेहता, फाउंडेशन के संरक्षक शेख शब्बीर के मुस्तफा, उदयपुर रत्न इकबाल सागर, पूर्व पार्षद श्रीमती बतुल हबीब, अब्दुल लतीफ मंसूरी और सेवानिवृत्त उपकल्याण आयुक्त और फाउंडेशन के संयोजक जाहिद मोहम्मद मंसूरी मौजूद थे।
ईद और होली मिलन समारोह के दौरान शायरों ने अपनी प्रस्तुतियों से समां बांध दिया। डॉ. इकबाल सागर, डॉ. प्रेम भण्डारी, डॉ. सिद्दीका साहिबा, चन्द्रशेखर खत्री, आसमा बेगम, अकबर शाद, मुश्तरक चंचल सहित अन्य हिंदी और उर्दू कवियों द्वारा कविता, नज्म और गजलों की प्रस्तुतियां दी गई।
मुख्य अतिथि संभागीय आयुक्त श्रीमती प्रज्ञा केवलरमानी ने कहा कि आज का आयोजन हमारे मुुल्क की गंगा -जमनी तहजीब का सेलिब्रेशन है। ट्रस्ट के संरक्षक अजय एस. मेहता ने कहा कि ऐसा लग रहा है, दूनियां मे नफरत फैल रही है। समाज मे दूरीयों बढ़ रही है और इन दूरियों का फायदा कुछ कतिपय नेता उठा रहे है, लेकिन हमे हिन्दू - मुसलमान नही बल्कि इंसान बन कर रहना है।