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दसा नरसिंहपुरा दिगम्बर जैन महासभा का प्रथम युवक-युवती परिचय सम्मेलन संपन्न

485 युवक-युवतियों ने दिया बेबाक परिचय
 

उदयपुर 29 फरवरी 2024 । भारत वर्षीय दिगंबर जैन मेवाड़-वागड़ प्रान्तीय दिगम्बर जैन दसा नरसिंहपुरा महासभा का प्रथम बार अखिल भारतीय स्तर पर आयोजित युवक-युवति परिचय सम्मेलन बाहुबली विहार परिसर उदयपुर में उदयपुर समाज के संयोजन में एतिहासिक उपस्थिति के साथ-साथ संपन्न हुआ। इस सम्मेलन में कुल 485 युवक-युवतियों ने अपना पंजीयन कराकर भाग लिया । 

महासभा के अध्यक्ष लक्ष्मी लाल बोहरा ने बताया की प्रथम दिन ध्वजारोहण, पाण्डाल उद्घाटन व दीप प्रज्लन की रस्म के साथ कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ । कार्यक्रम के प्रारम्भ में प्रायोजक उदयपुर समाज के अध्यक्ष सुमति प्रकाश वालावत ने पूरी टीम के साथ मंचासीन समारोह अध्यक्ष श्रीपाल बोहरा लोहारिया, मुख्य अतिथि सूरजमल लिखमावत दिल्ली, विशिष्ट अतिथि श्रीपाल अणदावत धरियावाद, अशोक कुमार नश्नावत लोहारिया, ध्वजारोहण कर्ता बद्रीलाल कंठालिया सलुम्बर व पाण्डाल उद्घाटन कर्ता बाबूलाल वोरा रामगढ परिवार का सम्मान किया गया।

अध्यक्ष लक्ष्मी लाल बोहरा ने अपने उद्बोधन में बताया की इस एतिहासिक व भव्य कार्यक्रम में अपार जन समूह की उपस्थित व युवक-युवतियों द्वारा परिचय सम्मेलन में बढ़-चढ़ कर भाग लेना निश्चित रूप से समाज के विकास में नये आयाम स्थापित करेगा । उन्होंने सभी अतिथियों व उपस्थितिजन समूह का शब्द सुमनों से स्वागत किया । 

महासभा महामंत्री कचरूलाल जैन रामगढ ने कार्यक्रम का संयोजन करते हुए बताया की इस परिचय सम्मेलन में राजस्थान, गुजरात, सौराष्ट्र, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, अमेरिका, लन्दन, आदि से युवक-युवतियों व उनके अभिभावकों ने भाग लेकर व संभागियो ने मंच पर अपना परिचय व अपनी विशेषताओं का उल्लेख अलग-अलग अंदाज में किया साथ ही महामंत्री द्वारा प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया प्रथम दिन सत्र में साम 6 बजे तक प्रत्याशी परिचय कार्यक्रम चला । रात्री 7 बजे से 10 बजे तक भक्ति संध्या व विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम संपन्न हुए । युवा परिषद् अध्यक्ष हितेष भंवरा ने बताया की नृत्य प्रतियोगिता में ऋषभदेव समाज प्रथम, धरियावाद समाज द्वितीय व उदयपुर समाज तृतीय स्थान पर रही ।

द्वितीय दिन कार्यक्रम का शुभारम्भ प्रात: 10 बजे अतिथि आमंत्रण के साथ प्रारंभ हुआ, जिससे समारोह अध्यक्ष श्रीमती तिलक लक्ष्मी लाल बोहरा उदयपुर, मुख्य अतिथि श्रीमती लवंगी देवी कचरूलाल जैन रामगढ, विशिष्ट अतिथि श्रीमती कैलाश डॉ. महावीर प्रसाद लिखमावत भीण्डर व श्रीमती किरण रमेश केरोत उदयपुर को मंचासीन करा, सभी का सपरिवार सम्मान महासभा द्वारा किया गया। प्रथम दिन 220 व द्वितीय दिन 138 संभागियो ने अपना परिचय मंच के माध्यम से दिया । 

उदयपुर समाज मंत्री रमेश चन्द्र केरोत ने बताया की इस एतिहासिक कार्यक्रम को पूर्ण कराने में अपनी महतीं भूमिका के लिए महासभा के अध्यक्ष लक्ष्मी लाल बोहरा, महामंत्री कचरूलाल जैन व आयोजक उदयपुर समाज के अध्यक्ष सुमतिं प्रकाश वालावत की सम्पूर्ण उपस्थित जन समूह की तरफ से युवा परिषद् की सम्पूर्ण टीम द्वारा विशेष सम्मान किया गया । समारोह में उदयपुर समाज द्वारा आवास, भोजन, पाण्डाल की उत्कृष्ठ व्यवस्था  हेतु सम्पूर्ण महासभा की और से आभार व्यक्त किया गया ।  

इस अवसर पर " आभा " परिचय पुस्तिका का विमोचन कर प्रत्याशियों को वितरित की गई साथ ही इसके प्रधान सम्पादक शीतल कुमार डूंगरीया सह सम्पादक युवा परिषद् महामंत्री रविन्द्र बोहरा रामगढ, दिलीप लालावत, कैलाश हाथी, सुरेश उंजोत उदयपुर को सम्मानित किया गया । इस महत्वपूर्ण कार्य को सम्पादित किया ।

युवा परिषद् उदयपुर के अध्यक्ष अभिषेक भावोत ने बताया की इस समारोह में पंडित शुभम शास्त्री, संचालक अतिवीर जैन धरियावाद ने सम्पूर्ण गति विधियों को संपन्न कराया । इस अवसर पर डॉ. महावीर लिखमावत उदयपुर, महिला परिषद् अध्यक्ष लक्ष्मी बोहरा बांसवाडा, महामंत्री अनीता वणावात धरियावाद, युवा परिषद् अध्यक्ष हितेष भंवरा, महामंत्री रविन्द्र वोरा सहित सभी पदाधिकारि व सदस्य कार्यक्रम में उपस्तिथ रहे । अन्त में वरीष्ठ उपाध्यक्ष राजमल कोठारी ऋषभदेव ने सभी का आभार व्यक्त किया है ।

पण्डि़त सम्राट जैन शास्त्री ने बताया कि इस अवसर पर संत शिरोमणि आचार्य विद्यासागर जी महाराज को लगभग 2500 लोगों ने सामुहिक रूप से खड़े होकर चरणों में विनयांजली अर्पित की,और पूज्य गुरुदेव जल्द ही अनंत चतुष्ट्य से युक्त होकर सिद्ध शिला पर विराजमान हो ऐसी मंगल भावना भाई,भईया शुभम जी जबलपुर ने पूज्य गुरुदेव के संपूर्ण जीवन को अत्यंत गंभीरता के साथ व्यक्त किया की पूज्य गुरुदेव जीव दया, करूणा, परोपकार,बालिकाओं की शिक्षा, कैदी जनों के लिए स्वरोजगार, शांति धारा, 150 गौशाला आदि अनेक प्रकल्प पूज्य गुरुदेव के आशीष से संचालित हो रहे है ,पूज्य गुरुदेव ने उत्कृष्ट समाधि धारण कर आत्म कल्याण किया ।