संस्कृत शिविर में बालिकाओं ने सीखे आत्मरक्षा के गुर
खेल-खेल में सीख रहे हैं संस्कृत
उदयपुर 18 जून 2024। संस्कृत भारती द्वारा ग्रीष्मकालीन संस्कृत भाषा बोधन वर्ग उदयपुर विभाग स्तर पर रेती स्टैंड किसान भवन मे चल रहा है। मुख्य प्रशिक्षक मानाराम ने बताया की छात्र रोजमर्रा के शब्दों का रूपांतरण के साथ-साथ विभिन्न क्षेत्रों में संस्कृत संभाषण शब्द रूप धातु रूप का ज्ञान विभक्ति प्रत्यय आदि का प्रत्यक्ष विधि से प्रायोगिक रूप से एक दूसरे से प्रश्न पूछ कर खेल-खेल में संस्कृत का ज्ञान प्राप्त कर रहे हैं।
साथ ही भजन भी भोजन मंत्र उच्चारण के साथ आरंभ कर पर्यवेशन कार्य भी संस्कृत में करते हुए रोजमर्रा के शब्दों का रूपांतरण भी सिख रहे है , जिसमें दाल को सूप: सब्जी को शाक: चावल को ओदनम् , रोटी को रोटिका, निंबु को निम्बफलं, अचार को अवलेहः, पोहा को पृथुका, आइसक्रीम को पयोहिमं, कुल्फी को कुलपी:, गुलाबजामुन को दुग्ध पुपिका, रसगुल्ले को रासगोलक:, आमरस को आम्ररस:, बिस्कुट को पिष्टकः, लड्डू को मोदकः, शक्कर को शर्करा, नमक को लवणम, सलाद को हरितक:, थाली को स्थालिका, कटोरी को कंस:, चम्मच को चमस:, गिलास को चषक: आदि के माध्यम से खेल-खेल में आनंद के साथ संस्कृत बोध एवं संभाषण का आनंद ले रहे हैं।
वर्ग महिला संयोजिका रेखा सिसोदिया ने बताया कि सभी छात्र विभिन्न सत्रों में प्रातः सुबह उठकर 5:00 बजे एकात्मता स्तोत्र के साथ दिन की शुरुआत कर योग प्राणायाम के साथ बालिकाए आत्मरक्षा के गुर भी विशेष रूप से सीख रही हैं। साथ ही छात्र संपूर्ण दिन में संस्कृत का व्यवहार करते हुए सांय कालीन भाषा क्रीडा के सत्र में क्रीडा भी संस्कृत में ही खेलते हैं। तथा भोजन के आनंद पश्चात अंतिम सत्र जो रात्रि में प्रतिभा प्रदर्शन का आयोजित होता है जिसमें उपस्थित प्रवेश प्रतिभा प्रदर्शन का आयोजित होता है जिसमें उपस्थित सभी छात्र संस्कृत माध्यम से अपनी कोई ना कोई प्रतिभा दिखाते हैं जिसमें श्लोक मंत्र उच्चारण गीत कहानी आई गीता पारायण आदि प्रतिभा से संपूर्ण मंच को आकर्षित करते हैं।
इस अवसर पर आज विशेष रूप से वंदे मातरम् कमांडो मार्शल आर्ट अकादमी के डायरेक्टर किशन वंदे द्वारा मुख्य प्रशिक्षक के रूप में नियुद्ध शौर्य कला शास्त्र विद्या बालिकाओं को आत्मरक्षा की दृष्टि से प्रदान की गई। इससे पूर्व सत्र में एक विशेष उपस्थिति के रूप में धरोहर संस्था के प्रोफेसर प्रो विनया क्षीरसागर छात्रों को संस्कृत की महिमा बताते हुए अपने विचार प्रस्तुत किया।
18 जून 2024 मंगलवार को सांय 6:00 बजे होगा भाषा बोधन वर्ग का समापन । तथा 19 जून प्रातः 5:00 बजे सभी छात्र भारत माता की रंगीन आकृति बनाकर संपूर्ण आकृति पर दीप प्रज्वलन कर उसकी पूजा अर्चना के साथ सभी छात्र प्रस्थान करेंगे।