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[PHOTOS] 'बैक टू स्कूल': St Paul's स्कूल ग्रैंड एलुमनाई मीट

देश-दुनिया से आए पुराने विद्यार्थी, बरसों बाद एक दूसरे से मिले

 
  • यादों के गुलदस्तों से महका स्कूल तो पुराने दोस्तों ने दोहराए किस्से-कहानियां

  • दिनभर हुए कई आयोजन, पुराने छात्रों ने नए बच्चों को बांटे अपने अनुभव 

  • एलुमनाई एसोसिएशन के प्रयास को सबने दिल से सराहा

Udaipur के St Paul's School के कैम्पस में शनिवार को जो शोर मचा उसकी गूंज आने वाले कई सालों तक सुनाई देगी। 70 साल के बेमिसाल इतिहास को समेटे इस स्कूल के प्रांगण में जब वर्ष 1953 से लेकर साल 2023 तक पढ़े विद्यार्थी फिर से एकसाथ, एकमंच पर आए, तो खुशियों का झरना फूट पड़ा। बरसों बाद एक दूसरे से मिलकर किसी की आंखें नम हो गईं तो पुराने शिक्षकों को अपने विद्यार्थियों को पहचानने के लिए दिमाग पर काफी जोर देना पड़ा।

सेंट पॉल्स स्कूल उदयपुर की ओर से आयोजित 'Back To School' Grand Alumni Meet में सबने उत्साह के साथ भागीदारी निभाई देश और दुनिया से स्कूल के पुराने विद्यार्थी अपनी नई पहचान के साथ सामने आए। कोई सेना में रहकर देश की सेवा कर रहा है तो कोई देश के आर्थिक ढांचे को मजबूत करने का काम कर रहा है। दुनिया के हर बड़े और महत्वपूर्ण क्षेत्र में सेंट पॉल्स स्कूल से पढ़कर निकले विद्यार्थी देश और अपने स्कूल का नाम रोशन कर रहे हैं। एलुमनी एसोसिएशन कमेटी के अध्यक्ष डॉ. आनंद गुप्ता ने बताया कि सुबह सुबह 8 बजे से शुरू हुए आयोजनों का सिलसिला शाम 5 बजे के बाद तक चलता रहा। 

70 साल की यात्रा के अनुभव किए साझा

प्रिंसिपल फादर जॉर्ज केके ने एलुमनी में सेंट पॉल्स स्कूल की 70 साल की यात्रा के बारे में अनुभन साझा किए। उन्होंने हर्ष जताया कि यहां से पास आउट हुए विद्यार्थियों ने न केवल अपने परिवार बल्कि देश और स्कूल का सम्मान भी बढ़ाया है।

उन्होंने कहा कि 16 जुलाई 1953 को सेंट पॉल सीनियर सेकेंडरी स्कूल की स्थापना दो फ्रांसीसी पादरी फादर एडगर (Fr Edgar) व फादर विक्टर (Fr Victor) और ब्रदर रेजियर (Brother Regier) ने की थी। तब से स्कूल ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और तेजी से प्रगति की है। आज यह देश के सम्मानित शिक्षण संस्थानों में शामिल है। दो छात्रों से शुरू हुए स्कूल में वर्तमान में 3000 से अधिक छात्र पढ़ते हैं।

इन पुराने विद्यार्थियों ने बढ़ाया सेंट पॉल्स का मान 

विजय सक्सेना (भारतीय सेना), प्रतापसिंह तलेसरा (उद्योगपति), चन्द्रप्रकाश तलेसरा (पायरोटेक), निसार फारूकी (पुलिस सेवा), अनिल सिंह नांडल (सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल), सुनील चुग (आईएमए प्रदेशाध्यक्ष), हरबीर छाबड़ा (काराेबारी), निर्मल सिंघवी (सीए और समाजसेवी), वीरेन्द्र सिराधना (सीनियर एडवोकेट), संजय रांका (आईआईटीयन), राजेश चपलोत (राष्ट्रपति अवार्डी), विनोद कुंभट (उद्योगपति), हेमंत चौहान (कारोबारी), शेखर भंडारी (सीए), चांद चावत (अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी), आशीष लोढ़ा (एंटरप्रेन्योर), अंशु मोहिन्द्रा (क्रिकेट अंपायर), अंकुर सूद (भारतीय सेना), अभिषेक कोठारी (कारोबारी), मुकुल मुर्डिया (शतरंज खिलाड़ी), दिव्यांश बोर्दिया (काराेबारी)।

दिनभर ये सुबह के महत्वपूर्ण आयोजन

सुबह 8 बजे से 10 बजे: उदयपुर संभागीय आयुक्त राजेन्द्र भट्ट और निर्मल सिंघवी। दोनों ने सेंट पॉल्स स्कूल के साथ अपने जीवन की यात्रा में स्कूल के बिताए अनुभवों को साझा किया। साथ ही विद्यार्थियों से आह्वान किया कि मौजूदा दौर में देश तेजी से आगे बढ़ रहा है, ऐसे में आप बेहतर भविष्य के कॅरियर चुनें और देश-प्रदेश के साथ उदयपुर के गौरव को भी ऊंचा उठाने का काम करें।

सुबह 10 बजे: एलुमनी एसोसिएशन कमेटी के अध्यक्ष डॉ. आनंद गुप्ता ने सेंट पॉल्स उदयपुर एलुमनाई एसाेसिएशन की रूपरेखा और इसके पीछे किए गए सभी प्रयासों के बारे में जानकारी साझा की।

सुबह 10.40 बजे: एलुमनी का उद्घाटन हुआ। एक्जीक्यूटिव कमेटी के वरिष्ठ सदस्यों फादर जॉर्ज केके, फादर मार्शेल और स्कूल के ख्यात शिक्षक रहे एसएल जैन ने दीप प्रज्जवलन किया।

स्कूली बच्चों ने दी आकर्षक प्रस्तुतियां 

कार्यक्रम के दौरान सेंट पॉल्स स्कूल के कक्षा छठी से 12 वीं तक के बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की दमदार प्रस्तुतियां दीं। उन्होंने प्रेयर डांस, ढोल बजने लगा, मेडली, रिदिमिक योगा, आया है मुझे गीत, केरल और अरेबिक आर्ट जैसे कार्यक्रम पेश किए। इन आयोजनों ने सबका मन मोह लिया।

नितिन और करण ने चुनौतियां की साझा 

एलुमनी एसोसिएशन के सदस्य नितिन माथुर और करण गर्ग ने सभी मेहमान विद्यार्थियों को सेंट पॉल्स उदयपुर एलुमनाई एसाेसिएशन और इसकी तैयारियों के बारे में अपने अनुभव साझा किया। दोनों ने बताया कि किस तरह से 1953 से लेकर 2023 तक के पूर्व छात्रों का डेटा बेस एकत्र किया गया। उन्हें इस आयोजन में आने के लिए जोड़ा गया। सबके प्रयासों से इतने बड़े कार्यक्रम की रूपरेखा बन पाई। दोनों ने बताया कि इस महा अभियान के बाद भविष्य की राह न केवल आसान हो जाएगी, बल्कि और भी आयोजन करने की प्ररेणा मिलेगी। एलुमनाई एसाेसिएशन के अध्यक्ष डॉ आनंद गुप्ता ने बताया की नितिन माथुर, सौरभ सिरोया, मनीष गोदावत, एन के जैकब, करण गर्ग, जयंत गुप्ता, हिमांशु गुप्ता, सुलभ धर्मावत, क्रिस जैकब और कई अन्य लोगों के अथक प्रयासों की वे तहे दिल से सराहना करते हैं, जिनकी मेहनत की वजह से यह अनोखा कार्यक्रम मुमकिन हुआ।

सेवानिवृत्त शिक्षकों का सम्मान, छलके कइयों के नैना 

एलुमनी आयोजन का सबसे यादगार पल पूर्व शिक्षकों के सम्मान समारोह का रहा। ये वे शिक्षक थे, जिनके सहयोग, साथ और समर्पण के बिना स्कूल का विद्यार्थी दुनिया के श्रेष्ठ मुकाम नहीं छू पाता। जिन शिक्षकों के परिश्रम और त्याग को यहां याद किया गया उनमें प्रेम शंकर त्रिवेदी, एसके टंडन, शंभू दत्त, केवी जोस, अजीत महावर, एलके त्रिवेदी, अशोक सोनी समेत ब्रिडगुट डिसूजा, कुसुम गोस्वामी, मेगडालेन उर्फ मैगी डिसूजा, वीणा जुनेजा, गीमा बारियावाल, एलिस जोस, वंदना कश्यप, मीनाक्षी चौधरी, अनिता गर्ग, नैंसी शर्मा, नीलिमा आचार्य, मधु कुशवाहा आदि शामिल रहे।

देश के कई ज्वलंत मुद्दों पर पैनलिस्ट स्पीकरों ने की चर्चा

सुबह से शाम तक चले पैनल डिस्कशन आयोजनों में देश की ज्वलंत समस्याओं से जुड़े कई गंभीर मुद्दों पर स्कूल के उन पूर्व छात्रों ने चर्चा की जो आज पॉलिसी मेकर्स के तौर पर योगदान दे रहे हैं। देश के रक्षा, कारोबार, निवेश, सामाजिक उत्थान, खेल जैसे सभी क्षेत्रों में काम कर रहे हैं। पहले सेशन में भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा पर चर्चा हुई। इसमें देश के बाहर और अंदर सुरक्षा देने वाली फॉर्सेस की चुनौतियों और काम पर मंथन किया गया। आम नागरिकों के साथ कैसे समन्वय और रिश्ते मजबूत हों, इस पर विशेषज्ञों ने रोशनी डाली। इस चर्चा में सेना से सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर विजय सक्सेना, सेवानिवृत्त आईजीपी निसार फारूकी और साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट हर्ष सिंघवी ने चर्चा की। 

कला, तकनीक और संस्कृति का बताया महत्व 

क्रिएटिव डायरेक्टर सुबास्तुओ दक्ष पाण्डेय, स्टेंड अप कॉमेउियन मयंक वाधवानी और प्रोफेशन डीजे अवनीत कालरा ने स्कूल के विद्यार्थियों के बीच कला, तकनीक और संस्कृति के बढ़ते प्रभाव के बारे में चर्चा की। इन्होंने बताया कि किस तरह से डिजिटल वर्ल्ड में रोज नित नए बदलाव आ रहे हैं और नए नए कॉन्टेट और विषय की जरूरत होती है। क्रिएटिविटी के लिए हमेशा अच्छा स्कॉप है। डॉक्टर और इंजीनियरिंग की रेस में भाग रहे युवाओं को जानना चाहिए की इस क्षेत्र में भी अच्छा भविष्य है। 

पैसा क्या है और क्यों जरूरी है

कोटक बैंक के निदेशक शेखर भंडारी, इंदिरा आईवीएफ के निवेशक और सह संस्थापक आशीष लोढ़ा और एसबीआई बैंक से जुड़े अजीत पंचोली ने मनी मैटर्स विषय को लेकर गहनता से चर्चा की। इस एक्सपर्ट्स ने बताया कि कैसे जीवन में वित्तीय कार्ययोजना को बनाया जाए जिससे कि आपके वर्तमान के साथ भविष्य भी सुरक्षित रह सके। इन्होंने बैंिकंग, निवेश और टैक्स के बारे में भी खुलकर जानकारी दी।

स्टार्ट अप और एंटरप्रेन्योरशिप पर मंथन-मनन

एलुमनी का चौथा इंटेरेक्टिव सेशन स्टार्ट अप और एंटरप्रेन्योरशिप पर हुआ। इसमें पायरोटेक के निदेशक सीपी तलेसरा, सिक्योर मीटर के निदेशक संजय सिंघल और टेंपसेंस और टाई के निदेशक विनय राठी ने चर्चा की। वक्ताओं ने आज के समय के इन दोनों विषयों को काफी सरल तरीके से बताया। कैसे एक अच्छे स्टार्ट अप को एंटरप्रेन्योर बेहतर कार्ययोजना और बाजार की मांग के अनुसार शुरू कर सकता है, वहां काम करने वाले लोगों को कैसे प्रशिक्षित किया जाए और समय-समय पर उनके स्किल को बढ़ाया जाए, जैसे कई बिन्दुओं पर अनुभव साझा किए। तीनों ही पैनलिस्टों ने अपने कुशल नेतृत्व से उदयपुर में अपनी कंपनियों को नई बुलंदियों पर पहुंचाया है। इन्होंने ये भी साबित किया कि छोटी जगह भी बड़े काम किए जा सकते हैं। 

मेंटल हेल्थ पर सिद्दार्थ पांडे ने दिए टिप्स 

आयोजन में आने वाले सभी पूर्व और मौजूदा छात्रों के लिए आधे घंटे की मेंटल हेल्थ वर्कशॉप भी रखी गई। इसमें ट्रेनर सिद्दार्थ पांडे ने रूटीन एक्सरसाइज, दिमाग व शरीर को गति और ऊर्जा देने वाले खेलों और व्यायाम के साथ सांस लेने की तकनीक और मेडिटेशन का अभ्यास भी कराया। 

सबके सहयोग से सर्वश्रेष्ठ बना आयोजन

एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. आनंद गुप्ता ने बताया कि सैकड़ों की संख्या में पुराने विद्यार्थी इस मीट में शामिल होने के लिए आए। साथ ही बीस से अधिक सेवानिवृत्त शिक्षकों, सौ से अधिक मौजूदा शिक्षकों, 50 से अधिक सपोर्टिंग स्टाफ मेंबर्स के साथ 500 से ज्यादा कक्षा छठी से 12वीं तक के स्टूडेंट्स ने इस कार्यक्रम में अपनी भागीदारी निभाई। भूपालपुरा स्थित कैम्पस में सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक कई तरह के कार्यक्रम हुए। सबने पुरानी यादों के साथ नए अनुभवों को भी साथ ले जाने का वादा किया।

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