प्रथमेश-2025 भगवान ऋषभदेव के जन्मोत्सव पर हास्य कवि सम्मेेलन
जब भी छूलो बुलंदिया तो ध्यान ये रखना, ज़मीं से पाँव का रिश्ता न टूटने पाये....

उदयपुर 24 मार्च 2025 । सकल जैन समाज की अग्रणी संस्था श्री मेवाड़ जैन युवा संस्थान द्वारा जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव भगवान के जन्म कल्याणक महोत्सव के तहत भारतीय लोक कला मण्डल में हास्य कवि सम्मेलन आयोजित किया गया। कवियों के मुख से निकली हास्य रचनाओं ने आयोजन स्थल पर हास्य की फुहारों की बरसात कर दी।
कवि सम्मेलन की शुरूआत सरस्वती वंदना से हुई। इसके बाद कवि अर्जुन अल्हड ने अपनी हास्य रचना संतो के सत, मुनियों के मन, तपस्वियों के ताप तुल गए, पावन संगम के पावन जल में, दुखियों के संताप घुल गए, मोनालिसा, आईआइटी बाबा, कुलकर्णी के तो भाग खुल गये, प्रयागराज में हुआ महाकुंभ और दिल्ली के पाप धुल गये... पर श्रोताओं की हंसी के फव्वारें छूट गये।
हाथरस के कवि डॉ.विष्णु सक्सेना ने अपनी रचना जो हाथ थाम लो वो फिर न छूटने पाये,प्यार की दौलतें कोई न लूटने पाये,जब भी छूलो बुलंदियां तो ध्यान ये रखना, ज़मीं से पाँव का रिश्ता न टूटने पाये,.. पर श्रोताओं ने तालियों की दाद से उनकी रचना का भरपूर समर्थन किया।
उन्होंने अपनी दूसरी रचना जो होगा प्रेम मे डूबा वो दिल से गुनगुनाएगा, नज़र का तीर ऐसा है जिगर के पार जाएगा, सुने नफ़रत के सब साये मोहब्बत का मैं सूरज हूँ, करो कितनी भी कोशिश पर उजाला रुक ना पाएगा...वाह वाह की नजाकत मिली।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए ख्यातनाम कवि राव अजातशत्रु ने जो सुचिता को धारण करता है वही दिगम्बर होता है, जो नियमों का पालन करता है वही दिगम्बर होता है, संसार विजय कर लेने से कोई भी वीर नहीं होता, मन के कषाय से जो लड़ता है वहीं दिगम्बर होता है... पर श्रोताओं ने खड़े हो कर तालियों से उनकर रचना का भरपूर स्वागत किया।
हास्य के जोरदार मध्यप्रदेश के धार से आये कवि जॉनी बैरागी ने अपने बेहतरीन काव्यपाठ से श्रोताओं का दिल जीत लिया उन्होंने अपनी टिप्पणियों से देर तक खूब हंसाया एवं गुदगुदाया। युवा कवि सजल जैन ने जैन धर्म पर काव्यपाठ किया।
अपनी हास्य रचनाओं से सभी के चेहरे पर मुस्कान लाने वाले कवि शम्भू शिखर ने अपनी रचना मनहूस से चेहरों को सदा डाँटता हूँ मैं, ग़म की बदलियों में भी खुशी छाँटता हूँ मैं.., भाता नहीं मुझको कोई चेहरा उदास सा, बस इसलिए ही सबको हँसी बाँटता हूँ मैं....,अपनी अन्य रचना पोशाक पुरानी लिए अभिनव हूँ मनाओ, नफ़रत में भी मैं प्यार का कलरव हूँ मनाओ, रोने के लिए और भी महफ़िल है जहाँ में, शम्भू शिखर मैं हास्य का उत्सव हूँ मनाओ....,कवि सम्मेलन का सफल संचालन देश के जाने माने और उदयपुर के कवि अजातशत्रु ने किया।
इससे पूर्व संस्थान के अध्यक्ष निर्मल मालवी ने बताया कि इस विशिष्ट कार्यक्रम में संस्थान की ओर से रोशनलाल चितौड़ा को मेवाड़ समाज गौरव, मायानगरी मुंबई में टूडे ग्रुप के भावेश राजेश शाह’ को मेवाड़ युवा गौरव अलंकरण से सम्मान किया गया। सम्मान स्वरूप उन्हें शॉल ओढ़ाकर, स्मृति चिन्ह एवं प्रशस्ति पत्र प्रदानकर सम्मानित किया गया।
समारोह में अतिथि के रूप में ज़िला कलेक्टर नमित मेहता, यूडीए आयुक्त राहुल जैन, समारोह गौरव सुनील सिपरिया मौजूद थे जबकि अध्यक्षता राजमल गोदड़ोत ने की। मुख्य अतिथि अविनाश जैन थे। कवि सम्मेलन के संयोजक संजय गांगावत, कमलेश जेतावत, कमलेश झूंसोत, महावीर वाणावत एवं प्रीतेश वगेरिया थे। समारोह में संस्थान की ओर से पारस सिंघवी, निर्मल मालवी, शांतिलाल गांगावत, सहित अन्य पदाधिकारियों ने सभी कवियों विष्णु सक्सेना, जानी बैरागी, शंभु शिखर, अर्जुन अल्हड़, सजल जैन एवं राव अजातशत्रु को सम्मानित किया गया।