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GITS में चल रहे 2 दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय कान्फ्रेंस का समापन

मल्टी डिस्पील्निरी एप्लीकेशन एण्ड रिसर्च टेक्नॉलोजी (आई.सी.एम.ए.आर.टी.-2025)
 

उदयपुर 3 मई 2025। गीतांजली इन्स्टिटियूट ऑफ टेक्नीकल स्टडीज डबोक उदयपुर (GITS) में  कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग के तत्वाधान में 2 दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस मल्टी डिस्पील्निरी एप्लीकेशन एण्ड रिसर्च टेक्नॉलोजी (आई.सी.एम.ए.आर.टी.-2025 ) का समापन हुआ। 

दो दिन तक चलने वाली इस अन्तर्राष्ट्रीय कान्फ्रेंस में विज्ञान एवं इन्जिनियरिंग के विभिन्न आयामों पर शोध एवं नवाचार गिट्स के प्लेटफॉर्म पर एक संयुक्त रूप से एकत्रित होकर विभिन्न विषयों के शोधार्थियों के द्वारा अपने-अपने ज्ञान को साझा किया। इस शैक्षणिक महोत्सव में शोधकर्ता, शिक्षाविद एवं तकनीकी विशेषज्ञों ने भाग लेकर अपने अपने तकनिकी ज्ञान को साझा किया।

संस्थान के कैम्पस निदेशक डॉ. एस.एम. प्रसन्ना ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि “किसी भी देश का विकास विभिन्न विषयों पर किए गए शोध पर निर्भर करता है। आज के दौर में बहुविषयकता समय की मांग है। यह समूह में सीखने, टीम वर्क एवं समन्वय की भावना को बढ़ावा देता है, जिससे शानदार परिणाम प्राप्त होते हैं। आज कोई भी नवाचार ऐसा नही हैं जिसमें डिजीटल टेक्नोलॉजी, आई.ओ.टी. तथा आर्टीफिशियल इन्टेलीजेंस न प्रयोग होता हो। स्वास्थ्य, शिक्षा, सैन्य इत्यादि में डिजिटल टेक्नोलॉजी का ही बोलबाला हैं। 

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में फिलीपींस यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ नील प्रेज बल्बा शामिल हुए।म, अदविया सॉल्यूशन की सीओओ मिस रुचिका गोधा, मोहन लाल सुखाड़िया यूनिवर्सिटी के अविनाश पवांर, इंस्टीटूशन ऑफ़ इंजिनीर्स उदयपुर चैप्टर के इंजीनियर पुरुषोत्तम पालीवाल ने अपने-अपने विचार प्रस्तुत कर कांफ्रेंस की स्मारिका का विमोचन किया।

कार्यक्रम के कन्वीनर एवं कम्प्यूटर साईंस विभागाध्यक्ष डॉ. मयंक पटेल के अनुसार इस कॉन्फ्रेंस में कुल 160 शोध पत्र प्राप्त हुए थे, शोध पत्रों की गुणवत्ताओं को देखते हुए केवल 85 शोध पत्र ही प्रेजेंटेशन के लिए चयनित किये गये। सभी चयनित शोधपत्रों को प्रसिद्ध मान्यता प्राप्त जनरल में प्रकाशित किया जायेगा। कार्यक्रम के सफल समन्वय में डॉ. रितेश जैन एवं डॉ. रुचि व्यास की महत्वपूर्ण भूमिका रही। कार्यक्रम का संचालन छात्रा उमंग पाहुजा द्वारा किया गया। 

इस अवसर पर वित्त नियंत्रक वित्त नियंत्रक बी.एल. जांगिड ने कहा कि यह सम्मेलन गीतांजलि संस्थान की शोध के प्रति प्रतिबद्धता और उत्कृष्टता की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है। ऐसे आयोजनों से छात्र एवं संकाय दोनों को नवाचार के नए अवसर प्राप्त होते हैं।