GITS में दो दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय कान्फ्रेंस का शुभारम्भ
सभी चयनित शोधपत्रों को प्रसिद्ध मान्यता प्राप्त जनरल में प्रकाशित किया जायेगा
उदयपुर, 17 मई । गीतांजली इन्स्टिटियूट ऑफ टेक्नीकल स्टडीज डबोक उदयपुर (GITS) में 2 दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय काॅन्फ्रेंस मल्टी डिस्पील्निरी एप्लीकेशन एण्ड रिसर्च टेक्नाॅलोजी (आई.सी.एम.ए.आर.टी.-2023) का शुभारम्भ हुआ। दो दिन तक चलने वाली इस अन्तर्राष्ट्रीय कान्फ्रेंस में विज्ञान एवं इन्जिनियरिंग के विभिन्न आयामों पर शोध एवं नवाचार गिट्स के प्लेटफाॅर्म पर एक संयुक्त रूप से एकत्रित होकर विभिन्न विषयों के शोधार्थियों के द्वारा अपने-अपने ज्ञान को साझा जायेगा।
संस्थान के निदेशक डाॅ. एन. एस. राठौड ने इन्जिनियरिंग में कम्प्यूटर एप्लीकेशन के बारे में बताते हुए कहा कि इन्जिनियरिंग अनवरत सिम्पल एप्रोच से काम्प्लेक्स एप्रोच की तरफ बढ़ रही हैं। चीजें इन्टर डिस्पील्निरी से मल्टी डिस्पील्निरी होती जा रही हैं। आज ऐसे में कम्प्यूटर का योगदान अहम होता जा रहा हैं। आज कोई भी नवाचार ऐसा नही हैं जिसमें डिजीटल टेक्नोलाॅजी, आई.ओ.टी. तथा आर्टीफिशियल इन्टेलीजेंस न प्रयोग होता हो। स्वास्थ्य, शिक्षा, सैन्य इत्यादि में डिजिटल टेक्नोलाॅजी का ही बोलबाला हैं।
कम्प्यूटर आधारित विभिन्न तकनीकों को समजोपयोगी बनाने हेतु इस अवसर पर मुख्य अतिथि पदमपत सिघांनिया यूनिवसिर्टी के प्रेसिडेंट एवं वाइस चांसलर डाॅ. पृथ्वी यादव ने विद्यार्थियों को विश्व में आई.टी. के द्वारा होने वाले बदलाव के बारे में विद्यार्थियों को अवगत कराया।
इस दौरान फिलिपिन्स के सेन्टर ऑफ इनोवेशन एण्ड डवलपमेंट लगुना के प्रोफेसर एण्ड डायरेक्टर एवं ए.आई. एक्सपर्ट डाॅ. नील प्रेज बल्बा द्वारा ऐथिकल आर्टीफिशियल इन्टेलीजेंस एवं शिक्षा क्षेत्र में इसके प्रयोग पर प्रकाश डाला। इन्स्टिीट्यूट ऑफ इन्जिनियर्स उदयपुर के चेयरमेन सी.पी. जैन ने इन्जिनियरिंग के विभिन्न आयामों को सामाजोपयोगी बनाने का सुझाव देते हुए विद्यार्थियों को प्रोत्साहित किया।
कार्यक्रम के संयोजक एवं कम्प्यूटर साईंस विभागाध्यक्ष डाॅ. मयंक पटेल के अनुसार इस काॅन्फ्रेंस में कूल 160 शोध पत्र प्राप्त हुए थे शोध पत्रों की गुणवत्ताओं को देखते हुए केवल 65 शोध पत्र ही प्रेजेंटेशन के लिए चयनित किये गये। सभी चयनित शोधपत्रों को प्रसिद्ध मान्यता प्राप्त जनरल में प्रकाशित किया जायेगा। कार्यक्रम का संचालन असिस्टेंट प्रोफेसर शैलजा राणावत द्वारा किया गया। डाॅ. पारस कोठारी, डाॅ. रितेश जैन एवं असिस्टेंट प्रोफसर रूचि व्यास का कार्यक्रम सफल बनाने में विशेष भूमिका रही।
वित्त नियंत्रक बी.एल. जांगिड ने कहा कि इस मंच से विभिन्न विषयों के विशेषज्ञों द्वारा अपने ज्ञान और अनुभव को साझा किया गया जिससे न केवल तकनीकी और वैज्ञानिक प्रगति होगी बल्कि समाज के समग्र विकास में भी योगदान मिलेगा। इस अवसर पर इन्स्टिीट्यूट ऑफ इन्जिनियर्स उदयपुर के पुरूषोत्तम पालीवाल सहित पूरा गीतांजली परिवार उपस्थित रहा।