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4 दिन 600 कलाकार ओर 320 शास्त्रीय नृत्य प्रस्तुतियों से उदयपुर में बना इतिहास

चौथे अंतरराष्ट्रीय शास्त्रीय नृत्य उत्सव का हुआ समापन

 

उदयपुर। तबले की थाप पर थिरकते सधे हुए कदम जो दर्शा रहे थे नृत्य की पारंगता ओर बरसो की मेहनत को, शास्त्रीय नृत्य की मधुर ध्वनि,  घुंघरू की छनकार हाथों और आंखों की चित्ताकर्षक मुद्राएं, चेहरे पर विभिन्न भाव भंगिमाओ के अद्भुत तालमेल और नियंत्रण के साथ भरतनाट्यम, ओडीसी, कच्चीपूड़ी, मोहिनीअट्टम, कत्थक सहित शास्त्रीय नृत्य की 9 विधाओं को दोहा, कतर, लंदन, मलेशिया, थाईलैंड सहित भारत के 15 राज्यों के 600 कलाकारों ने उदयपुर में आयोजित नृत्य के महाकुंभ में 320 प्रस्तुतियां देकर चौथे अंतरराष्ट्रीय शास्त्रीय नृत्य फेस्टिवल को ऐतिहासिक बना दिया।
 
फेस्टिवल की संयोजिका चंद्रकला चौधरी ने बताया कि फेस्टिवल का समापन शनिवार को सम्मान समारोह के साथ हुआ। ऑल इंडिया डांसर एसोसिएशन, कत्थक आश्रम, रोटरी क्लब मेवाड़, अर्थ डायग्नोस्टिक और लक्ष्मी पब्लिसिटी के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित इस फेस्टिवल में दक्षिण भारत की संस्कृति की खूबसूरत नृत्य शैली नजर आई।

सह- संयोजक विकास जोशी ने बताया कि फेस्टिवल के अंतिम दिन शाम को समारोह में दिल्ली की कथक नृत्यांगना सुश्री रिचा गुप्ता, द्वारा कत्थक नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति दी। इसके साथ ही हरिदर कुमार, बी. मेघा, सौम्या मैनन, श्वेता नायक द्वारा कच्ची पूड़ी भरतनाट्यम की प्रस्तुति दी गयी तो वही कथक आश्रम के कलाकारों ने भी विशेष प्रस्तुति देकर समापन समारोह को आकर्षक बना दिया।

शाम को आयोजिय फेस्टिवल में विधायक दीप्ति किरण माहेश्वरी, पूर्व सांसद रघुवीर मीणा, डॉ. श्रद्धा गट्टानी, समाज सेवी धीरेंद्र सिंह सचान, संजय गुप्ता, क्षेत्रीय पार्षद रमेश जैन,पुष्पेंद्र परमार मौजूद रहे।

इन संस्थानों का रहा सहयोग

जोशी ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय शास्त्रीय नृत्य उत्सव को राजस्थान पर्यटन विभाग द्वारा लोगो सपोर्ट प्रदान किया गया है । पर्यटन उप निदेशक शिखा सक्सेना का कहना है कि इस उत्सव के आयोजन से उदयपुर के पर्यटन में एक और आकर्षण जुड़ गया है और विभाग के प्लेटफार्म से निश्चित ही कलाकारों को भी प्रमोशन मिलेगा । 

इसके साथ ही हिंदुस्तान जिंक, फ्यूजन नीरजा मोदी स्कूल, राजस्थान विद्यापीठ, रिलायंस कोमोटेक्स, नोबल पब्लिक स्कूल, अरुणोदय इम्पेक्स, सरस डेयरी, होटल चुंडा पैलेस, होटल द प्राइड, होटल बेलमोंटो का विशेष सहयोग रहा। धन्यवाद ज्ञापन कथक आश्रम के सचिव चंद्रगुप्त सिंह चौहान ने किया।