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City Palace Udaipur में मनाया ‘अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस-2024

सिटी पैलेस संग्रहालय, उदयपुर ने ‘शिक्षा और अनुसंधान के लिए संग्रहालय’ थीम के तहत सफल प्रयास किये।

 

उदयपुर 18 मई 2024 ।अन्तरराष्ट्रीय संग्रहालय परिषद (I.C.O.M.) की थीम ‘शिक्षा और अनुसंधान के लिए संग्रहालय’ पर महाराणा मेवाड़ चैरिटेबल फाउण्डेशन, उदयपुर के सिटी पैलेस संग्रहालय (City Palace, Udaipur)  ने परम्परागत समृद्ध कार्यक्रमों की एक शृंखला के साथ ‘अन्तरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस’ मनाया।

महाराणा मेवाड़ चैरिटेबल फाउण्डेशन के ट्रस्टी महाराज कुमार डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने अन्तरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस पर अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए संग्रहालयों की तुलना उन वृक्षों की भाँति की जिन्हें समय-समय पर खास देखभाल की जरूरत होती है। संग्रहालयों की छाव तले हम प्रकृति और मानव की बेहतरीन असंख्य कृतियों और संग्रहित वस्तुओं से रू-ब-रू हो सकते हैं, जो शिक्षा और अनुसंधान को भी बढ़ावा देते है।

इस अवसर पर फाउण्डेशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. मयंक गुप्ता ने बताया कि संग्रहालय में आने वाले पर्यटकों एवं विद्वानों के लिए 5सी यानि कैप्चर, कनेक्ट, क्राफ्ट और सेलिब्रेट के माध्यम से मेवाड़ राजवंश के इस ऐतिहासिक संग्रहालय में एक शानदार सांस्कृतिक यात्रा को सम्मिलित कर प्रदर्शित किया गया है।

इस यात्रा में आगंतुकों के लिये स्थायी स्मृति बनाए रखने के लिए एक हेरिटेज फोटो बूथ तैयार किया गया जो मेवाड़ की वास्तुकला से प्ररित फोटो बूथ था। जहां बच्चों और बड़ों ने कई फोटो खिंचवा, अपनी स्वर्णिम यादों को कैमरों में कैद किये। साथ ही विशेषतः बच्चों के लिए बुक मार्क के लिए पारंपरिक ब्लॉक प्रिंटिंग की पारम्परिक कला को बताया और सिखाया। जनाना महल के लक्ष्मी चौक में विभिन्न रंगों से पारंपरिक और आकर्षक रंगोली तैयार की गई जिसमें सिटी पैलेस संग्रहालय का ऐतिहासिक विहंघम दृश्य उकेरा गया। वहीं बाड़ी महल में आगंतुकों के लिए कलाकारों ने पारम्परिक राजस्थानी धुनें प्रस्तुत कर सभी का मनमोह लिया। 

वहीं संग्रहालय में लघु चित्रकार की चित्रकारी तो मूर्तिकार की मूर्तिकला के साथ ही सिटी पैलेस के विश्वप्रसिद्ध मोर चौक में कांच की जड़ाई की कलाकारी ने मेवाड़ की विभिन्न सांस्कृतिक समृद्ध कला को जीवंत कर दिया। संग्रहालय की सिल्वर गैलेरी में विशेषतः मंदिरों में दिखने वाली परमपरागत रजत कला के कलाकार द्वारा किये जा रहे कार्य को देख आगंतुकों ने खूब प्रशंसा की। सिटी पैलेस संग्रहालय, उदयपुर ने ‘शिक्षा और अनुसंधान के लिए संग्रहालय’ थीम के तहत सफल प्रयास किये।

डॉ. लक्ष्यराज सिंह की कलम से अन्तरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस पर विशेष:

संग्रहालयों के निर्माण कभी भी एक दिन में नहीं होता, वृक्षों की भाँति ही संग्रहालयों को भी समय-समय पर खास देखभाल की जरूरत होती है। संग्रहालयों की छाव तले हम प्रकृति और मानव की बेहतरीन असंख्य कृतियों और संग्रहित वस्तुओं से रू-ब-रू हो सकते हैं।

18 मई 2024 ‘अन्तरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस’ के अवसर पर मुझे यह बताते हुए प्रसन्नता है कि सिटी पैलेस संग्रहालय, उदयपुर के मर्दाना एवं ज़नाना महल, मेवाड़ की विभिन्न धरोहरों को अपने में संजोय रख दिन-प्रतिदिन नवीन दीर्घाओं और प्रदर्शनियों के माध्यम से यहाँ आने वाले हर वर्ग के हजारों आगंतुकों को अपनी ओर आकर्षित करता रहा है। वर्ष 1969 से हमारी संस्था ‘महाराणा मेवाड़ चैरिटेबल फाउण्डेशन’, उदयपुर का सिटी पैलेस संग्रहालय के रख-रखाव में अहम योगदान रहा है। अक्सर मैं यहां उत्सुक चेहरे, जिज्ञासुओं और कई प्रशंसकों को संग्रहालय के साथ घुलमिल जाते हुए देखता हूँ। मैं कामना करता हूँ कि आने वाले वर्षों में हमारा संग्रहालय एक ऐसा ‘प्रेरणा का मंदिर’ बने, जहां से आने वाले आगंतुक आनंद के साथ ही कुछ नया जान सके और यहां से जीवन में कभी न भुलाई जाने वाली स्वर्णिम यादें अपने साथ संजोकर ले जाए।

विद्यार्थियों, युवा और देश-विदेश से आने वाले सभी पर्यटकों को ‘अन्तरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस’ की हार्दिक बधाई-शुभकामनाएँ।