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प्रताप गौरव केन्द्र: 19 से वाटर लेजर शो में झलकेगी शौर्यगाथा

उदयपुर का पहला वाटर लेजर शो होगा महाराणा प्रताप को समर्पित

 

असम के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया, राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष सीपी जोशी करेंगे उद्घाटन

उदयपुर, 16 अप्रैल। प्रताप गौरव केन्द्र "राष्ट्रीय तीर्थ" में 19 अप्रैल से वाटर लेजर शो का शुभारंभ हो रहा है।

इसका शुभारंभ असम के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया, राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष सीपी जोशी करेंगे। इस अवसर परराष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र प्रचारक निम्बाराम मुख्य वक्ता होंगे। केन्द्रीय संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुनराम मेघवाल,आरटीडीसी राजस्थान के अध्यक्ष धर्मेन्द्र राठौड़ विशिष्ट अतिथि होंगे। उद्घाटन समारोह 19 अप्रैल को सायंकाल 5 बजे से आरंभ होगा।

केन्द्र निदेशक अनुराग सक्सेना ने बताया कि प्रताप गौरव केन्द्र पर शौर्य की गाथा बताने वाले इस वाटर लेजर शो के उद्घाटन अवसर पर तीन शो होंगे। शो की अवधि 25 मिनट की है। पहले शो का समय 7.25 बजे, दूसरा शो 8.05 बजेतथा तीसरा शो 8.45 बजे रखा गया है। एक शो में बैठने की क्षमता 200 जनों की रहेगी। उद्घाटन के पश्चात नियमित शो के संबंध में जानकारी अलग से प्रदान की जाएगी। लेजर शो का शुल्क 100 रुपये रखा गया है। 

यह शो सायंकाल ही रहेगा। चूंकि, प्रताप गौरव केन्द्र संग्रहालय का समय शाम 6 बजे तक ही रहता है, ऐसे में लेजर शो अलग से भी देखा जा सकेगा। वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप समिति के कोषाध्यक्ष अशोक पुरोहित ने बताया कि इस वाटर लेजर शो के निर्माण में साढ़े सात करोड़ रुपये की लागत आई है। इसमें केन्द्र सरकार के संस्कृति मंत्रालय का सहयोग प्राप्त हुआ है।

राज्य मं० इसकी नोडल एजेंसी आरटीडीसी को बनाया गया है। इस वाटर लेजर शो में वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की जीवन गाथा और मेवाड़ के इतिहास के अंशों का प्रदर्शन लेजर के माध्यम से पानी के पर्दे पर होगा। उदयपुर के पर्यटन जगत में भी यह अपने आप में अनूठा लेजर शो है जो उदयपुर में पहला है।

प्रताप गौरव केन्द्र मेवाड़ और देश के वीरों की गाथाओं का संग्रहालय है, जहां पर डिजिटल, मैकेनिकल, दृश्य-श्रव्य और चित्र प्रतिमाओं के माध्यम से महाराणा प्रताप सहित अन्य वीरों, वीरांगनाओं, संतजन, महापुरुषों, स्वाधीनता सेनानियों, समाज सुधारकों आदि का चित्रण प्रस्तुत है। इसी कड़ी में वाटर लेजर शो जोड़ा जा रहा है।

यह एक आधुनिकतम तकनीक है जो कि दृश्यों को जल यवनिका (पर्दे) पर प्रस्तुत करती है।