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BN संस्थान में मनाई गई महाराणा भूपाल सिंह जी की जयंती

समय के बदलाव के साथ आदर्शों का अनुपालन जरूरी है-महिमा कुमारी मेवाड़

 

उदयपुर 17 फरवरी 2023। विद्या प्रचारिणी सभा, भूपाल नोबल्स संस्थान के वार्षिक शिखर समारोह भूपाल जयन्ती के भव्य समारोह में महिमा कुमारी मेवाड़ ने शुभाशीष देते हुए कहा कि आज का दिन सभी के लिए खुशी का दिन है। आज हम बडे़ हुजूर महाराणा भूपाल सिंह जी का स्मरण करते है और उनके द्वारा दिखाये गये आदर्शों और विचारो का अनुसरण करते हैं आज का दिन चिन्तन का दिन भी है, हमारे लिए आवश्यक है कि हम उनके आदर्शों का अनुपालन करें। बदलते समय के साथ आदर्शों को अपनाना अत्यन्त जरूरी है और यह हमारा मूल कर्तव्य भी है। 

महारावल जगमाल सिंह ने इस अवसर पर उद्बोधन देते हुए कहा कि संस्थान ने शिक्षा के क्षेत्र में एक शतक पूरा किया है। मेरी शुभकामना है कि यह संस्थान उत्तरोत्तर विकास करे। महाराणा भूपाल सिंह जी की दूरदृष्टि का परिणाम है कि यह संस्थान आज मेवाड़ ही नहीं अपितु विश्व में अपनी विशिष्ट पहचान बनाये हुए है। उन्होंने एज्युकेशन और शिक्षा के मौलिक अन्तर बताते हुए कहा कि शिक्षा मौलिक अर्थ सत्य को पाना है और युवाओं का मॉर्डन होना गलत नहीं है बल्कि संस्कारहीन होना गलत है। 

महाराज कुमार विश्वराज सिंह मेवाड़ ने श्रीजी हुजूर महाराणा महेन्द्र सिंह मेवाड़ के संदेश का वाचन करते हुए कहा कि यह संस्थान युवाओं को शिक्षा देने वाली एक मात्र संस्था है और हमें विपरीत परिस्थितियों का मुकाबला करते हुए इस संस्थान को ओर आगे बढ़ाना हैं। 

राजसमन्द सांसद दिया कुमारी ने उद्बोधन देते हुए कहा कि बालिका शिक्षा के क्षेत्र में संस्थान द्वारा किये जा रहे कार्य अनुकरणीय हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए स्किल ऐज्यूकेशन पर बल देना चाहिए और युवा पीढी को चाहिए कि वे अपनी संस्कृति के संरक्षण के लिए प्रयत्न करे। 

इससे पूर्व संस्थान के मंत्री डाॅ. महेन्द्र सिंह राठौड़ ने अतिथियों का स्वागत करते हुए संस्थान की विकास यात्रा का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया और संस्थान द्वारा अकादमिक और खेल के क्षेत्र में किये गये उल्लेखनीय उपलब्धि मूलक कार्यों का उल्लेख किया। 

कार्यक्रम के प्रारंभ में श्रीमंत निरूपमा कुमारी जी मेवाड़, महाराज कुमार विश्वराज सिंह मेवाड़, महिमा कुमारी मेवाड़ द्वारा भूपाल सिंह जी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर नमन किया गया। कार्यक्रम का विधिवत् शुभांरभ अतिथियों द्वारा सरस्वती प्रतिमा के समक्ष प्रज्वलन एवं गणेश वंदना एवं संस्था गीत के साथ हुआ। 

अतिथियों द्वारा अकादमिक क्षेत्र, खेलकूद क्षेत्र एवं सहशैक्षणिक गतिविधियों में उल्लेखनीय उपलब्धियाँ प्राप्त करने वाले एवं विश्वविद्यालय वरीयता सूची में स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों का सम्मान किया गया। इस अवसर पर अतिथियों द्वारा संस्थान की पत्रिका शौर्य स्मारिका के शताब्दी विशेषांक व प्रबन्धन विभाग की नियमित पत्रिका माईलस्टोन का विमोचन किया गया। 

बी.फार्मा की विद्यार्थी रीनल जैन द्वारा महाराणा भूपाल सिंह जी के भारत गणराज्य में रियासतों के विलनीकरण में अवदान को पत्रवाचन के माध्यम से रेखांकित किया गया। इस अवसर पर छात्राओं द्वारा राजस्थानी संस्कृति को जीवंत करते हुए तीज के अवसर पर किये जाने वाले गणगौर नृत्य की प्रस्तुत की गयी। 

कार्यक्रमों के क्रम में प्रबन्ध निदेशक मोहब्बत सिंह राठौड़ व कार्यकारिणी के सदस्य ग्रुप कैप्टन गजेन्द्र सिंह बांसी द्वारा समारोह में पधारे हुए मेवाड़ रियासत के प्रमुख ठिकानेदार, राव-उमरावों का उपरणा पहनाकर स्वागत किया गया। संस्थान के कार्यवाहक अध्यक्ष प्रदीप कुमार सिंह सिंगोली द्वारा संस्थान की महत्वूपर्ण उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए पधारे हुए अतिथियों का धन्यवाद किया गया। 

इस अवसर पर संस्थान के छात्र शिवनाथ सिंह नाथावत द्वारा बनाये गये श्रीजी हुजूर महाराणा महेन्द्र सिंह जी मेवाड़ के स्केच का महाराज कुमार विश्वराज सिंह द्वारा विमोचन किया गया। 

इस समारोह में भूपाल नोबल्स संस्थान के कार्यकारिणी के सदस्य, सामान्य सदस्य, ओल्ड बाॅयज एसोसिएशन के पदाधिकारी, पूर्व शिक्षक, विदेशी मेहमान, विभिन्न इकाइयों के प्रधान, विश्वविद्यालय के अधिकारी, संकाय सदस्य, विद्यार्थी आदि उपस्थित थे।