उदयपुर में नए वर्ष के स्वागत में उमड़ा जन सैलाब
अखिल भारतीय नववर्ष समारोह समिति
उदयपुर 2 अप्रेल 2022 । राष्ट्र की जय चेतना का गान वंदेमातरम, जन-जन की हुंकार वंदे मातरम’, भारत माता के प्रति सर्वस्व समर्पण के इस भाव ने भारतीय नववर्ष उदयपुर में एक नया इतिहास रच दिया।
झीलों के शहर उदयपुर में भारतीय नववर्ष समाजोत्सव समिति और नगर निगम उदयपुर के संयुक्त तत्वावधान में भारतीय नववर्ष पर पहली बार आयोजित विशाल शोभायात्रा अविस्मरणीय बन गई। इस आयोजन में उदयपुर का ऐसा कोई भी समाज नहीं रहा जो सहभागी न बना हो।
शोभायात्रा की विशालता इतनी थी कि 4.47 पर पहला छोर अर्थात कलशधारी माताएं-भगिनियां स्टेडियम में प्रवेश कर चुकी थीं, जबकि शोभायात्रा के आरंभ स्थल टाउन हॉल में भी अंतिम छोर खत्म ही नहीं हुआ था। जितना अपार जनसमुदाय जनमैदिनी शोभायात्रा में शामिल था, उतनी ही जनसमुदाय शोभायात्रा मार्ग में दोनों ओर उनके स्वागत मेें खड़ा था।
शाम 5.25 पर भी शोभायात्रा सूरजपोल से गुजर रही थी। कार्यक्रम में आए शहरवासियों का कहना था कि जो शोभायात्रा में थे वे सहज रूप से शोभायात्रा के साथ स्टेडियम पहुंचते गए, लेकिन जो सीधे स्टेडियम आना चाहते थे, वे जगह-जगह अटक गए। चार पहिया तो क्या दुपहिया वाहनों को भी स्टेडियम की ओर आने वाले मुख्य मार्गों से आना मुश्किल रहा, हालांकि, जिन्हें पहुंचने की ललक थी वे दूर-दूर अपने वाहन रखकर पैदल ही स्टेडियम की ओर बढ़े।
शोभायात्रा इतनी लम्बी थी कि स्टेडियम में समारोह शुरू होने के बाद पौने आठ बजे जब आतिशबाजी के साथ सम्पन्न होने को था, तब तक हाथीपोल से चेतक की ओर झांकियों और युवाओं का आना जारी था। देश भक्ति के गीतों के जोश में रमे युवा नाचते-नारे लगाते स्टेडियम पहुंचे।
झांकियों के परिणाम
प्रथम स्थान पर नारायण सेवा संस्थान की नवदुर्गा झांकी रही जिसे 21 हजार रुपये का पुरस्कार प्रदान किया गया। इसी तरह, हिन्दू जागरण मंच की महापुरुषों की झांकी, वाल्मीकि समाज षिवषक्ति विकास समिति की झांकी द्वितीय स्थान पर रही। उन्हें 11-11 हजार रुपये का पुरस्कार दिया गया। तीसरे स्थान पर झांकियों को 5100-5100 रुपये पुरस्कार दिया गया जिनमें आयड़ बस्ती, विद्या निकेतन सेक्टर-4, ललित कला अकादमी, मारू लोहार सीकलीगर समाज, शिशु भारती, कृष्णा सेवा संस्थान की झांकियां शामिल रहीं।
खोये नौनिहाल पहुंचे मंच पर
कार्यक्रम में कोई खोया बच्चा मंच पर पहुंचाया गया तो किसी के अभिभावकों ने परिवार को ढूंढ़ा। इनमें मोहित पुत्र रोशन लाल, सुहानी राजपूत पुत्री श्याम सिंह, किशन सोनी पुत्र रोशनलाल सोनी, गोपाल पुत्र नारायण जोशी आदि शामिल थे।