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बोहरा समाज के रमज़ान 12 अप्रैल से, मुस्लिम समाज में चांद दिखा तो 13 नहीं तो 14 अप्रैल का पहला रोज़ा

रोजे की सहरी 4:43 पर खत्म होगी, शाम को 6:58 मिनट पर इफ्तार होगा

 

अकीदतमंद ईशा की नमाज के साथ ही तरावीह की 20 रकात नमाज भी अदा करेगें

रमज़ान का सबसे पहला सवाल तो ये ही होता है कि ये शुरु कब से हो रहा है, क्योंकि रमज़ान की शुरुआत चांद देखने के बाद होती है। पैगंबर मुहम्मद साहब के मुताबिक जब रमज़ान का महीना शुरु होता है तो जहन्नुम के दरवाज़े बंद कर दिए जाते हैं और जन्नत के दरवाज़े खोल दिए जाते है यानी ये महीना नेकियों का महीना है, जिसमें मुस्लिम रोज़ा रखने के अलावा कुरान की तिलावत पूरी कसरत से करते है।

इस्लामिक कलेंडर के मुताबिक चांद दिखाई देने पर रमजान उल मुबारक का महीना 13 अप्रैल से होगा नहीं तो 14 अप्रैल को पहला रोज़ा शुरु होगा। इस समय हिजरी संवत का शाबान का महीना चल रहा है। इस दिन चांद दिखाई देने पर रात से ही रमजान के मुबारक महीने में अदा की जाने वाली तरावीह की विशेष नमाज की शुरुआत की जाएगी। अकीदतमंद ईशा की नमाज के साथ ही तरावीह की 20 रकात नमाज भी अदा करेंगे। इस विशेष नमाज में ही पूरे महीने हाफिज साहब कुरान शरीफ का दौर मुकम्मल करेंगे।

 पहले रोजे की सहरी 4:43 पर खत्म हो जाएगी यानी इस समय से पहले तक रोजेदार कुछ खा-पी सकता है। इस समय के बाद से लेकर शाम तक न पानी का एक कतरा पी सकता है न ही कुछ खा सकता है। दिन भर भूखे प्यासे रहकर और इबादत कर रोजेदार अपने अंदर तकवा और परहेजगारी की सिफत पैदा करता है। शाम को 6:58 मिनट पर इफ्तार होगा।