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शिल्पग्राम उत्सव के दूसरे दिन लोक प्रस्तुतियों ने रिझाया

हाट बाजार में हुआ बोहणी बट्टा मंच पर दिखा ‘‘म्हारो राजस्थान’’

 
शिल्पग्राम में रंगोली प्रतियोगिता 27 दिसम्बर को

उदयपुर, 22 दिसम्बर 2021 । पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की ओर से आयोजित राष्ट्रीय हस्तशिल्प व लोक कला उत्सव के दूसरे दिन एक ओर जहां हाट बाजार में शिल्पकारों ने बोहणी बट्टा किया वहीं दोपहर में मुक्ताकाशी रंगमंच तथा शाम के आयोजनों में लोक कला प्रस्तुतियों का लोगों ने आनन्द उठाया।

ग्राम्यांचल में पल्लवित शिल्पकारों को कला प्रदर्शन तथा शिल्प उत्त्पादों के विक्रय के लिये अवसर उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से आयोजित उत्सव के दूसरे दिन दोपहर में कई लोग व पर्यटक शिल्पग्राम पहुंचे तथा हाट बाजार में शिल्पकारों की कलात्मक वस्तुओं का जायजा लिया। 

हाट बाजार में प्रतापगढ़ की थेवा कला, बाड़मेरी पट्टू, सहारनपुर का फनीर्चर, पाॅटरी के कलात्मक नमूने, टेराकोटा आइटम, जूट के बैग्स, वाॅल हैंगिंग्स, विभिन्न प्रकार के परिधान, बैड शीट, वूलन कारपेट आदि के शिल्पकारों के उत्पादों की बिक्री शुरू हुई। मेले में ही लोगों ने खान-पान के व्यंजनों का स्वाद चखा इनमें दाल बाटी, कचैरी, पकौड़े, अमरीकन भुट्टे, मक्का की राब उल्लेखनीय है।

हाट बाजार में ही शिल्पग्राम के प्रवेश द्वार के समीप कच्छी घोड़ी कलाकारों ने अपनी कला का प्रदर्शन किया। इस दौरान कुछ महिलाओं ने कलाकारों के साथ नर्तन कर उत्सव का आनन्द उठाया। दोपहर में मुक्ताकाशी रंगमंच पर गुरात के डांग आदिवासियों ने अपनी परंपरा के अनुसार वाहली व ढोलकी की थाप पर तीव्र गति से नृत्य प्रदर्शन किया। नृत्य के दौरान कलाकारों ने गोलाकार में नृत्य करते हुए महिला नर्तकियों ने साथी पुरूष कलाकारों के कंधे पर चढ़ कर आकर्षक पिरामिड बना कर लोक नृत्यों का अनूठा रंग बिखेरा। रंगमंच पर ही जम्मू के कलाकारों ने डोगरी नृत्य प्रस्तुत किया। असम की नृत्यांगनाओं ने बिहू की प्रस्तुति से दर्शकों को लुभाया।

शाम को दर्पण सभागार में आयोजित दो कार्यक्रमों में जयपुर के ‘‘डेज़र्ट ऑफ़ राजस्थान’’ के अंतर्गत कलाकारों ने राजस्थान की समृद्ध गायन और नृत्य परंपरा का प्रदर्शन किया। हेमराज सुमित राणा के सानिध्य में गायक कलाकार ओम प्रकाश ने लोक गीतों की प्रस्तुति दी। इनके साथ ढोलक वादकों राहुल और मुकेश की संगत उत्कृष्ट रही। 

इस अवसर पर नृत्यांगना गंगा, पूजा, ललिता, राधा ने सुंद अंदाज में पहले घूमर नृत्य की प्रस्तुति दी इसके बाद किशनगढ़ की गूजर महिलाओं द्वारा किया जाने वाला चरी नृत्य प्रस्तुत किया। इस अवसर पर नृत्यांगनाओं द्वारा प्रस्तुत कालबेलिया नृत्य की प्रस्तुति को दर्शकों द्वारा खूब सराहा गया वहीं कलंदर की प्रस्तुति पर दर्शकों ने करतल ध्वनि से संगत की।

आजादी का अमृत महोत्सव- शिल्पग्राम में रंगोली प्रतियोगिता 27 दिसम्बर को

देश की आजादी की 75 वीं वर्षगांठ के अवसर पर संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार द्वारा मनाये जा रहे ‘‘आजादी के अमृत महोत्सव’’ के अंतर्गत केन्द्र द्वारा शिल्पग्राम उत्सव के दौरान  27 दिसम्बर को ‘‘रंगोली प्रतियोगिता’’ का आयोजन किया जायेगा। जिसमें जन सामान्य भाग ले सकेंगे।

केन्द्र निदेशक किरण सोनी गुप्ता ने इस आशय की जानकारी देते हुए बताया कि आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत संस्कृति मंत्रालय द्वारा रंगोली प्रतियोगिता, लाॅरी लेखन तथा देश भक्ति गीत लेखन प्रतियोगिताओं का ऑनलाइन आयोजन किया जा रहा है। 

इस क्रम में केन्द्र द्वारा उत्सव के दौरान 27 दिसम्बर को रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन किया जायेगा। इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिये शिल्पग्राम में रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था की गई है।