×

अपने ही रंग में लौटने लगा शिल्पग्राम उत्सव

हाट बाजार, दर्पण सभागार, रंगमंच पर प्रस्तुतियों की रौनक

 

उदयपुर। यहां हवाला गांव स्थित ग्रामीण पारिसर शिल्पग्राम में आयोजित ‘‘शिल्पग्राम उत्सव’’ अब धीरे-धीरे अपने रंग में रंगना शुरू हुआ है। उत्सव की मौज मस्ती मेले का आनन्द कलाकारों के साथ हंसी मजाक, शिल्प वस्तुएँ खरीदना, चाट के चटखारे लेना जैसे दृश्य शिल्पग्राम परिसर में नजर आने लगे हैं। उत्सव में एक ओर जहां दिन भर विभिन्न स्थानों पर कला प्रस्तुतियाँ हुई वहीं दर्पण सभागार कला प्रस्तुतियों से गुंजायमान हो उठा।


    
लोक कला और शिल्प परंपरा के प्रोत्साहन के लिये आयोजित उत्सव के चौथे दिन शिल्पग्राम में पर्यटकों और आगंतुकों की आवक में अशातीत वृद्धि देखी गई। कमोबेश सभी शिल्प बाजारों में लोगों की रौनक रही। वस्त्र संसार में पसंदीदा वस्त्रों की खरीददारी करते महिलाएं नजर आई। महिलाओं का रूझान सलवार सूट, साड़ियों, आर्टीफिशियल ज्वैलरी, घर की सजावट, लैपम शेड्स, लालटेन, टेराकोटा आइटम्स, वूलन कारपेट आदि की तरफ रहा वहीं मेले में आने वाले युवाओं का आकर्षण विभिन्न फूड स्टाॅल्स रहे जहां पिज़्जा, बरगर, साउथ इंडियन फूड, पाव भाजी, आइसक्रीम पर जोर रहा। हाट बाजार में खुर्जा पाॅटरी, कुशन कवर, मेटल के फ्लाॅवर वास, डेकोरेटिव डिश, कश्मीरी पश्मीना शाॅल, पारंपरिक खिलौने की दुकानों पर खरीददार दिखाई दिये। 

दोपहर में मुक्ताकाशी रंगमंच पर गुजरात महाराष्ट्र के कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियाँ दी। इनमें गुजरात की वसावा जनजाति का वसावा होली नृत्य जिसमें कलाकारों ने चित्ताकर्षक संरचनाएं बनाई व अपने नर्तन से उत्साह भरा। सिद्दिी धमाल नृत्य की प्रस्तुति को दर्शकों द्वारा सराहा गया वहीं ढोलकी, मुगरवान, शंख की ध्वनि पर तीव्र लयकारी पर दर्शकों ने करतल ध्वनि से संगत करते हुए कलाकारों का उत्साहवर्धन किया।

दर्पण सभागार में महाराष्ट्र के कलाकारों की प्रस्तुतियों ने मनमोह लिया। इस अवसर पर महाराष्ट्र का शेतकारी नृत्य वहां के कृषक समुदाय से जुड़ा नृत्य था तो दमण के कलाकारों ने माछी नृत्य समुदाय द्वारा किये जाने वाले मत्स्य आखेट के दृश्यों को मंच पर साकार किया।

लावणी महाराष्ट्र की समृद्ध परंपरा है जिसमें शास्त्रीय नृत्य संगीत का अनूठा मिश्रण होता है। मराठी नर्तकियों ने लावणी शैली में अपनी नृत्य मुद्राओं से लुभाया। कार्यक्रम में इसके अलावा सौगी मुखवटे, शिवाजी महाराज का प्रसंग, राष्ट्र का गीत आदि प्रस्तुतियां उल्लेखनीय है। इस अवसर पर महाराष्ट्र की वासुदेव परंपरा का प्रदर्शन ने दर्शकों को समृद्ध भक्ति परंपरा का बोध करवाया।

रंगोली प्रतियोगिता के लिये रजिस्ट्रेशन शुरू, 27 दिसम्बर को शिल्पग्राम में होगा आयोजन

पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की ओर से आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत शिल्पग्राम में 27 दिसम्बर को आयोजित ‘‘रंगोली माण्डणा’’ प्रतियोगिता के लिये रजिस्ट्रेशन प्रारम्भ किया गया है। 

भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव के अतर्गत रंगोली प्रतियोगिता, लाॅरी लेखन तथा देश भक्तिगीत लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। इस आयोजन में केन्द्र द्वारा शिल्पग्राम उत्सव के दौरान 27 दिसम्बर को ‘‘रंगोली व माण्डणा’’ की प्रतियोगिता का आयोजन किया जायेगा। प्रतियोगिता में भाग लेने के इच्छुक शिल्पग्राम में स्वयं का रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। इसके साथ ही जो महिलाएं व कलाकार निजि स्तर पर वेबसाइट पर जाकर भी स्वयं का रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। शिल्पग्राम में रजिस्ट्रेशन हेतु मुख्य द्वार के समीप बने क्योस्क पर सम्पर्क किया जा सकता है।