स्वाति सिंह की गायकी से गुलजार हुआ शिल्पग्राम
‘गुल़जार-बात पश्मीने की’ प्रस्तुति आज
उदयपुर 2 जून 2024 । पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र उदयपुर द्वारा शिल्पग्राम में शनिवार को आयोजित गुल़जार-ए-गज़ल़ कार्यक्रम के पहले दिन स्वाती सिंह एवं दल ने अपनी प्रस्तुति दी। इससे पहले अतिथियों ने दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र उदयपुर के निदेशक फुरकान खान ने बताया कि गुल़जार-ए-गज़ल़ कार्यक्रम में शिल्पग्राम के मुक्ताकाशी रंगमंच पर देहरादून से पैशन क्लब ऑफ म्यूजिक की स्वाति सिंह एवं दल द्वारा ग़ज़लों की प्रस्तुति दी गई।
इन प्रस्तुतियों में रफ्ता-रफ्ता, हंगामा, एक अहसान, तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो, तुमको देखा तो ये ख्याल आया, आज जाने की जिद ना करो, रंजिश ही सही सहित कई गज़लें थीं। अंत में दर्शकों की फरमाईश पर दमा दम मस्त कलंदर की प्रस्तुति ने दर्शकों को रोमांचित कर दिया।
अंत में कलाकारों का सम्मान किया गया। इस कार्यक्रम में तबले पर आदित्य बिजलवान, बांसुरी पर भक्तचरण, ईलेक्ट्रिक गिटार पर दीपक थापा, बास गिटार पर जोनाथन साहू, कीबोर्ड पर अमन कुमार, वाद्ययंत्र पर रोहन रावत एवं समन्वयक मेहुल गुप्ता ने सहयोग दिया। कार्यक्रम का संचालन दुर्गेश चांदवानी ने किया।
उल्लेखनीय है कि स्वाती सिंह वुमनिया बैण्ड की फाउण्डर भी है जो कि महिलाओं को संगीत के क्षेत्र में अपनी प्रतिभा तराशने का मौका प्रदान कराती है।
‘गुल़जार-बात पश्मीने की’ प्रस्तुति आज
रविवार 2 जून को नीश एंटरटेनमेंट पुणे द्वारा पद्म भूषण एवं ज्ञानपीठ पुरस्कार से अलंकृत गुलज़ार साहब पर ऑडियो-वीडियो प्रस्तुति ‘गुल़जार-बात पश्मीने की’ सचिन खेड़ेकर, किशोर कदम एवं पूर्णिमा मनोहर द्वारा प्रस्तुति दी जाएगी। ‘गुलज़ार-बात पश्मीने की’, प्रसिद्ध कवि, गीतकार, लेखक और निर्देशक गुलज़ारजी के जीवन और कार्यों पर आधारित है। यह शो उनकी विभिन्न फिल्मों के गीतों और अंशों के साथ एक दृश्य-श्रव्य अनुभव है, जैसे आंधी, इजाज़त, किनारा, मौसम, अंगूर से लेकर बंटी और बबली तक कुछ नाम हैं। शो में ‘पुखराज’ और ‘रावी पार’ जैसी उनकी रचनाओं के काव्य और गद्य अंश भी शामिल हैं। प्रवीण जोशी ने इस शो को लिखा है, इसकी संकल्पना और निर्देशन मिलिंद ओक ने किया है। इस समारोह में आमजन का प्रवेश निःशुल्क रहेगा।