नौवाँ उदयपुर फ़िल्म फेस्टिवल 15 से 17 नवंबर तक
राजस्थान की युवा प्रतिभाओं पर फोकस करेगा प्रतिरोध का सिनेमा
उदयपुर 14 नवंबर 2024। आगामी 15 से 17 नवंबर तक उदयपुर के आर एन टी मेडिकल कॉलेज के एन. एल. टी. हॉल में प्रतिरोध सिनेमा अभियान का नौवाँ उदयपुर फ़िल्म फेस्टिवल होगा। इस बार का फोकस राजस्थान के युवा फिल्मकारों की फिल्में रहेंगी। नौवाँ उदयपुर फ़िल्म फेस्टिवल मानवाधिकार कार्यकर्ता जी. एन. साईबाबा और फिलिस्तीन के नरसंहार में मारे जा रहे हज़ारों मासूम बच्चों की याद में किया जा रहा है।
इन फिल्मों का चयन आठ लोगों की जूरी द्वारा राज्य स्तरीय अभियान के द्वारा किया गया जिसमें कुल 130 प्रविष्टियाँ आई। इन 130 प्रविष्टियों में से 14 फिल्मकारों की फिल्मों का चयन किया गया। इन फिल्मों की अवधि 2 मिनट से लेकर 15 मिनट की है। फिल्म फेस्टिवल के दौरान ये सभी फिल्मकार फिल्म की स्क्रीनिंग के बाद दर्शकों के साथ बातचीत के लिए उपलब्ध रहेंगे।
2014 से शुरू हुआ उदयपुर फिल्म फेस्टिवल प्रतिरोध का सिनेमा अभियान के राष्ट्रव्यापी अभियान का अभिन्न हिस्सा है। प्रतिरोध का सिनेमा अभियान (सीओआर) आम लोगों के बीच वैकल्पिक या नए सिनेमा को ले जाने का काम करता है। 2006 में गोरखपुर से शुरू हुआ यह अभियान पूरे उत्तर भारत में सिनेमा स्क्रीनिंग के जरिये एक वैकल्पिक सास्कृतिक स्पेस बनाने की कोशिश में जुटा है। कोशिश रहती है कि अर्थपूर्ण सिनेमा को कस्बों, गाँवों और सामुदायिक जगहों पर ले जा सके। फिल्मों के जरिये विभिन्न मुद्दों पर लोगों को एकजुट करने की कोशिश करते हैं।
उदयपुर फ़िल्म फेस्टिवल के आयोजकों ने बताया कि हम किसी भी तरह की कॉरपोरेट फंडिंग नहीं लेते हैं। हमारा विश्वास है कि जनता का सिनेमा जनता के सहयोग से ही संभव होगा। हमारे सारे आयोजन सिर्फ बन सहयोग से संचालित होते हैं। बिना किसी स्पॉन्सरशिप के अभी तक हमने 73 फिल्म फेस्टिवल सफलतापूर्वक आयोजित किये हैं। इन सारे फेस्टिवलों में सिनेमा और दूसरे कला माध्यमों की तमाम मशहूर हस्तियों ने हिस्सा लिया है। बड़े फ़िल्म फेस्टिवलों के अलावा प्रतिरोध का सिनेमा की विभिन्न इकाइयाँ स्थानीय स्तर पर आम लोगों के बीच नियमित तौर पर सिनेमा दिखाने का काम भी करती हैं।
नौवे उदयपुर फिल्म फेस्टिवल में कुल 7 कथा फिल्मों 1 प्रयोगात्मक फ़िल्म और 16 दस्तावेज़ी फिल्मों का प्रदर्शन होगा। फेस्टिवल में सिनेमा इन स्कूल अभियान की विशेष प्रस्तुति के बतौर धारू आदिवासियों के जीवन से सम्बंधित दस्तावेजी फिल्म चारू ईको वील्स' का प्रदर्शन भी होगा जिसका निर्माण उत्तराखंड की तराई में स्थित नानकमत्ता पब्लिक स्कूल के धारू विद्यार्थियों ने किया है। ये विद्यार्थी फिल्मकार भी बातचीत के लिए उपलब्ध रहेंगे।
फेस्टिवल का एक और आकर्षण फ़िलिस्तीनी फिल्मों के पैकेज का रहेगा जिसका क्यूरेशन जयपुर में ओरलिटीज संस्था के संचालक विनीत अग्रवाल ने किया है।
फिल्म समारोह में राजस्थान के 14 युवा फिल्मकारो के अलावा अहमदाबाद से संजीव शाह, राँची से बीजू टोप्पो और कुर्युला कुजूर, भोपाल से मुस्कान, बाड़मेर से भूपेंद्र, जयपुर से विनीत अग्रवाल, नानकमत्ता से प्रमोद कांडपाल, स्नेहा राणा और मयंक राणा उपस्थित रहेंगे।
हर बार की तरह इस बार भी नवारुण प्रकाशन के स्टाल पर विभिन्न विषयों की किताबें और कविता पोस्टर बिक्री के लिए उपलब्ध रहेंगे। हर बार की तरह इस बार भी फेस्टिवल में शामिल होने के लिए किसी भी तरह के निमंत्रण या प्रवेश टिकट की जरूरत नहीं है। यह सारा आयोजन आम जन के सहयोग से ही संचालित होता है इसलिए हम अधिकाधिक लोगों को इसमें शामिल होने के लिए प्रेरित करते हैं।