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विश्व आदिवासी दिवस मनाया गया 

आदिवासी दिवस पर विचार गोष्ठी भी आयोजित की गई 

 

उदयपुर 9 अगस्त 2024। आज राजस्थान आदिवासी महासभा उदयपुर द्वारा विश्व आदिवासी दिवस मनाया गया। समारोह मे सबसे पहले धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा, राणा पूंजा, शहीद वीरांगना काली बाई की तस्वीरों पर माल्यार्पण किया गया। फिर पुष्पांजलि अर्पित की गई ।

कार्यक्रम में निम्नलिखित वक्ताओं ने समाज के विभिन्न सामाजिक,शैक्षणिक,आरक्षण संबंधी मुद्दों पर अपने विचार प्रकट किए गए,सबसे पहले महासभा के सचिव व पूर्व सीएमएचओ डॉ दिनेश खराड़ी द्वारा विश्व आदिवासी दिवस के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई तथा कई सामाजिक मुद्दों को उठाया ओर उन मुद्दों के समस्याओं के समाधान के बारे मे बताया,एडवोकेट लोकेश ग़मार द्वारा समाज के धरातल के मुद्दों के बारे में बताया तथा स्थानीय यूवाओ को रोजगार केसे मिले उसके लिए बुद्धिजीवी वर्ग को जिम्मेदारी लेने के बारे में बताया तथा आरक्षण के मुद्दे पर चर्चा की । आदिवासी महासभा के कार्यकारिणी सदस्य एवं सांख्यिकी अधिकारी बनवारी लाल बुम्बरिया ने अभी सुप्रीम कोर्ट द्वारा SC ST वर्ग में जाति के वर्गीकरण के निर्णय तथा उससे यूवाओ को होने वाले  दुष्परिणामों के बारे में विस्तृत से सभी को बताया तथा मीणा मीना विवाद के बारे में TSP क्षेत्र में होने वाले खतरे से अवगत कराया। 

राजस्थान आदिवासी महासभा के सदस्य एवं शिक्षा अधिकारी भीम राज मीणा द्वारा शेड्यूल एरिया में जारी आदिवासी समाज के आरक्षण पर विस्तृत से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि TSP केडर से 50% खुली भर्ती के नाम से कैसे हमारे युवाओं को ठगा जा रहा है ओर किस प्रकार हमारा हक छीना जा रहा है। महासभा के उपाध्यक्ष डॉ महेंद्र परमार ने बताया कि चिकित्सा क्षेत्र में आदिवासी समाज को जागरूक करने की जरूरत है लोगो में अभी भी अंधविश्वास फैला हुआ है । अध्यक्षीय भाषण में संस्था के अध्यक्ष सोमेश्वर मीणा ने बताया कि ये आरक्षण संबंधी जो न्यायालय द्वारा जाति वर्गीकरण के कानून पास किए है इस पर मंथन होना चाहिए उन्होंने अपने उद्बोधन में ये जानकारी दी कि आदिवासी महासभा भवन के स्थान के आधार पर छोटा कार्यक्रम ही रखा था पर काफी संख्या में पुरुष महिला बच्चे आए है ये खुशी का विषय है आने वाले समय में इसको भव्य रूप में मनाएंगे ।

अन्य वक्ताओं में श्रीमति राजकुमारी मीणा ने बताया कि आदिवासी समाज का प्रोग्राम है इसको हमे ओर भी भव्य रूप से मनाने की कोशिश करनी चाहिए उन्होंने समाज में व्याप्त बुराइयों से बचाव की जानकारी दी । एडवोकेट सतीश मीणा ने ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाले अपराधों के रोकथाम के लिए पुलिस तंत्र को जानकारी दे कर लोगो को सचेत रहने की जानकारी दी गई । अन्य वक्ताओं में रमेश असोडा, प्रशासनिक अधिकारी कालू राम तबियाड, प्रवीण चरपोटा, डॉ लाल शंकर डामोर, सुगना डामोर आदि वक्ताओं ने विभिन्न सामाजिक पहलुओं पर अपने अपने विचार रखे। 

इस अवसर पर महिलाओं ने आदिवासी गीत गाये तथा बच्चों ने आदिवासी गानो पर डाँस किए। धन्यवाद संस्था के वरिष्ठ उपाध्यक्ष राकेश हिरात ने दिया तथा कल दिवंगत हुए सलूंबर विधायक अमृत लाल मीणा को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए सभी ने दो मिनट का मौन रखा। कार्यक्रम का संचालन महासचिव सी एल परमार द्वारा किया गया ।

42वां विश्व आदिवासी दिवस पर विचार गोष्ठी, संकट में आदिवासी - खींची
 
42वें विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर जिला आदिवासी समाज सुधार सेवा संस्था कार्यालय खांजीपीर पर देवीलाल दाणा की अध्यक्षता में विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया।

गोष्ठी में मुख्य वक्ता पी.एस.खींची ने आदिवासी के जल, जंगल, जमीन के अधिकारों के बारे में बताया कि वन कानून 1980 को बदल कर 2006 में वन अधिकार कानून बनाया। हालांकि संविधान की पांचवी व छठी अनुसूची में आदिवासियों के अधिकार संरक्षित है, लेकिन यह जनजातियों के अधिसूचित टीएसपी में ही प्रभावी है। वन अधिकार कानून 2006 के आने के बाद ही आदिवासियों के अधिकार व्यापक संरक्षित है। वन्य जीव पैरोकारों ने वन के जंगली जीवों के संकट को लेकर वन कानून को चुनौती दी। सुप्रीम कोर्ट में जंगलो में रह रहे आदिवासियों को बेदखली के आदेश 23.02.2019 को दिये, जिसमें 16 राज्यों के 10 लाख से अधिक आदिवासियों पर जंगल और वन भूमि से बेदखल होने का खतरा पैदा हो गया। केन्द्रीय जनजाति मंत्रालय व सरकार के सोलीसीटर जनरल ने सर्वोच्च न्यायालय में सही तरह से पैरवी नहीं की, जिनका आदिवासियों के हितों की रक्षा का दायित्व है। कोर्ट ने कहा जिनके दावे खारिज हो चुके हैं, उन्हें वनों से बाहर किये जाए। आदिवासी संकट में केन्द्र सरकार ऐसे फैसलों के लिए संसद में रिव्यू किया जाए एवं पैसा कानून प्रभावी ढंग से लागू किया जाए।

गोष्ठी में बंशीलाल सोलंकी, सोहनलाल, दुर्गा शंकर डूंगरी, राजकुमार खराड़ी, एडवोकेट राजेश मीणा, हीरालाल तावड़ सहित कई कार्यकर्ता उपस्थित थे।

जनजाति बालिकाओं को किया जागरूक
विश्व आदिवासी दिवस पर विधिक सेवा प्राधिकरण की पहल

राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अध्यक्ष ज्ञान प्रकाश गुप्ता के निर्देशन में शुक्रवार को विश्व आदिवासी दिवस के उपलक्ष्य में जनजाति बालिका छात्रावास में जागरूकता कार्यक्रम हुआ। एडीजे एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव कुलदीप शर्मा ने जनजाति बालिकाओं को जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी। साथ ही नशीली दवाओं के दुरुपयोग को रोकने एवम् नवचेतना अभियान, साइबर क्राइम से बचने के उपाय, बाल विवाह रोको अभियान, पर्यावरण सरंक्षण, निःशुल्क विधिक सहायता, राष्ट्रीय लोक अदालत के बारे में विस्तृत जानकारी दी। इस अवसर पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के संयुक्त निदेशक गिरीश भटनागर भी मौजूद रहे।

दृष्टिबाधित विद्यार्थियों ने मनाया आदिवासी दिवस

समिधा दृष्टि - दिव्यांग मिशन की ओर से महाविद्यालय के दृष्टिहीन छात्रों के लिए गोवर्धन विलास सामुदायिक केंद्र में संचालित छात्रावास में शुक्रवार को विश्व आदिवासी दिवस पर संवाद परिचर्चा आयोजित की गई। कार्यक्रम की विशेषता थी कि यहां अध्ययनरत सभी वर्ग व समाज के विद्यार्थियों ने सामूहिक रूप से उल्लास के साथ भाग लिया।

मुख्य अतिथि उदयपुर शहर विधायक ताराचंद जैन थे। अध्यक्षता समाजसेवी चंद्रगुप्त सिंह चौहान ने की। इस अवसर पर दृष्टिबाधित छात्र देवेंद्र मीणा, मुकेश जाट आदि ने अपने संबोधन में कहा कि अब तक दूर- दराज के क्षेत्र में रहने वाला जनजाति का सामान्य एवं निर्धन वर्ग का परिवार स्वयं को उपेक्षित महसूस करता था। लेकिन, कुछ सालों पहले जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने आदिवासी परिवार की द्रौपदी मुर्मू को देश के सर्वाेच्च राष्ट्रपति के पद पर आसीन किया। उसके बाद से जनजाति का उपेक्षित महसूस करने वाले वर्ग का आत्मविश्वास बढ़ा है। जनजाति का यह वर्ग अब मुख्यधारा में लौट आया है। विधायक ताराचंद जैन ने अपने संबोधन में दृष्टिबाधित विद्यार्थियों को विश्वास दिलाया कि वे उनकी डिग्री होने के बाद सरकारी नौकरी अनिवार्य रूप से लगे इसके लिए हर समय, हर संभव प्रयास करेंगे। विधायक जैन ने कहा कि दृष्टिबाधित विद्यार्थी किसी के भरोसे नहीं है। वे स्वावलंबी हैं। ईश्वर की महिमा है कि यदि किसी इंसान में कोई शारीरिक कमी रह जाती है तो उसे दो अतिरिक्त विशेष गुण प्रदान किए हुए होते हैं।

चंद्रगुप्त सिंह चौहान ने शहर विधायक ताराचंद जैन का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके प्रयासों से इन दृष्टिबाधित विद्यार्थियों को आश्रय स्थल उपलब्ध कराया गया। इसका परिणाम है कि पिछले कुछ माहों में यहां के चार विद्यार्थियों का चयन सरकारी सेवा में हुआ है। कुछ अन्य के साक्षात्कार हो चुके हैं। उनके भी सरकारी सेवा में चयनित होने की पूरी उम्मीद है। आयोजन में संस्था के उपाध्यक्ष संजय चतुर्वेदी, समाराम सहित अन्य अतिथि उपस्थित थे।

एनएसयूआई ने मनाया विश्व आदिवासी दिवस

उदयपुर. विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर उदयपुर एनएसयूआई द्वारा अध्यक्ष देवेंद्र सिंह राठौड़ के नेतृत्व में विश्वविद्यालय के विभिन्न आदिवासी छात्रावास में आदिवासी छात्रों से मुलाकात करके उनको मिठाई खिलाकर विश्व आदिवासी दिवस की शुभकामनाएं दी। देवेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया की प्रकृति के सच्चे सेवक जल जंगल और जमीन के रखवाले आदिवासी समाज ने हमेशा समाज के विकास में अपना योगदान दिया है। इस मौके पर छात्र नेता समीर मेघवाल विक्रम भादू एवं कई एनएसयूआई कार्यकर्ता मौजूद थे।