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विडीयो कांफ्रेंसिंग द्वारा मौसमी बीमारियों की रोकथाम एवं नियंत्रण गतिविधियों की समीक्षा

विशेष कार्य योजना बनाकर मौसमी बीमारियों पर प्रभावी रोकथाम सुनिश्चित की जाए- अति. मुख्य सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य
 

अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्रीमती शुभ्रा सिंह ने आज विडीयो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से  निर्देश दिए हैं कि मौसमी बीमारियों मलेरिया, डेंगू व स्क्रब टायफस आदि पर प्रभावी रोकथाम सुनिश्चित की जाए। इसमें किसी स्तर पर लापरवाही नहीं हो। उन्होने समस्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों के माध्यम से विशेष कार्य योजना बनाते हुए मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए आवश्यक गतिविधियां सम्पादित करने के निर्देश दिए।प्रदेशभर में मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए चलाई जा रही गतिविधियों पर चर्चा की। 

जिला स्तर से संयुक्त निदेशक डॉ जेड ए काजी, सीएमएचओ डॉ शंकर एच बामनिया, डिप्टी सीएमएचओ डॉ अंकित जैन, बीसीएमओ और सीएचसी चिकित्सा प्रभारी उपस्थित थे।

अतिरिक्त मुख्य सचिव ने मौसमी बीमारियों से अधिक प्रभावित 9 जिलों (धौलपुर, बीकानेर, भरतपुर, बारां, दौसा, श्रीगंगानगर, झालावाड़, जोधपुर, उदयपुर) में मौसमी बीमारियों की रोकथाम एवं नियंत्रण गतिविधियों की सघन मॉनिटरिंग व सुपरविजन के लिए सभी जोन के संयुक्त निदेशक को निर्देश दिये। 

अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि मौसमी बीमारियों पर रोकथाम के लिए सर्वे टीमों की संख्या में आवश्यकतानुसार वृद्धि कर सोर्स रिडक्शन एवं एन्टीलार्वा गतिविधियों की नियमित मॉनिटरिंग सुनिश्चित की जाए और इसकी रिपोर्ट राज्य स्तर पर भेजें। 

श्रीमती सिंह ने जिला अस्पतालों में मौसमी बीमारियों के केसेज की बढ़ती संख्या को मद्देनजर रखते हुये वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित करने एवं सीएचसी स्तर पर भी मच्छररोधी वार्ड बनाकर मरीजों के इलाज की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सीएचसी स्तर पर मरीजों को समुचित इलाज मिलने से जिला स्तर पर मरीजों का भार कम होगा। 

संयुक्त निदेशक डॉ जेड ए काजी ने बताया कि पूरे सम्भाग में मौसमी बीमारियों से बचाव हेतु एक्टिविटी करवाई जा रही है।

सीएमएचओ डॉ बामनिया ने बताया कि अभी शहर में मौसमी बीमारियों के लिए घर-घर सर्वे नर्सिंग छात्रों के सहयोग से किया जा रहा है। डिप्टी सीएमएचओ डॉ अंकित जैन ने बताया कि शहरी स्वास्थ्य केंद्रों द्वारा एएनएम, आशा सहयोगिनी और नर्सिंग छात्र सोर्स रिडक्शन,एंटी लारवा, एंटी एडल्ट एक्टिविटी कर रहे हैं। अधिक प्रभावित क्षेत्रों में फोगिंग करवाईं जा रही है। प्रतिदिन चिकित्सा संस्थानों से जांच रिपोर्ट मंगवाई जा रही है।